Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

बिहार

यदि वोट देने का पैमाना विकास है तो फिर बिहार में नीतीश को वोट क्यों नहीं?

मैं स्पष्ट कर दूं कि बिहार के एक ऐसे इलाके से आता हूं जहां विकास की लौ अब पहुंचनी शुरु हुई है। 2007 से मैं बिहार में नहीं रहता लेकिन इन सात सालों में जो कुछ भी परिवर्तन दिखा उसमें नीतीश कुमार का अक्स सामने आता है। सोचता हूं कि वो वहीं बिहार है जहां गड्ढ़े को सड़क कहा जाता था, ये वही स्कूल है जिसके छत नहीं होते थे, ये वही अस्पताल है जहां दवाएं तो दूर डॉक्टर नजर नहीं आते थे, ये वही पगडंडियां हैं जहां सैकड़ों बच्चियां साइकिल चला रही हैं।

मैं स्पष्ट कर दूं कि बिहार के एक ऐसे इलाके से आता हूं जहां विकास की लौ अब पहुंचनी शुरु हुई है। 2007 से मैं बिहार में नहीं रहता लेकिन इन सात सालों में जो कुछ भी परिवर्तन दिखा उसमें नीतीश कुमार का अक्स सामने आता है। सोचता हूं कि वो वहीं बिहार है जहां गड्ढ़े को सड़क कहा जाता था, ये वही स्कूल है जिसके छत नहीं होते थे, ये वही अस्पताल है जहां दवाएं तो दूर डॉक्टर नजर नहीं आते थे, ये वही पगडंडियां हैं जहां सैकड़ों बच्चियां साइकिल चला रही हैं।

मैं ऐसा दावा नहीं कर रहा कि बिहार बहुत विकास किया है लेकिन कोई भी इंसान बिना किसी दुर्भावना से दिल पर हाथ रखकर कहे कि, जो मैंने कहा वो गलत है। क्योंकि कोई ऐसा विभाग नहीं मिलेगा जहां विकास की किरण हल्की-फुल्की नहीं पहुंची। विकास की किरण कहने का मतलब ये नहीं कि अपेक्षित विकास हुआ है बल्कि ये है कि जहां कुछ भी नहीं था वहां कुछ दिखाई देने लगा है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली की सुविधाएं अब लोगों तक पहुंचनी शुरु हुई हैं। बिहार के किसी इलाके की मुख्य सड़क आप देख लें सही मिलेंगे। शिक्षा में तो बिहार ने इबारत लिख दी है। ग्रामीण इलाके की लड़कियां सड़कों पर हजारों की संख्या में साइकिल से स्कूल जाती मिलेंगी। सात साल पहले राजधानी पटना की सड़कों पर कुछ ही लड़कियां साइकिल चलाती दिखती थीं। स्वास्थ्य सेवाओं में प्राथमिक स्तर पर सुधार हुआ है। प्रखंड लेवल के स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर की कौन कहे फ्री में दवाईयां मिलती हैं। रोजगार की बात करें तो बहुत तो नहीं लेकिन नीतीश ने सार्थक प्रयास किए हैं। लगभग ढाई से तीन लाख लोगों को शिक्षामित्र और कई नौजवानों को बिहार सरकार में कॉन्ट्रेक्ट पर नौकरियां मिली हैं। जो महिलाएं चार दिवारी से बाहर नहीं निकलीं थी वो आज प्रखंड प्रमुख, मुखिया, जिला परिषद और स्कूलों में पढ़ाती हैं।

उदाहरण के तौर पर मैं कई ऐसे अनुभव से दो चार हुआ हूं। एक बार एक लड़की को देखा तो अपनी मां को वो साइकिल पर पीछे बिठाकर उसे अस्पताल दिखाने ले जा रही थी। एक बार मैं घर पर था तो देखा कि एम्बुलेंस खड़ी है। मुझे सचमुच आश्चर्य हुआ कि मैं वहीं गांव में हूं। फिर पता चला कि पड़ोसी के घर प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ये एम्बुलेंस आई है। ये जानने के बाद दिलचस्पी और बढ़ी और पूछा तो गांववालों ने बताया कि एक कॉल करें आपके घर एम्बुलेंस आ जाएगी। मेरे गांव में 18 घंटे बिजली रहती है। जब पढ़ते थे उस समय जिला मुख्यालय आरा में 10 घंटे बिजली नहीं रहती थी।

ये सच है कि इसे माकूल विकास नहीं कहेंगे लेकिन हम उस प्रदेश की बात कर रहे हैं, जहां ये पहले दूज का चांद दिखने के समान था। कुछ लोग कहते हैं कि ये सारा काम केन्द्र प्रायोजित है। मैं मानता हूं कि है, लेकिन क्या इससे पहले केन्द्र प्रायोजित योजनाएं नहीं चलती थी। कुछ लोग कहते हैं कि नीतीश कुमार अहंकारी हैं, होंगे लेकिन आम जनता को क्या चाहिए? हां, नीतीश  सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगा पाया। आज भी सरकारी महकमें में वहीं हालात हैं जो पहले थे। इस मामले में भी सार्थक प्रयास किए गए। कई भ्रष्टाचारियों की संपत्ति सरकार ने जब्त की है, फिर हालात नहीं सुधर रहे हैं। इसके लिए सरकार के साथ-साथ आमजन को भी आगे आना होगा।

कहते हैं कि राजनीति में कुर्सी की सियासत होती है और इसके लिए हर कोई दांव चलता है। इसलिए मैं ये नहीं कहता कि नीतीश दूध के धुले हुए हैं। बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की बात हो या बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की बात हो। इसमें नीतीश की राजनीति साफ नजर आती है लेकिन अगर वोट देने का पैमाना सचमुच में विकास है तो फिर नीतीश कुमार की पार्टी को वोट क्यों नहीं? ये चुनाव इस बात को भी प्रमाणित करेगा कि बिहार की राजनीति जाति, धर्म से निकलकर विकास पर आ टिकी है या नहीं। 16 मई को आपका जनादेश देश के सामने होगा कि कौन जीता? विकास की राजनीति या फिर वहीं…

अजय कुमार सिंह
प्रोड्यूसर, श्रीन्यूज, दिल्ली
मोबाइल नंबर-9711749356

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement