: कौन हैं निर्मल बाबा? (भाग चार) : रांची : निर्मल बाबा के दो खाते हैं. एक निर्मल दरबार के नाम से (जिसका नंबर टीवी पर चलता रहता है) और दूसरा निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम से. इस खाते का नंबर है 1546000102129694. यह टीवी पर नहीं दिखाया जाता. प्रभात खबर को जो दस्तावेज हाथ लगे हैं, उसके मुताबिक इस खाते में चार जनवरी 2012 से 13 अप्रैल 2012 के बीच 123 करोड़ (कुल 1,23,02,43,974) रुपये जमा हुए. इस राशि में से 105.56 करोड़ की निकासी भी हुई. 13 अप्रैल की तिथि को उनके खाते में 17.47 करोड़ बचे थे.
शुक्रवार को प्रभात खबर ने खुलासा किया था कि निर्मल बाबा के एक खाते (निर्मल दरबार के नाम से) में जनवरी से अप्रैल माह तक 109 करोड़ रुपये जमा हुए थे. खुद निर्मल बाबा ने एक टीवी चैनल के सामने स्वीकार किया कि उनके दो खाते हैं और फरजीवाड़े से बचने के लिए ही उन्होंने दो खाते रखे हैं.
खुद भी निकासी की बाबा ने : उपलब्ध दस्तावेज के मुताबिक निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा ने चार जनवरी से सात अप्रैल तक की अवधि में कुल 16 बार निकासी की. बाबा ने इसमें से कुछ रकम की निकासी खुद की, जबकि कुछ रकम दूसरे को ट्रांसफर किये. बाबा के खाते के ब्योरे से पता चलता है कि उन्होंने नौ जनवरी को इसमें से 20 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट किया. इसके बाद 11 जनवरी को भी पांच करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट किया. बाबा ने अपने इस खाते से दो मार्च को 20 करोड़ रुपये (आरटीजीएस) और छह मार्च को 33 करोड़ रुपये (आरटीजीएस) ट्रांसफर किये. इसके बाद 30 मार्च को 11 करोड़ रुपये (आरटीजीएस) ट्रांसफर किये, जबकि खुद के नाम सात अप्रैल को 14.87 करोड़ रुपये की निकासी की. संभवत: यही राशि डीएलएफ जीके रेजीडेंसी को ट्रांसफर किये गये.
सूद भी मिले हैं निर्मल बाबा को : निर्मल बाबा को विभिन्न प्रकार के जमा पर 13 मई 2011 से 31 मार्च 2012 तक के बीच सूद के रुप में 85.77 लाख रुपये मिले. सूद के ब्योरे से यह पता चलता है कि उन्हें 30 जून 2011 को बतौर सूद 11.62 लाख रुपये, 30 सितंबर 2011 को 22.05 लाख रुपये और 31 दिसंबर 2011 को 22.62 लाख रुपये मिले. इसी तरह 31 मार्च को उन्हें सूद के रुप में 23.02 लाख रुपये मिले.
– चार जनवरी से 13 अप्रैल तक डाली गयी यह राशि इसमें से 105.56 करोड़ की निकासी भी की गयी 13 अप्रैल की शाम तक खाते में थे 17.47 करोड़ रुपये
खातों की जांच संभव : निर्मल बाबा की आय के स्नेतों पर आयकर विभाग की नजर है. आयकर उनके बैंक खातों की जांच कर सकता है. आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फाइनांशिल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआइयू) निर्मल बाबा की आय के स्नेतों पर पैनी नजर रख रही है. एफआइयू इस बात की भी जांच कर सकती है कि बैंक खातों के अलावा निर्मल बाबा को और किन-किन माध्यमों से पैसे दिये गये. बाबा ने कहां-कहां निवेश किये.
– शुक्रवार को आइसीआइसआइ बैंक के खाते में जमा हुए मात्र 34 लाख
– पहले रोज औसतन एक करोड़ रुपये जमा कराते थे लोग
निर्मल बाबा का सेंसेक्स गिरा
रांची : निर्मल दरबार के नाम से आइसीआइसीआइ बैंक में खुले निर्मल बाबा के खाते (संख्या 002-905-010-576) में शुक्रवार को सिर्फ 34 लाख जमा किये गये. पहले इस खाते में प्रतिदिन औसतन एक करोड़ रुपये जमा किये जा रहे थे.
पर शुक्रवार को इसमें कमी आयी. पूर्व में औसतन चार से साढ़े चार हजार लोग प्रतिदिन निर्मल बाबा के खाते में राशि जमा कर रहे थे. शुक्रवार शाम पांच बजे तक देश भर के 1800 लोगों ने ही बाबा के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में राशि जमा की है.
गुरुवार को क्लोजिंग के समय इस खाते में 15.42 करोड़ जमा थे. शुक्रवार शाम पांच बजे तक खाते में कुल जमा की गयी राशि 15.76 करोड़ थी. रांची में स्थित बैंक की सात शाखाओं में कुल 21 लोगों ने राशि जमा की थी.
प्रभात खबर की सराहना की जगतगुरु शंकराचार्य ने
कोलकाता : जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि अध्यात्म के साथ दुकानदारी नहीं होनी चाहिए. प्रभात खबर से हुई बातचीत में शंकराचार्य ने कहा कि आज का युग विज्ञान का है. हरेक वस्तु को तर्क के साथ प्रस्तुत किया जाता है.
उन्होंने सवाल किया, ऐसे में कृपा के साथ कारोबार को कैसे जोड़ा गया? शंकराचार्य ने प्रभात खबर द्वारा निर्मल बाबा का भंडाफोड़ करने पर प्रभात खबर परिवार को बधाई भी दी. कहा है कि प्रभात खबर ने अपने पत्रकारिता धर्म का पालन निष्पक्षता के साथ किया है. यह पहल निर्भीक पत्रकारिता का परिचायक है.
उन्होंने कहा कि इसके पहले भी प्रभात खबर ने इस प्रकार की घटनाओं का भंडाफोड़ किया है. कोलकाता प्रवास के दौरान इस अखबार में विभिन्न समाज व धर्म विरोधी क्रियाकलापों को उजागर करते देखा गया है. आवश्यकता है कि भविष्य में भी इस प्रकार का भंडाफोड़ कर समाज व धर्म की रक्षा हो.
संत अथवा बाबा कृपा कर शिष्यों से धन नहीं लेते, बल्कि आशीर्वाद देते हैं. संत का काम भक्तों पर कृपा करना है, लेकिन आजकल अध्यात्म के साथ ऐसे लोग जुड़ रहे हैं, जो अध्यात्म को सहारा बना अपनी दुकानदारी व कारोबार कर रहे हैं. इस प्रकार के काम करनेवालों को सामने लाने की आवश्यकता है. साथ ही यह क्रम बंद भी होना चाहिए.
– खाते का संक्षिप्त ब्योरा
तिथि राशि जमा हुई
4 जनवरी 6.50 करोड़
9 जनवरी चार करोड़
11 जनवरी तीन करोड़
25 जनवरी सात करोड़
4 फरवरी 8.60 करोड़
8 फरवरी 9.25 करोड़
9 फरवरी नौ करोड़
22 फरवरी 3.50 करोड़
6 मार्च 3.10 करोड़
4 अप्रैल 8.35 करोड़
4 अपैल 3.45 करोड़
– निर्मल बाबा से आज तक की बातचीत
मेरा सालाना टर्न ओवर करीब 238 करोड़ का
निर्मल बाबा शुक्रवार रात समाचार चैनल आज तक पर थे. उन्होंने कई सवालों के जवाब दिये. हम यहां समाचार चैनल के साथ हुई उनकी बातचीत के मुख्य अंश प्रकाशित कर रहे हैं.
चमत्कार पर : मैंने कभी कोई चमत्कार का नाम नहीं लिया. चैनलों पर पहले ऐसी बातें चलायी जाती थीं, पर मैंने इसे हटवा दिया. यह सब प्रभु की कृपा है, जिसे लोग चमत्कार मानते हैं. यह कुंडली जागरण नहीं, यह भ्रम है. पहली बार मुझे शक्ति का एहसास सामाना मंडी में हुई. मेरे घर की छत गिरी, तो मेरे मुंह से निकला, हमारी बहनें दब गयीं.
शक्तियों पर : मेरे पास शक्ति है. लाखों लोगों ने इसे महसूस किया. जो कमियां हैं, उन्हें पूरा करने पर कृपा होने लगती है. यह शक्तियां गॉड गिफ्ट हैं.
टर्न-ओवर पर : हमारा सालाना टर्न ओवर करीब 238 करोड़ का है. हमने किसी से मांगा नहीं. समागम में कंट्रिब्यूशन (सहयोग) लिया. टीवी चैनल मुफ्त में मेरा कार्यक्रम नहीं दिखाते. समागम के लिए ऑडिटोरियम (सभागार) के लिए भी पैसे लगते हैं.
