इलाहाबाद। कलम के सिपाहियों की जाति नहीं होती है। इसके बाद भी मीडिया को अमीर गरीब, जाति, धर्म, कार्य विभेद के सहारे पत्रकारों को उपेक्षित करने की नापाक कोशिश पत्रकार हित के नाम पर चल रहे संगठनों के द्वारा की जाती रही है। इस परंपरा को मिटाने के लिए युवा पत्रकारों ने जो कदम उठाया है, उसे बनाये रखने की जरुरत है। उक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार शचीन्द्र श्रीवास्तव ने कहीं।
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) जिला इकाई की आम सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारों के नाम पर चल रहे संगठन फोटो जर्नलिस्ट, चैनल के पत्रकारों को तरजीह नहीं देते। यह विचारणीय प्रश्न है, क्योंकि अमीर-गरीब, जाति, धर्म, गिने चुने शुभेच्छु पत्रकारों की बदौलत कोई संगठन नहीं चल पाता। ऐसे में सलाह है कि उपजा इतिहास की पुनरावृत्ति करने से बचे। मीडिया डायरेक्टरी 2014-15 के प्रकाशन, तथा इसी तरह के अन्य कार्यो के लिए किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। इसकी सफलता में किसी भी संसाधन की कमी को आड़े नहीं आने दूंगा। पत्रकारों के हित में जो भी सहयोग संगठन को चाहिए, मैं उसे पूरा करने के लिए सदैव तत्पर रहुंगा।
संगठन के महामंत्री कुंदन श्रीवास्तव ने मीडिया डायरेक्टरी के विमोचन समारोह की तैयारियों, संगठन की मजबूती व प्रगति के लिए सभी सदस्यों के आपसी तालमेल, हर माह पदाधिकारियों व सदस्यों की आम बैठक की अनिवार्यता, दुर्घटना बीमा की अनिवार्यता आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। आम सभा में संयोजक भूपेश सिंह, संरक्षक पवन द्विवेदी, जिलाध्यक्ष परवेज आलम, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार श्रीवास्तव, इरफान खान, नागेन्द्र सिंह, अनुराग तिवारी, अनुराधा, अमरदीप चौधरी, मनीष द्विवेदी, विद्याकांत मिश्र, संतोष चटर्जी, कमल किशोर श्रीवास्तव, विरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, अभय शंकर पाण्डेय, सलीम अहमद, अलकेश कुशवाहा, दुधनाथ पांडेय, रवि सिंह, रोहित शर्मा, सत्यम जायसवाल, अनूप रावत, देवेन्द्र त्रिपाठी, आशीष कुमार, आनंद कुमार दूबे, संतोष जायसवाल, सुशील चौधरी, एसपी मिश्रा, अशोक कुमार अवस्थी, विजय श्रीवास्तव, नीरज कुमार, अमरदीप, विनोद कुमार, प्रमोद कुमार वर्मा, संतोष कुमार सिंह, राजेश कुमार, अमरजीत सिंह सहित समस्त पदाधिकारी व सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे।
उपजा के प्रदेश महामंत्री आलोक त्रिपाठी की रिपोर्ट।