नई दिल्ली: भगाणा सामूहिक बलात्कार पीड़ितों के लिए गुरूवार (24 अप्रैल) को जंतर-मंतर पर कैंडिल मार्च का अयोजन किया गया। मार्च में बड़ी संख्या में महिला संगठनों के लोग, जेएनयू के छात्र व बुद्धिजीवियों समेत लगभग 50 सामाजिक संगठनों के लोगों ने भाग लिया। मार्च के पूर्व आयोजित सभा में 27 अप्रैल को गृह मंत्री सुशील शिंदे के आवास का घेराव का फैसला लिया गया। कार्यक्रम के आयोजको ने इसके लिए दिल्ली के अलावा विभिन्न प्रदेशों के जागरूक व संवेदनशील लोगों को भी दिल्ली पहुंचने का आह्वन किया है।
सभा को संबोधित करने आये स्वामी अग्निवेश ने संघर्ष के लिए दिल्ली के लोगों के इतनी बड़ी संख्या में जुटने को लेकर हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि यह लड़ाई इस देश में उत्पीड़न से मुक्ति की लड़ाई में तब्दील हो सकती है। जेएनयू के प्रोफेसर वीर भारत तलवार ने सामुहिक बलात्कार की इस घटना को बेहद खौफनाक बताते हुए कहा कि न्याय यह लडाई लंबी चलेगी, लेकिन कोई कारण नहीं है कि इसमें हमें सफलता न मिले। जेएनयू के ऑल इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट फोरम के अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने अन्ना हजार के आंदोलन से इसकी तुलना करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य आरंभ से ही राजनीतिक था, लेकिन आज देश का दलित-पिछड़ा समुदाय आज यहां राजनीति के लिए नहीं बल्कि न्याय की गुहार लगाने के लिए जुटा है। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष अकबर चौधरी ने कहा है जेएनयू के छात्र-छात्राएं इस आंदोलन को कतई झुकने नहीं देंगे।
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