दैनिक जागरण कहता है कि वह देश का प्रतिष्ठित, नंबर वन अखबार है। रीडरशिप में अव्वल है। इस मुकाम तक पहुंचने में संस्थान की मेहनत काबिले तारीफ है। जिम्मेदार लोगों की बदौलत ही संस्थान ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पर, जागरण के कुछ गैर जिम्मेदार लोग संस्था की साख पर बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मामला खबरों को रिपीट किए जाने का है। इलाहाबाद यूनिट से जुड़े प्रतापगढ़ एडिशन में 09 अप्रैल और 10 अप्रैल को ऐसा ही देखने को मिला। 09 अप्रैल के प्रतापगढ़ संस्करण में पेज संख्या 9 पर एक रिपोर्ट "ठहरे हुए तालाब की मानिंद" प्रकाशित हुई है। यह रिपोर्ट वरिष्ठ पत्रकार विष्णु प्रकाश त्रिपाठी की है। यही रिपोर्ट 09 अप्रैल के ही अंक में पेज संख्या 13 पर भी प्रकाशित की गई है। फर्क सिर्फ इतना है कि पेज 13 की रिपोर्ट में फोटो नहीं लगाई गई है।
इस गलती के ठीक एक दिन बाद 10 अप्रैल के प्रतापगढ़ संस्करण में ही एक खबर फिर से रिपीट हुई। "गर्लफ्रेंड रीवा ने पिस्टोरियस की बाहों में तोड़ा था दम" शीर्षक से प्रकाशित खबर पेज संख्या 14 और 16 के एक नज़र कालम में पढ़ने को मिलीं। दिलचस्प बात यह है कि यह खबर फोटो के साथ है। रिपीट की यह गलती प्रिंट के साथ ई-पेपर में भी मौजूद है। काबिलगौर है कि जागरण में खबरों को रिपीट किए जाने का यह सिलसिला कोई नया नहीं है। इसके पहले भी कई खबरें रिपीट हो चुकी हैं।
एक पाठक द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।