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‘स्टिंग’ जो खुद TV9/NEWS9 के चुभ गया

कन्नड़ न्यूज़ चैनल TV9 के दो रिपोर्टर कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार का स्टिंग करते समय पकड़ लिए गए। पुलिस ने दोनों रिपोर्टर्स को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज़ कर लिया। चैनल और दोनों रिपोर्टर्स का कहना है कि पकड़े जाने पर मंत्री और उनके लोगों के द्वारा उनके साथ बुरी तरह मार-पीट की गयी। स्टिंग करने गयी महिला पत्रकार श्वेता ने मंत्री और उसके लोगों पर मौके का फायदा उठा कर छेड़खानी करने के गम्भीर आरोप भी लगाये हैं। इस प्रकरण से संबंधित कई खबरें पिछले दिनों भड़ास पर प्रकाशित हो चुकीं हैं।

कन्नड़ न्यूज़ चैनल TV9 के दो रिपोर्टर कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार का स्टिंग करते समय पकड़ लिए गए। पुलिस ने दोनों रिपोर्टर्स को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज़ कर लिया। चैनल और दोनों रिपोर्टर्स का कहना है कि पकड़े जाने पर मंत्री और उनके लोगों के द्वारा उनके साथ बुरी तरह मार-पीट की गयी। स्टिंग करने गयी महिला पत्रकार श्वेता ने मंत्री और उसके लोगों पर मौके का फायदा उठा कर छेड़खानी करने के गम्भीर आरोप भी लगाये हैं। इस प्रकरण से संबंधित कई खबरें पिछले दिनों भड़ास पर प्रकाशित हो चुकीं हैं।

स्टिंग के सम्बन्ध ऊर्जा मंत्री का कहना है के उन लोगों की तीसरी मीटिंग के दौरान जब दोनों रिपोर्टर्स ने उन्हें पांच लाख रुपये देने चाहे और उनसे रुपये स्वीकार कर लेने का आग्रह करने लगे तो उन्हें रिपोर्टर्स पर शक़ हुआ। उन्होंने पुलिस को बुला लिया, पुलिस द्वारा तलाशी लेने पर उनके पास छिपे कैमरे मिले। इस पर मंत्री को रिश्वत देने के आरोप में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।  

पूर्व मुख्य मंत्री एसएम कृष्णा के करीबी ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि रिपोर्टर्स द्वारा पिछली मीटिंग्स में जिस फ़ाइल का जिक्र किया जा रहा था उन्होंने उस फ़ाइल के बारे में विभाग के अफसरों से पता किया था। उन्हें बताया गया कि ऐसी कोई भी फ़ाइल पेंडिंग नहीं है। इसी शक़ के चलते उन्होंने पुलिस को पहले से ही घर में बुला रखा था और जैसे ही रिपोर्टर्स ने रिश्वत देनी चाही उन्होंने रिपोर्टर्स को पुलिस से पकड़वा दिया।

चैनल का कहना है कि उसके पास मंत्री के खिलाफ कई बिज़नेसमेन तथा कई अन्य लोगों की शिकायते आई थी इसलिए स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। अपने रिपोर्टर्स के पकड़े जाने के बाद चैनल ने मंत्री और अपने रिपोर्टर्स कि गिरफ़्तारी के विरोध में एक कैंपेन शुरू किया है। चैनल का कहना है कि उसने जो किया जनहित में किया, साथ ही ये सवाल भी पूछा है 'क्या स्टिंग ऑपरेशन करना गलत है।'

स्टिंग ओपेरेशन्स के सम्बन्ध में नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैण्डर्डस् अथॉरिटि(NBSA) ने दिशा निर्देश जारी कर रखे हैं। NBSA द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं।

1) कोई भी स्टिंग ऑपरेशन न्यूज़ चैनल की एडिटोरियल टीम के हेड की पूर्वानुमति और निर्देशन में ही किया जाएगा, जो कि सभी संबंधित व्यक्तियों के साथ उसके नतीजों के लिए ज़िम्मेदार होगा।

