जादूगोड़ा(झारखण्ड)। मुसाबनी प्रखंड के कुलामाड़ा गाँव में पोंडाकोचा टोला के ग्रामीण सरकारी उपेक्षा के कारण नारकीय जीवन जीने को विवश है। इस टोला के सारे लोग बेरोजगार हैं और जंगल में पत्थर तोड़कर और लकड़ी बेचकर जीवन यापन करते है। गाँव तक जाने के लिए न सड़क है न ही गांवों में बिजली। स्वच्छ पानी की सुविधा भी नहीं है। ग्रामीण करीब डेढ़ किलोमीटर दूर से नाले का पानी लाकर इस्तेमाल करते हैं और नाले के पानी से ही नहाने पीने का काम चलता है। गाँव में महिलाओं को प्रसव भी घरों में ही कराया जाता है।
इस गाँव में अधिकतर परिवार लुप्तप्राय 'सबर' जनजाति के है। कुछ भूमिज समुदाय के लोग भी रहते हैं। गाँव के अधिकतर लोग इंदिरा आवासों में रहते है जो बहुत ही जीर्ण अवस्था में है और टूट फुट चुके हैं। कुछ लोगो ने बताया की हमें बिरसा आवास आवंटन किया गया था लेकिन एक किस्त के बाद कोई राशि नहीं मिली। ग्रामीण सुकरा सबर, विरजन सबर, सुक्मानी सबर, सदन सबर, जोबा सबर ने बताया की हमें वृद्धा और विधवा पेंशन नहीं मिल रही है।
ग्रामीणों से चुनाव के संबंध में पूछने पर उन्होंने बताया की चुनाव कब है हमें इसकी जानकारी नहीं है और कोई भी नेता यहाँ नहीं आया है। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा की अब हम वोट किसी को नहीं देंगे सभी नेता ग्रामीणों को बेवकूफ बनाते हैं। जब तक हमारे गाँव में सड़क, बिजली और पानी का सुविधा नहीं होगा तब तक हम किसी पार्टी को वोट नहीं देंगे।
जादूगोड़ा से संतोष अग्रवाल की रिपोर्ट।