माननीय मनोज तिवारी मृदुल जी आप नाक से गाते हैं फिर भी लोगों ने आपकी गायन शैली को पसंद किया और मुझे भी पसंद है। देखते-देखते आप गायक से नायक बन गए, बकवास अभिनय के बाद भी लोगों ने आपको सराहा लेकिन अभिनेता से नेता बनने का मामला लोगों के समझ से बाहर है। पहले सपा में शामिल हुए तो गोरखपुर में वहां की जनता से फिल्म सिटी बनवाने का झूठा वादा करते हुए आपने कहा कि मनोज तिवारी सपा पार्टी के पुत्र हैं। आज आप भाजपा में शामिल हो गए तो क्या आप बतायेंगे कि ये माता-पिता बदलने की परम्परा आपने कहाँ से सीखी।
हमारी भारतीय परंपरा तो इसकी इजाजत नहीं देती, और इस वक़्त आप उस पार्टी में हैं जो भारतीय परंपरा को अपना आदर्श मानने का ढोंग करती है। गोरखपुरवासियों को तो आपने छला ही, साथ में आपने अपने कलाकार साथियों को भी नहीं छोड़ा। अगर मालिनी ब्रांड अम्बेस्डर बन गई तो आपको बुरा क्यों लगा? आपने कहा कि मालिनी भोजपुरी नहीं मैथिली गायक हैं, लेकिन आप ये भूल गये कि आपने भी अपने गाने की शुरुवात मैथिली गाने से ही किया है।
वर्तमान में आप दिल्ली से भाजपा के उम्मीदवार हैं। लेकिन गायक से नायक और फिर अभिनेता से नेता बने मनोज जी आपमें ऐसी क्या बात है जिससे कि लोग आपकी सारी फरेबी और धोखाधड़ी भूलकर आपको अपना नेता माने और आपको जिताएं? जवाब तो देना ही होगा चाहे आप अभी दें या फिर हारने के बाद।
लेखक किसलय गौरव से संपर्क उनके ईमेल [email protected] पर किया जा सकता है।