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सुख-दुख...

शाहदरा थाने के एसआई ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार के साथ की बदसलूकी

दिल्ली। दिल्ली पुलिस गाहे-बगाहे किसी ना किसी बात को लेकर चर्चा में बनी ही रहती है। कभी वाक्या होता है चोर के साथ चोर-सिपाही का खेल खेलने का, कभी किसी की बिना बात के ही इज्जत उतार फैंकने का तो कभी बिना कुछ किये भी कुछ कर जाने का। कुछ ऐसा ही वाक्या हुआ बीती 30 मार्च को जब पूर्वी दिल्ली के शाहदरा थाने में एसएचओ से मिलने गये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार हेमन्त कुमार शर्मा का वहां सादी वर्दी में मौजूद सब-इंस्पेक्टर मेहराब आलम ने माँ-बहन की गालियों के साथ स्वागत किया। अफसरी का भूत सर पर लिये आलम यहीं नहीं रुका जबकि पत्रकार ने विनती की कि आप इतना मत बोलिये, बिना बात के इतना बोलना शोभा नहीं देता।

दिल्ली। दिल्ली पुलिस गाहे-बगाहे किसी ना किसी बात को लेकर चर्चा में बनी ही रहती है। कभी वाक्या होता है चोर के साथ चोर-सिपाही का खेल खेलने का, कभी किसी की बिना बात के ही इज्जत उतार फैंकने का तो कभी बिना कुछ किये भी कुछ कर जाने का। कुछ ऐसा ही वाक्या हुआ बीती 30 मार्च को जब पूर्वी दिल्ली के शाहदरा थाने में एसएचओ से मिलने गये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार हेमन्त कुमार शर्मा का वहां सादी वर्दी में मौजूद सब-इंस्पेक्टर मेहराब आलम ने माँ-बहन की गालियों के साथ स्वागत किया। अफसरी का भूत सर पर लिये आलम यहीं नहीं रुका जबकि पत्रकार ने विनती की कि आप इतना मत बोलिये, बिना बात के इतना बोलना शोभा नहीं देता।

इसके बाद भी अपनी ज़ुबान को विराम दिये बिना आलम ने पत्रकार को लात-जूतों से मारकर बाहर निकालने की धमकी दी और कहा कि तू कहीं का भी पत्रकार हो तुझसे थाने के बाहर निपटूंगा, बाहर चल। पूरे वाकये के दौरान एसआई के कमरे में दो महिलायें, एक पुरुष भी मौजूद थे जो एक दूसरे एस आई को अपनी कम्प्लेंट लिखवा रहे थे। वहाँ मौजूद महिला को देखकर भी वह पुलिसिया अफ्सर गाली देने से बाज नहीं आया और निरंतर बदतमीज़ी की हदें पार करता गया। पत्रकार द्वारा 100 नम्बर पर 2 बार सूचना देने पर वहां पहुंची पीसीआर गाड़ी नम्बर डीएल 1 सीपी 7234 भी आशा के अनुरूप वहां पहुंचकर सिर्फ पत्रकार को समझाकर और दिलासा देकर चलती बनी।  

इस पूरे हादसे से परेशान पत्रकार ने जब थाने में कंप्लेंट लिख कर देनी चाही तो उसे शाहदरा थाने की जगह वेलकम थाने भेज दिया गया। हवाला दिया गया कि शाहदरा थाना वेलकम थाने के अंतर्गत आता है तो कंप्लेंट वहीं दर्ज होगी। वेलकम थाने पहुंचने पर भी कंप्लेंट नहीं ली गयी और उन्हें वहां से वापस शाहदरा थाने भेजा गया। अंततः जब हेमन्त शर्मा ने वापस शाहदरा आकर कंप्लेंट देनी चाही तो लगभग आधा घंटा आनाकानी करने और थानाअध्यक्ष से सलाह-मश्विरा करने के बाद किसी तरह कंप्लेंट ले ली गयी जिस पर 15 दिन बीत जाले के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।  

सदैव आपके लिये और आपके साथ का नारा देने वाली दिल्ली पुलिस का यह रवैया कब सुधरेगा और कब इस तरह की अफसरी दिखाने वाले पुलिसिया अधिकारी अपनी हरकतों से बाज आयेंगे आने वाला समय ही बतायेगा।

हेमन्त कुमार शर्मा से इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता हैः #09868560704, 09999415399  
 

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