सीकर जिला मुख्यालय पर निजी शिक्षण संस्थाओं की गुंडागर्दी किस कदर हावी है इस बात का प्रमाण उस समय देखने को मिला जब शहर के पालवास रोड स्थित प्रिंस स्कूल में एक अभिभावक स्कूल के हॉस्टल में रह रहे अपने बच्चे की जानकारी मांगने पहुंचे। इस बात पर हॉस्टल वार्डन ओर स्कूल के संचालकों ने अभिभावक के साथ जमकर मारपीट की और उन्हें धक्के देकर स्कूल से बाहर निकाल दिया।
बरसिघपुरा के रहने वाले रणजीत सिंह को यह सूचना मिली थी की प्रिंस स्कूल के हास्टल मे रह रहे उसके भतीजे के साथ स्कूल संचालको द्वारा मारपीट की गयी है। जिसके कारण वह डर कर हॉस्टल से भाग गया है। इस बात की जानकारी लेने के लिये रणजीत पालवास रोड स्थित प्रिंस स्कूल गए ओर अपने भतीजे के बारे मे जानकारी मांगी। जबाब देने की बजाए हॉस्टल वार्डन ओर संचालको ने अपने साथियों के साथ मिल कर रणजीत ओर उसके साथ गये साथी से जमकर मारपीट की ओर उन्हे स्कूल से निकाल दिया।
मारपीट की इस घटना के बाद रणजीत ने सदर थाने पहुंच कर मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने पिड़ित को साथ लेकर स्कूल में मौका मुआईना किया। इस दौरान स्कूल के संचालको ने जांच कर रहे पुलिस कर्मियों से भी उलझने का प्रयास किया। गौरतलब है कि सीकर का प्रिंस स्कूल पहले भी कई बार विवादों के घेरे में रहा है। पिछली साल भी प्रिंस स्कूल के संचालक ने परिक्षा के दौरान एक पर्यवेक्षक के साथ मारपीट भी की थी, जिसका मुकदमा भी दर्ज है। वहीं पुलिस कांस्टेबल भर्ती परिक्षा मे सामूहिक नकल करवाने के मामले मे सीकर के तत्कालीन पुलिस अधिक्षक गौरव श्रीवास्तव ने प्रिंस स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश शिक्षा विभाग से कर दी थी। सीकर के प्रिंस स्कूल मे घटी इस घटना ने इस बात को एक बार फिर से सिद्ध कर दिया है कि यहां का एजुकेशन माफिया जबरन ही सीकर को एजुकेशन हब बनाने मे जुटा है, ताकी राज्य भर के भोले-भाले विधार्थियों को यहां पर एडमिशन दिला कर उनका शोषण किया जा सके।
शेखावती मीडिया संस्थान