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मजीठिया पर पुनर्विचार के लिए याचिका का खारिज होना बहुत बड़ी खुशखबरी है: आईएफडब्ल्यूजे

इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट(आईएफडब्ल्यूजे) से संबंद्ध भोपाल वर्किंग जर्नजिस्ट यूनियन के अध्यक्ष राजेन्द्र कश्यप, उपाध्यक्ष दीपक शर्मा, महासचिव जवाहर सिंह और कोषाध्यक्ष अनिल शर्मा ने मजीठीया वेतन वोर्ड की संवैधानिकता को कायम रखने के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया है। चीफ जस्टिस पी सदाशिवम सहित तीन जजों की बैंच द्वारा मजीठिया आयोग की सिफरिशों को लागू किये जाने के आदेश का आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष के विक्रम राव और महासचिव परमानंद पांडे ने भी स्वागत किया है। उन्होनें कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पत्रकारों के हितों को बढ़ावा देने वाला है।

इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट(आईएफडब्ल्यूजे) से संबंद्ध भोपाल वर्किंग जर्नजिस्ट यूनियन के अध्यक्ष राजेन्द्र कश्यप, उपाध्यक्ष दीपक शर्मा, महासचिव जवाहर सिंह और कोषाध्यक्ष अनिल शर्मा ने मजीठीया वेतन वोर्ड की संवैधानिकता को कायम रखने के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया है। चीफ जस्टिस पी सदाशिवम सहित तीन जजों की बैंच द्वारा मजीठिया आयोग की सिफरिशों को लागू किये जाने के आदेश का आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष के विक्रम राव और महासचिव परमानंद पांडे ने भी स्वागत किया है। उन्होनें कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पत्रकारों के हितों को बढ़ावा देने वाला है।

उल्लेखनीय है कि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को चुनौती देने वालीं विभिन्न अखबारों की याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संशोधित वेतन नवबंर 2011 से लागू होगा, जिस दिन से सिफारिशों को अधिसुचित किया था। सिफारिश अप्रेल 2014 में कार्यान्वित होगी आर सभी बकाया राशि का भुगतान एक साल के भीतर चार किश्तों में दिया जाएगा। सुप्रीम कार्ट का यह निर्णय प्रिंट मीडिया और समाचार एजेंसियों से जुड़े कर्मचारियों के लिये बहुत बड़ी खुशखबरी है।

वेतन वृद्धि और एरियर को लेकर टालमटोल कर रहे मालिकान के लिये अब इससे बचने का कोई कानूनी रास्ता नहीं रह गया है। इस फैसले पर मीडिया से जुडे सभी लोगों की नजरे लगी हुई थीं। इस पीठ के दो उन्य न्यायाधीशों में रजंन गोमोई ओर शिवा कीर्ति सिंह शामिल रहे।

याचिका दाखिल करने वालों में आनंद बाजार पत्रिका निकालने वाले समूह एबीपी प्रा. लि., इंडियन एक्सप्रेस, इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी, प्रेस टस्ट आफ इंडिया, राजस्थान पत्रिका, ऊषोदया पब्लिकेशंस और द प्रियर्स (मैसुर)प्रा.लि. के नाम शामिल हैं। सुप्रीम कार्ट के इस फैसले से अखबारों, पत्रिकाओं और समचार एजेंसियों में कार्यरत पत्रकारों और गैर पत्रकारों का अपने बढ़े वेतन एवं एरियर के लिय अब और इंतजार नहीं करना होगा।

आईएफडब्ल्यूजे की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिनेश चन्द्र वर्मा, संघ के प्रान्तीय संयोजक सतीश सक्सेना, कार्यकारी अध्यक्ष विश्वेश्वर शर्मा, महासचिव सलमान खान, कोषध्यक्ष महेश कुमार सिंह, राजेश मेहता, इरशाद अली, प्रेमनारायण प्रेमी, राजेश विश्वकर्मा, राजूखत्री आदि पत्रकारां ने पुर्नविचार याचिका खारिज होने का स्वागत किया है। आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विक्रम राव एवं महासचिव परमानंद पांडे के प्रति आभार प्रगट किया है।

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