वाराणसी: यह शख्स खुद को काशी का कोतवाल समझता है। बावजूद इसके, कि यह काल-भैरव के बाल बराबर तक नहीं, लेकिन खुद को काल-भैरव की प्रतिमूर्ति समझता है। जबकि है एक अदना-सा एक दारोगा। इसके जैसे दारोगाओं का ट्रांसफार राजनीतिक आकाओं की मर्जी पर होता है। वे जब चाहें, उस जैसे दारोगाओं की बदली चुटकियों में हो सकती है। जिया राजा बनारस। जी हां, यही है वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार। त जिया राजा बनारस। पूरा तीन दिन बीतने वाला है, लेकिन गोदौलिया चौराहे पर दो बड़े पत्रकारों पर लाठियां चटकाने वाले पुलिसवालों की करतूतों को दण्डित करने के बजाय, टाल-मटोल करना शुरू कर दिया है। जिया राजा बनारस।
तो आपको बता दें कि बनारस के इस बड़े दारोगा जोगेंद्र कुमार का मकसद अब अपराधी को पकड़ना नहीं, बल्कि वह चाहता है कि किसी भी अपराधी को डायल्यूट कर दिया जाए। इससे कई लाभ हैं, बनिया की शब्दावली में बोलेंगे तो वह ऐसे किसी भी मामले को नफा-नुकसान का आंकलन करना चाहता है। और ऐसे हर किसी आंकलन का लक्ष्य ऐसी घटना को अपने मुनाफा में तब्दील करना होता है। जिया राजा बनारस।
बीते रविवार की शाम को गोदौलिया चौराहे में इस बड़े दारोगा के कारिन्दों ने शर्मनाक हरकत काशी के मानिन्द पत्रकारों के गाल पर तमाचे के तौर पर दर्ज की है, उससे काशी के पत्रकारों में जबर्दस्त आक्रोश फैल गया है। मगर यहां का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यानी बड़ा दारोगा जोगेंद्र कुमार इसमें सिर्फ अपना बेहिसाब और बहु-आयामी नफा खोज रहा है। वह चाहता है कि उसके पालतू सांप भी सुरक्षित बच जाएं और प्रदर्शन भी हो जाए कि सांप-दर्प भी दण्डित हो जाए। जिया राजा बनारस।
काशी के पत्रकार इस मामले पर खूब भड़के हुए हैं। उनका कहना है कि बनारस के इस बड़े दारोगा जोगेंद्र कुमार का इतना तो खूब पता है कि उनकी कार्यशैली के चलते यहां अपराध रुकना तो हर्गिज नहीं है, इसीलिए यहां का बड़ा दारोगा अपने यहां के अपराधों को दर्ज करने में परहेज बरत रहा है। और खास कर वह अपराध तो खास तौर पर छुपाना चाहता है जो उसके कारिन्दों की करतूतों के चलते तूल पकड़ गए। जिया राजा बनारस।
गोदौलिया-काण्ड पर काशी का पत्रकार-समुदाय बेहद आहत है, और उससे ज्यादा तो एसएसपी जोगेंद्र कुमार के व्यवहार से आहत है। इस प्रकरण पर यहां के बड़े पत्रकारों की टोली ने एसएसपी जोगेंद्र कुमार से उनके घर पर भेंट की थी, लेकिन मामला आश्वासन-गुरू से आगे नहीं बढ़ पाया। जिया राजा बनारस।
पत्रकारों का कहना है कि गोदौलिया चौराहे पर सरेशाम हजारों लोगों के सामने प्रदेश के समाजवादी-न्याय के आतंकी बने पुलिसवालों ने जब लाठियां चला दीं। लेकिन इस हादसे पर यहां का बड़ा दारोगा जोगेंद्र कुमार आखिरकार शाहजहां-न्याय का पाखण्ड कर रहा है। सवाल यह है कि किसी अपराध को कानूनी भाषा में व्याख्यायित करने की कवायद के बजाय यह बड़ा दारोगा जोगेंद्र कुमार क्यों अपनी निजी न्याय-संहिता पर क्यों अडिग है और क्यों इस शैली के लिए बाकी पत्रकारों-जनता के लिए मजबूर कर रहा है। जिया राजा बनारस।
लेखक कुमार सौवीर यूपी के वरिष्ठ और बेबाक पत्रकार हैं। संपर्क 09415302520