इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा 30 जनवरी 2014 को मात्र 15 दिन में अभियोजन से नागरिक सुरक्षा विभाग में हुए तबादले पर दायर याचिका पर राज्य सरकार ने जवाब माँगा है।
जस्टिस एसएस चौहान और जस्टिस विष्णु चन्द्र गुप्ता ने श्री ठाकुर के इस तर्क को प्रथमद्रष्टया सही माना कि क़ानून की जानकारी नहीं होना कोई बहाना नहीं माना जा सकता और सरकार से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा।
श्री ठाकुर ने अपने तबादले को 28 जनवरी को आईपीएस कैडर रूल्स 1954 के नियम 7 में हुए संशोधन कि आईपीएस अफसरों का तबादला सिविल सर्विस बोर्ड की संस्तुति पर ही किया जायेगा। और दो साल से पहले किये गए तबादले में उसके स्पष्ट कारण बताये जायेंगे, के विपरीत बताते हुए कैट, लखनऊ में चुनौती दी थी। कैट ने यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया था कि यद्यपि नियमावली 28 जनवरी को बने थे पर राज्य सरकार को इसकी जानकारी 14 फ़रवरी को हुई थी।