इंदर सिंह नामधारी पर : लुधियाना में बीए किया. एमए सिर्फ दो माह पढ़ा. इंदरसिंह नामधारी मेरे बहनोई हैं. हम उनका सम्मान करते हैं, वह बड़े हैं. पर उनका दावा गलत है, वह कहते हैं कि मेरे पिता की हत्या कर दी गयी थी.
उनकी शादी के समय मैं 13-14 साल का था. पर ऐसा नहीं है. मैं 90 हजार रुपये लेकर डालटनगंज (अब मेदिनीनगर) अपने बहनोई के पास पहुंचा था. यहां उनके कहने पर ईंट भट्टा लगाया. उन्होंने मुझे पूरी तरह कंट्रोल में ले रखा था. सारी चीजों पर. शुरू में मेरे बहनोई ने मेरा काफी सहयोग किया. पर बाद में कोई सहयोग नहीं किया. मैं खून के आंसू रोया. काफी खराब दिन देखा.
पैसे देकर सवाल पूछे जाने पर : यह गलत है. जो ऐसा करते हैं, मैंने उनका खुलासा किया है. मुझ पर आरोप साबित हुआ, तो जो कहेंगे, मैं करूंगा. कहीं कुछ मैनेज नहीं होता. जो यह कहते हैं, उनका लाइ डिटेक्टर से जांच करायी जाये. मेरी भी लाइ डिटेक्टर से जांच करा लें. मेरी टीआरपी बढ़ गयी है, इसलिए मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है.
आर्थिक अनियमितता पर : आप गिनवा दें कि हमने क्या आर्थिक अनियमितता की है. मैं खुलेआम समागम करता हूं. न ट्रस्ट बनवाया और न ही एनजीओ खोले. मुझे कोई लालच नहीं. ऑडिटोरियम और चैनलों को पैसे देने होते हैं. लालच करता, तो 10 हजार रुपये लेता.
टर्न-ओवर पर : हमारा सालाना टर्न ओवर करीब 238 करोड़ का है. हमने किसी से मांगा नहीं. समागम में कंट्रिब्यूशन (सहयोग) लिया. टीवी चैनल मुफ्त में मेरा कार्यक्रम नहीं दिखाते. समागम के लिए ऑडिटोरियम (सभागार) के लिए भी पैसे लगते हैं. जो करता हूं, डंके की चोट पर.
कौन है नीलम कपूर : हमने उनसे फ्लैट खरीदा है. उनके नाम से ड्राफ्ट बनवाया.
दो एकाउंट पर : हां मेरे दो बैंक एकाउंट हैं. ऐसा धोखाधड़ी रोकने के लिए किया. एक बार पीएनबी में एक करोड़ की गड़बड़ी की थी.
कहां जा रहे हैं पैसे : यह पैसा हमारा है, हम इसका टैक्स चुकाते हैं. हमने किसी से मांगा नहीं. हम अपनी शक्तियों का विशाल मंदिर बनवाना चाहते हैं.
खुद को भगवान मानने पर : नहीं, हम उनकी शक्तियां हैं. यही शक्तियां मदद करती हैं. हमारा मकसद दुनिया के सामने सच्चई फैलाना है. जो यहां आते हैं, या जो टीवी पर देखते हैं, उनके बीच
दसवंद पर : यह युगों-युगों से चला आ रहा है. हमने इसका विस्तार किया है. यह शक्तियों का खेल है. हम किसी से मांगते नहीं. हमने इसका टैक्स दिया है. इससे हम यहां उस शक्ति का मंदिर बनवायेंगे, तो क्या गुनाह करेंगे.
अजीबो-गरीब उपाय पर : हम किसी को दवाएं नहीं देते. जहां, जो कमी होती है, उसे पूरा करने को कहते हैं. शक्तियां गरीबी खत्म कर देती हैं.
तथ्यों की पुष्टि की
इस बातचीत में निर्मल बाबा ने प्रभात खबर द्वारा उनके संबंध में प्रकाशित खबरों के तथ्यों की पुष्टि की. किसी भी तथ्य का उन्होंने खंडन नहीं किया.
प्रभात खबर में प्रकाशित विजय पाठक की रिपोर्ट. इस खबर पर आप अपनी प्रतिक्रिया [email protected] पर भेज सकते हैं
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