चौबेपुर(कैथी) क्षेत्र में लगभग 35 वर्ष पूर्व, गंगा-गोमती संगम के पास, गोमती की धारा में परिवर्तन के कारण कैथी गाँव की 700 एकड़ जमीन कट कर नदी के दूसरी तरफ चली गयी थी। तब से वाराणसी और गाजीपुर जिलों के मध्य सीमा विवाद चल रहा है। इस के चलते किसानो में कई बार खुनी संघर्ष हो चूका है। इस विवाद में वाराणसी के कैथी, भंदहा कला, राजवारी, नखवा और गाजीपुर के कुस्हीं, खरौना, गोपालपुर और पटना गावों की सीमायें प्रभावित हुयी हैं। विभिन्न न्यायालयों में कई वाद विचाराधीन हैं, कब्जे को लेकर प्रायः गावों के बीच मार पीट की घटनाएं हो जाती रही है। मामले से सम्बंधित समस्त पत्रावलियां उच्च न्यायलय के आदेश से एसडीएम बांसडीह(बलिया), जो सहायक अभिलेख अधिकारी भी हैं, के कार्यालय में पड़े हैं। चकबंदी की प्रक्रिया भी ठप पड़ी हुयी है। क्षेत्र में खेती प्रभावित हो रही है।
विगत दिनों मंडलायुक्त वाराणसी के हस्तक्षेप के बाद जिलाधिकारी वाराणसी प्रांजल यादव के निर्देश पर प्रभावित गावों की वर्तमान स्थिति का नक्शा बनाने का कम चल रहा है। जिलाधिकारी ने 30 जनवरी तक संबधित टीम को नक्शा तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उनके निर्देश के अनुपालन में राजस्व विभाग बलिया की 10 सदस्यीय टीम ने विगत एक सप्ताह से कैथी में पड़ाव किया हुआ है। टीम अध्यक्ष प्रभुनाथ तिवारी कानूनगो ने बताया कि उनकी टीम में उनके अतिरिक्त दो और कानूनगो बीरेंद्र सिंह और नागेन्द्र पाण्डेय, चार लेखपाल वंश नारायण यादव, विक्रमजीत यादव, ललई राम और बल्लू राम तथा 3 चेन मैन रवि, पारस और इब्राहीम शामिल हैं.
गांव के नक्शे का अध्ययन करते कानूनगो और लेखपाल
गांवों की सीमा निर्धारण में सबसे अधिक परेशानी "फिक्स प्वाइंट" की तलाश करने में आ रही है, प्रतिदिन टीम के सदस्यों को 15-20 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। संबंधित गांवों के नक्शों का मिलान करके वर्तमान स्थिति का नक्शा तैयार करना है। टीम के सदस्यों को ग्रामीणों का काफी सहयोग प्राप्त हो रहा है। सभी लोग लम्बे समय के विवाद से त्रस्त हो चुके हैं और सीमा विवाद का तत्काल हल चाहते हैं जिससे इस अत्यंत उपजाऊ कृषि भूमि पर शांतिपूर्ण ढंग से खेती हो सके।
लेखक कैथी(वाराणसी) के सामाजिक कार्यकर्ता हैं, उनसे संपर्क मो. 9415256848 पर किया जा सकता है।