बीना में स्थापित जेपी पावर प्लांट के यूनिट हेड व जेपी ग्रुप के एक्सीक्यूटिव प्रेसीडेंट राजीव गौड़ की रविवार को सदर्न एक्सप्रेस से गिरने के कारण मौत हो गई। 48 वर्षीय राजीव जेपी ग्रुप के अध्यक्ष जेपी गौड़ के बड़े भाई प्रेम प्रकाश गौड़ के लड़के थे। वे मंडीबामोरा से भोपाल जाने के लिए ट्रेन में सवार हो रहे थे। बताया जाता है कि एसी कोच का दरवाजा नहीं खुला और वे ट्रेन के गेट पर करीब 10 किमी तक लटके चले गए। रेलवे प्रशासन ने मंडीबामौरा के सहायक स्टेशन मास्टर अरविंद कुमार साहू को सस्पेंड कर दिया है तथा कुल्हार स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर अमित कुमार के समस्त रिकार्ड आरपीएफ पुलिस ने जब्त कर लिए।
गौड़ को रविवार की सुबह बीना स्टेशन से भोपाल के लिए दिल्ली से हैदराबार की ओर जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस [सदर्न] से जाना था। उनका रिजर्वेशन ट्रेन के एसी कोच बी-3 में था, परंतु ट्रेन निकल जाने के कारण वह भोपाल रोड से जा रहे थे। जब वह कुरवाई पहुंचे तो उन्हें पता चला कि ट्रेन लेट है तो वह मंडीबामोरा स्टेशन पहुंच गए। वह जब स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन आगे बढ़ने लगी थी और एसी कोच का गेट बंद था। वह गेट खुलवाने के लिए गेट के बाहर खडे़ हो गए और ट्रेन की गति बढ़ गई।
गौड़ के साथ उनका सुरक्षा गार्ड रामचरन गुर्जर भी था। सुरक्षा गार्ड ने जब देखा कि गौड़ गेट पर लटके हैं तो वह स्टेशन प्रबंधक मंडीबामौरा के पास गया और ट्रेन को रकवाने की बात कही। स्टेशन प्रबंधक ने कुल्हार मैसेज भी किया गया, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। वहां से मैसेज आया कि एक व्यक्ति ट्रेन से गिर गया है। सुरक्षा गार्ड ने घटनास्थल पर जाकर देखा तो राजीव गौड़ का शव पड़ा था। बताया जाता है कि गौड़ की कुल्हार स्टेशन पर खंभा नंबर 948/13 के पास गिरने से मौत हो गई। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी और एक हाथ भी टूट गया था।
गंजबासौदा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने जेपी ग्रुप के जेपी ग्रुप के वाइस प्रेसीडेंट विजेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में शव बरामद किया और उसे परीक्षण के लिए शासकीय अस्पताल ले गए, लेकिन वहां पोस्टमार्टम विशेषषज्ञ नहीं होने से शव को परीक्षण के लिए भोपाल भेज दिया गया है।
राजीव गौड़
रेल प्रशासन ने बीना के स्टेशन प्रबंधक को जांच के लिए भेजा था। घटना स्थल पर मंडी बामोरा, बरेड, गंजबासौदा और बीना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। वहीं सागर के आईजी डीआईजी, एसपी घटना स्थल पर पहुंचे थे। सस्पैंड हुए स्टेशन मास्टर अरविंद कुमार साहू ने बताया कि दक्षिण एक्सप्रेस में कुछ एसी कोच फैक्ट्री से बनकर आए हुए नए डिब्बे लगे हुए थे। जिनमें पैसेंजर को बैठना अलाउ नहीं किया गया था और न ही इन डब्बों में कोई पैसेंजर बैठा हुआ था। डब्बे पूरी तरह खाली थे। गौड़ के बैग से बीना-भोपाल तक का एसी का टिकट, 22 हजार रुपए नकद और एक लैपटॉप मिला है।
जानकारी के अनुसार ट्रेन के डब्बे से लटके गौड़ ने करीब 10 किमी तक सफर किया। इसके बाद डब्बे से हाथ छूट जाने के कारण गिर गए और उनकी मौत हो गई। एसी के जिस कोच में गौड़ को बैठना था वह ट्रेन के पीछे की ओर था जबकि वह जल्दबाजी के कारण आगे लगे हुए नए डिब्बे के गेट पर लटक गए। ट्रेन मंडी बामोरा स्टेशन पर 9.14 मिनट पर आई थी और यहां ट्रेन का स्टॉपेज मात्र 2 मिनट का है। यह ट्रेन सुबह 8 बजे बीना पहुंचती है, लेकिन आज लेट होने के कारण 8.50 पर आकर 9 बजे बीना से रवाना हुई थी।
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