अंबानी मीडिया में आए तो राघव बहल को अपना कारिंदा बनाया. राघव बहल आईबीएन7 और सीएनएन-आईबीएन जैसे न्यूज चैनलों समेत कई तरह की मीडिया कंपनियों की मूल कंपनी टीवी18 और नेटवर्क18 का चेयरमैन है. राघव बहल खुशी खुशी मुकेश अंबानी का दूत बन गया और अपने चैनलों को मुकेश अंबानी के हवाले करने के साथ-साथ मुकेश अंबानी के लिए ईटीवी के दर्जन भर से ज्यादा चैनल खरीद लिए. इसके बाद अब आईबीएन7 के कई प्रोग्राम ईटीवी पर चलने लगे हैं. जैसे जिंदगी लाइव, सीरियल जैसा कोई नहीं, दिल से…
ईटीवी में काम करने वाले आशंकित हो गए हैं कि कहीं देर सबेर अंबानी के चेले राघव बहल ये आदेश न जारी कर दें कि ईटीवी के सारे स्ट्रिंगर व स्टाफर घर जाएं, उनकी जगह आईबीएन7 वाले काम करेंगे. यह आशंका गलत नहीं है. जब दो तीन कंपनियों का अधिग्रहण होता है तो प्रबंधन खर्च बचाने के लिए उन लोगों को बाहर कर देता है जिनकी भूमिका न के बराबर होती है. अगर उत्तर भारत के हर जिले में आईबीएन7 का स्ट्रिंगर है तो प्रबंधन ईटीवी के स्ट्रिंगर को भी क्यों रखे, उसे तो खर्च बचाना है और जहां जहां डबल स्टाफ होगा, वहां छंटनी करके सिंगल करना है. हो सकता है प्रोग्रामिंग समेत कई डेस्क भी एक ही कर दिए जाएं. चर्चा है कि टीवी18 जल्द ही ईटीवी को अपने कब्जे में लेकर इसका संचालन अपने हिसाब से करेगा. यह भी कहा जा रहा है कि तब ईटीवी का मुख्यालय हैदराबाद की जगह नोएडा शिफ्ट हो जाएगा. ईटीवी का लोगो तो नहीं बदलेगा लेकिन छंटनी की पूरी आशंका है. अगर छंटनी नहीं भी हुई तो ईटीवी वालों को खुद ब खुद छोड़कर जाने को मजबूर किया जाएगा और इसके लिए सेलरी न बढ़ाने, काम काम बोझ लादने व उत्पीड़न करने जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा.