Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

सुख-दुख...

अगर मोदी की सरकार आई तो क्या अख़बार मालिकों के अच्छे दिन आएंगे?

अच्छे दिन आने वाले हैं, मगर अख़बार मालिकों के, अगर मोदी की सरकार आई तो…। इसी साल 7 फ़रवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी अख़बार मालिकों को मजीठिया वेज बोर्ड सम्बन्धी केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के 2011 के आदेश को उसी तिथि से लागू करने का आदेश दिया था। उसके बाद एबीपी, राजस्थान पत्रिका जैसे कई संस्थानों ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं दायर कीं, जिनके ख़ारिज हो जाने के बाद अब इसे लागू करना ज़रूरी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही इसकी काट में जुटे अख़बार मालिकों ने नई रणनीति बनाई है।

अच्छे दिन आने वाले हैं, मगर अख़बार मालिकों के, अगर मोदी की सरकार आई तो…। इसी साल 7 फ़रवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी अख़बार मालिकों को मजीठिया वेज बोर्ड सम्बन्धी केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के 2011 के आदेश को उसी तिथि से लागू करने का आदेश दिया था। उसके बाद एबीपी, राजस्थान पत्रिका जैसे कई संस्थानों ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं दायर कीं, जिनके ख़ारिज हो जाने के बाद अब इसे लागू करना ज़रूरी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही इसकी काट में जुटे अख़बार मालिकों ने नई रणनीति बनाई है।

अब चूँकि 16वें लोकसभा चुनाव के पाँच चरणों का मतदान हो चुका है और 16 मई तक नई सरकार बननी है। ऐसे में अख़बार मालिक अपनी कूटनीति के तहत भाजपा समर्थित सामग्री को बढ़ावा देकर मोदी-सरकार को लाने के प्रयास में हैं, कांग्रेस सरकार में पत्रकारों के हित में किया गया यह महत्वपूर्ण फ़ैसला उद्योगपतियों की गोद में बैठे मोदी की भाजपा सरकार में बदला जा सके।
 
2011 में ज़्यादातर सांसदों के विरोध के बावजूद सोनिया गाँधी ने मजीठिया आयोग की सिफ़ारिशों को गम्भीरता से लिया और श्रम मंत्रालय से इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करा कर पत्रकारों के हित की दिशा में ज़रूरी कदम उठाया था। लेकिन अब जबकि इसे लागू करने का समय आ गया है तब दैनिक जागरण और दैनिक भास्कर जैसे सर्वाधिक टर्न-ओवर वाले संस्थान इसे लागू करने के एवज़ में तमाम तिकड़में लगा रहे हैं।

दूसरों की दशा पर लिखने वाले प्रिंट मीडिया के पत्रकार लम्बे समय से कम वेतन और ज़्यादा वर्किंग आवर काम कर शोषित होते रहे हैं। ऐसा पहली बार है जब पत्रकारों के हक़ के लिए कांग्रेस सरकार में मजीठिया वेज बोर्ड जैसे ठोस कदम उठाए गए।

ये भी इस बार ही हो रहा है कि बिहार में राजनीतिक दल जेडीयू ने अपनी घोषणा में पत्रकारों के हित की बात कही। इसलिए ज़रूरी है कि सभी मीडिया संस्थानों में कार्यरत सभी कर्मचारी एकजुट होकर ‘‘हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की’ पाएं।

 

एक पत्रकार दवारा भेजा गया पत्र।
 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement