हिन्दी न्यूज चैनलों में गुणवता और स्क्रीन एलर्टनेस में गिरावट दिखना अब आम हो गया है। मसलन, थके हुए विजुअल्स, हेडलाइन्स कुछ और हेडलाइन्स-विजुअल्स कुछ और। कामचलाऊ शब्दों का उपयोग। एंकरिंग का मतलब बिना किसी भाव भंगिमा के सिर्फ टीपी पढ़ना। ग्राफिक्स पैकेजिंग में भारी झोल आदि-आदि। सिर्फ एक-दो चैनलों को छोड़ गुणवत्ता में ऐसी गिरावट सभी चैनलों की स्क्रीन पर आमतौर पर देखने को मिल जाती है। मैं हमेशा चैनलों को वॉच करता रहता हूं और जहां गलतियां दिख जाती हैं वहीं पर मेरी आंखें रुक जाती हैं।
फोकस न्यूज को वॉच कर रहा था। टेक्सट प्लेट पर चल रहा टेक्सट वकील साहब के फोनो प्लेट के पीछे जाकर छिप जा रहा था। इतना ही नहीं कहीं संवैधानिक तो कहीं संविधानिक लिखा आ रहा था। अक्सर ऐसी गलतियां तभी होती हैं जब आपकी टीम गंभीर और एलर्ट की अवस्था में बिल्कुल नहीं हो और मार्गदर्शन करने वाले की पैनी नजर स्क्रीन पर नहीं हो।
मैं कोई आलोचना नहीं कर रहा हूं, बल्कि हिन्दी चैनलों के प्रति मेरा आत्मिक लगाव रहा है। संजीव श्रीवास्तव जी को मैं नहीं जानता, मगर उनका नाम गंभीर पत्रकारिता करने वालों में शुमार किया जाता है और इस लिहाज से मुझे उनके प्रति एक सम्मानभाव भी है और इसी भावना से मेरी उनसे गुज़ारिश भी है कि स्क्रीन पर जा रही गलतियों पर ध्यान दें।
एक दर्शक द्वारा भेजा गया पत्र।