काशी की साझा संस्कृति को विकृत रूप से पेश किये जाने के विरुद्ध साझा संस्कृति मंच रचनात्मक अभियान चलाएगा। आगामी लोकसभा निर्वाचन में कार्पोरेट जगत द्वारा राजनीति में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप तथा नियंत्रण के प्रयास को मंच बेनकाब करेगा। गत पांच वर्षों में देश में हुए समस्त घोटालों का उदारीकरण, निजीकरण की आर्थिक नीतियों से सीधा सम्बन्ध है। मुख्यधारा की राजनीती द्वारा महगाई, बेरोजगारी, किसानो की बदहाली जैसे मुद्दों को पीछे ढकेलने से मंच चिंतित है।
साझा संस्कृति मंच द्वारा 26 मार्च 2014(बुधवार) को कार्पोरेट जगत द्वारा नियंत्रित मीडिया (विशेषकर इलेक्ट्रानिक मीडिया) द्वारा काशी की छवि को धूमिल करने के बाबत जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से निर्वाचन आयोग एवं प्रेस परिषद् को ज्ञापन दिया जाएगा।
साझा संस्कृति मंच के अध्यक्ष डॉ. नीति भाई की अध्यक्षता में नेपाली कोठी, वरुनापुल स्थित मंच के कार्यालय में हुयी बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में प्रमुख रूप से फादर आनंद, डॉ. स्वाती, डॉ. लेनिन रघुवंशी, अफलातून, जाग्रति राही, नंदलाल मास्टर, वल्लभाचार्य पाण्डेय, पारमिता, डॉ. नीता चौबे, सतीश सिंह, राजेश श्रीवास्तव, प्रेम प्रकाश, दिलीप दिली, मूसा आजमी, डॉ. आरिफ, हरिश्चंद्र वर्मा, श्रीप्रकाश राय, डॉ. मुनीजा रफीक, डॉ. रमन पन्त, धनञ्जय त्रिपाठी, अनूप श्रमिक, जयशंकर, संतोष सिंह, प्रदीप सिंह, अजय आदि सम्मिलित रहे। (प्रेस विज्ञप्ति)
भवदीय
नंदलाल मास्टर
सचिव, साझा संस्कृति मंच।
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