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IRS 2012 Q4 : ऑल लैंग्‍वेज में हिंदी अखबारों का जलवा, टॉप टेन में टीओआई अकेला अंग्रेजी दैनिक

आईआरएस 2012 की चौथी तिमाही में सभी भाषा के अखबारों में हिंदी अखबारों ने अपना जलवा बरकरार रखा है. टॉप थ्री पर रहने अलावा टॉप टेन में पांच अखबारों ने कब्‍जा किया है. ऑल लैंग्‍वेज कटेगरी में दैनिक जागरण, दैनिक भास्‍कर, टीओआई, अमर उजाला, लोकमत, डेली थांती और मातृभूमि के पाठक संख्‍या में कमी आई है, जबकि हिंदुस्‍तान, मलयाला मनोरमा और राजस्‍थान पत्रिका के पाठक बढ़े हैं. 

आईआरएस 2012 की चौथी तिमाही में सभी भाषा के अखबारों में हिंदी अखबारों ने अपना जलवा बरकरार रखा है. टॉप थ्री पर रहने अलावा टॉप टेन में पांच अखबारों ने कब्‍जा किया है. ऑल लैंग्‍वेज कटेगरी में दैनिक जागरण, दैनिक भास्‍कर, टीओआई, अमर उजाला, लोकमत, डेली थांती और मातृभूमि के पाठक संख्‍या में कमी आई है, जबकि हिंदुस्‍तान, मलयाला मनोरमा और राजस्‍थान पत्रिका के पाठक बढ़े हैं. 

इस श्रेणी में पहले स्‍थान पर मौजूद जागरण के एक लाख से ज्‍यादा पाठकों का नुकसान उठाना पड़ा है. दूसरे नम्‍बर पर मौजूद दैनिक भास्‍कर को भी 75,000 पाठकों को खोना पड़ा है. इस श्रेणी में तीसरे नम्‍बर पर मौजूद है. इसने अपने साथ 4,000 पाठकों को जोड़ने में सफलता पाई है. यानी टॉप थ्री में हिंदी अखबारों का ही बोल बाला है.

चौथे नम्‍बर पर मलयालम भाषा का अखबार मलयाला मनोरमा का कब्‍जा है. रीजनल अखबार की श्रेणी में पहला स्‍थान पाने वाला मलयाला मनोरमा अपने साथ, 8000 नए पाठकों को जोड़ते हुए यह संख्‍या 97,60,000 तक पहुंचा दी है, जो पिछले तिमाही में 97,52,000 थी. पांचवें नम्‍बर पर हिंदी का अखबार अमर उजाला मौजूद है. इसे भी लगभग एक लाख पाठकों का घाटा उठाना पड़ा है.

टॉप टेन में अंग्रेजी का अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया छठे स्‍थान पर है. यह अंग्रेजी का पहला और आखिरी अखबार है जो आल लैंग्‍वेज श्रेणी में स्‍थान बनाने में कामयाब रहा है. टीओआई को इस तिमाही में 38,000 पाठकों का नुकसान हुआ है. सातवें नम्‍बर पर मौजूद तमिल दैनिक डेली थांती के भी पाठकों में कमी आई है. 83,000 पाठक इस अखबार से दूर गए हैं.

आठवें स्‍थान पर मराठी दैनिक लोकमत ने कब्‍जा जमाया है. हालांकि चौथे तिमाही में लोकमत को 96,000 पाठकों का नुसान उठाना पड़ा है. नौवें स्‍थान पर हिंदी अखबार राजस्‍था पत्रिका मौजूद है, जिसने इस तिमाही में अपने साथ 17,000 नए पाठक जोड़े हैं. दसवें और आखिरी स्‍थान पर भी मलयालम अखबार मातृभूमि का कब्‍जा है. मातृभूमि को भी 81,000 पाठकों का भारी नुकसान हुआ है.

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