एबीपी न्यूज के घोषणा पत्र में 'लगे रहो नमो भाई आरएसएस' कुछ खास बातेंः
1. व्यंग और विनोद जीवन से खत्म हो गया तो जीवन कहां रह जाएगा।
मतलब – चुनावी रैलियों पर शहजादा व जीजा की बात कही जा रही है केवल व्यंग व विनोद के भाव से कही जा रही है।
2. शरद पावर से ही नहीं, बल्कि मेरी लालू प्रसाद से भी अच्छी दोस्ती है, लेकिन वैचारिक मतभेद हो सकते हैं।
मतलब – आप घोटालेबाजों को, यूपीए सरकार में शामिल सहयोगियों को दोस्त बना सकते हैं, लेकिन सत्ता लेने की बात आएगी तो जनता को उनके खिलाफ फुसलाकर सत्ता छीनना चाहेंगे। ऐसे दाउद से भी दोस्ती की जा सकती है, वैचारिक मतभेद अलग रखकर।
3.घोषणा पत्र प्रोग्राम के प्रारूप को तोड़ा गया, केवल तीन प्रश्न पूछने वाले दिखायी पड़े, वहां से पत्रकारों, बुद्धिजीवियों का जमवाड़ा गायब ?
मतलब – नरेंद्र मोदी जनता के सवालों के जवाब देने से डरते हैं, या यह भी इंटरव्यू शर्तों के आधार पर दिया गया।
4. आक्रामक रवैया केवल रणनीति का हिस्सा
मतलब – मतलब, जनता को मूर्ख बनाने के लिए तीन महीनों की लम्बी फिल्म। फिल्म खत्म होने के बाद अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, अमजद खान, संजीव कुमार एक साथ एन्जॉय करते हैं। 'लगे रहो नमो भाई आरएसएस'।
लेखक कुलवंत हैप्पी युवारॉक्स डॉट कॉम के संचालक हैं। वे दैनिक जागरण, पंजाब केसरी दिल्ली, सीमा संदेश, वेबदुनिया, याहू, जानो दुनिया न्यूज चैनल समेत की बड़े मीडिया समूहों के साथ अलग अलग पदों पर कार्य चुके हैं। संपर्कः 9904204299