2) कोई भी स्टिंग ऑपरेशन तभी किया जा सकता है जबकि वो वृहत्तर जनहित में आपेक्षित हो।

3) कोई भी स्टिंग ऑपरेशन किसी दोषपूर्ण कार्य को अभिदर्शित(एक्पोज़) करने के लिए ही किया जाना चाहिए।

4) किसी भी स्टिंग ऑपरेशन का उपयोग अनावश्यक रूप से लोगों के निजि जीवन में झांकनें के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

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5) कोई भी स्टिंग ऑपरेशन तभी करना चाहिए जबकि संबंधित सूचना या ख़बर को प्राप्त करने का कोई और प्रभावकारी तरीका न हो।

6) किसी भी स्टिंग ऑपरेशन को करते समय कोई भी न्यूज़ चैनल, उस व्यक्ति को जिसका स्टिंग किया जा रहा हो, कोई भी ऐसा दोषपूर्ण कार्य करने के लिए नहीं उकसाएगा जो कि उस व्यक्ति द्वारा करने का विचार न किया गया हो।

7) किसी भी स्टिंग ऑपरेशन को करने के लिए किसी भी प्रकार के अनैतिक व्यवहार, ग़ैरकानूनी कार्य या सेक्स का सहारा नहीं लिया जाएगा।

8)  किसी भी स्टिंग ऑपरेशन की पूरी रिकॉर्डिंग, संपादित और असंपादित समेत, ऑडियो और विडियो फुटेज, वो जैसी भी हैं 90 दिनों की अवधि तक सुरक्षित रखीं जाएंगीं या के ऐसी अवधि तक जो कि संबंधित मामले में आवश्यक हो।

9) किसी भी स्टिंग ऑपरेशन की पूरी रिकॉर्डिंग, संपादित और असंपादित समेत, ऑडियो और विडियो फुटेज में, किसी भी प्रकार की छेड़खानी, हेराफेरी, अंतःक्षेपण, परिवर्तन, विरूपण, आकार संबंधी परिवर्तन, या अन्य कोई ऐसा परिवर्तन नहीं किया जाएगा जो कि उसका संदर्भ, अभिप्राय य़ा अर्थ ही बदल दे।

10) स्टिंग ऑपरेशन के लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति द्वारा स्टिंग ऑपरेशन के प्रत्येक स्तर का समवर्ती और समकालीन लिखित रिकॉर्ड रखा जाएगा, औऱ ऐसा लिखित रिकॉर्ड 90 दिनों की अवधि तक सुरक्षित रखा जाएंगा या के ऐसी अवधि तक जो कि संबंधित मामले में आवश्यक हो।

11) कोई भी स्टिंग ऑपरेशन The Cable Television Networks (Regulation) Act 1995 की धारा 5 और The Cable Television Networks Rules 1994 relating to “Programme Code” के नियम 6 समेत Prevention of Corruption Act, 1988 की धारा 24 या के किसी भी ऐसी विधि, जो कि उस समय प्रवृत्त हो के प्रतिकूल नहीं होना चाहिए।

12) किसी भी स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण तभी करना चाहिए जब कि जिस पर स्टिंग किया गया हो उसकी प्रथम दृष्टया सदोषता सिद्ध होती हो।

13) यदि किसी भी स्टिंग ऑपरेशन को झूठा या मिथ्यापूर्ण तरीके से गढ़ा हुआ पाया जाता है तो उस स्टिंग ऑपरेशन को करने से संबंधित सभी लोग विधि के अनुसार दंण्ड के भागी होंगे।

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बताते चलें कि डीके शिवकुमार के ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। इसके चलते उनके मंत्री बनाए जाने का पार्टी के भीतर बहुत विरोध हुआ था। उन पर अन्डरवर्ड से संबंध के आरोप भी है। TV9 इनके भ्रष्टाचार की कवरेज़ काफी लम्बे समय से कर रहा है।
  

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