स्पेशल सिक्यूरिटी ग्रुप अधिनयम 1988 को संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत होने के कारण विधिविरुद्ध घोषित करने और एसपीजी सुरक्षा मात्र आवश्यकता के अनुसार प्रदान किये जाने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक पीआईएल दायर किया गया है।
पीआईएल के अनुसार सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट्स ने लगातार यह कहा है कि सरकारी सुरक्षा मात्र किसी पद के साथ नहीं दी जानी चाहिए, भले ही वह पद कितना भी बड़ा हो। इसे हर व्यक्ति-विशेष के अलग-अलग आकलन के बाद ही दिया जाना चाहिए। और मात्र पूर्व प्रधानमंत्री या इनके परिवार के सदस्य होने के कारण नहीं दिया जा सकता क्योंकि इनमे कुछ लोग अवांछनीय हो सकते हैं अथवा उन्हें इसकी आवश्यकता नहीं हो सकती है। इसी प्रकार इस सीमित समूह के बाहर के लोगों को उनकी जरूरत के बाद भी यह सुरक्षा नहीं दिया जाना पूर्णतया गलत है।
अतः इसे भेदभावपूर्ण और मनमाना बताते हुए याची ने एसपीजी एक्ट को विधिविरुद्ध करार देने और एसपीजी सुरक्षा प्रत्येक मामले में सम्यक आंकलन के बाद मात्र आवश्यकता के अनुरूप प्रदान किये जाने की प्रार्थना अदालत से की है।