सुलतानपुर। अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान के पत्रकारों द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी से खबर छापने के लिए कैमरा व पांच हजार रुपये के मामले ने तूल पकड़ लिया है। फेसबुक व सोशल मीडिया पर इनके और भी कारनामे उजागर किए जा रहे हैं। हालांकि इन संवाददाताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इतना जरूर है कि अमर उजाला ने विज्ञापन छापकर विज्ञापन दाताओं को आगाह जरूर किया है।
बताते चलें कि कांग्रेस प्रत्याशी से उक्त प्रमुख समाचार पत्रों के पत्रकारों ने प्रत्येक खबर छापने के लिए पांच हजार रुपए व कैमरा लिया था। इसका खुलासा उस समय हुआ जब अमर उजाला कि मार्केटिंग टीम सुलतानपुर पहुंची। अमर उजाला कार्यालय पहुंचकर मार्केटिंग टीम के अधिकारियों व कांग्रेस प्रत्याशी ने आरोपी पत्रकार के मुंह पर उनके भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। इस घटना के बाद सोशल मीडिया व पोर्टल पर सभी आरोपी संवाददाताओं के कारनामों की और पोल खोली गई है।
एक फेसबुक पर कहा गया है कि अमर उजाला के एक पत्रकार ने घर बनवाते समय एक पूर्व मंत्री से मोरंग, ईंट व सीमेंट के पैसे लिए थे। इतना ही नहीं ये हर खबर पर पैसा लेते हैं। विधानसभा चुनाव में भी एक नेता से 80 हजार रुपये खबर प्रकाशित करने के नाम पर लिए थे। इनके स्टाफ में कई भू-माफिया हैं। सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर मकान बनवा लिया गया है। जिसकी सरपरस्ती ये खुद करते हैं। अवैध ढंग से कमाई गई रकम का हिस्सा यह अपने सहयोगियों से हर महीने लेते हैं। इसी तरह अन्य पत्रकारों के कई कारनामे उजागर किए गए हैं।
हालांकि अभी तक पत्रकारिता को बदनाम करने वाले इन भ्रष्ट पत्रकारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इतना जरूर है कि अमर उजाला ने सूचना के माध्यम से विज्ञापन दाताओं को आगाह किया है कि सभी विज्ञापनदाता विज्ञापन देने के उपरान्त 48 घंटे के भीतर रसीद प्राप्त कर लें। यह सूचना उपरोक्त खुलासे पर पुख्ता मुहर के तौर पर मानी जा रही है। हैरत की बात यह है कि उपरोक्त अखबारों के एक ब्यूरो चीफ लोकसभा चुनाव में पेड न्यूज की निगरानी हेतु बनी टीम में मीडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, और स्वयं ही पेड न्यूज को कहीं न कहीं बढ़ावा दे रहे हैं। (भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित)
उधर, मेरठ के मवाना कस्बे से सूचना मिली है कि लोकसभा प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर हथकण्डे को अपना रहे है। जीत के लिए प्रत्याशियों ने अपने खजाने का मुंह खोल दिया है। चर्चा है कि प्रत्येक प्रत्याशी पॉच हजार से लेकर दस हजार रूपये तक भेंट स्वरूप दे रहे है। वहीं कुछ पत्रकारों ने प्रत्याशियों की इस मंशा को भांप कर उसे कैश करने की योजना बनाई है। तथा खबर छापकर समाचार पत्र लेकर प्रत्याशियों के द्वार पर उपस्थित हो रहे है। नगर में इस बात की भी चर्चा है कि एक प्रत्याशी ने हस्तिापुर रोड स्थित एक समाचार पत्र के कार्यालय पर भेंट स्वरूप पैकट भिजवाये जिस पर पत्रकारों की लम्बी लाईन लग गयी। हिन्दुस्तान मवाना में पत्रकारों की अधिक संख्या के चलते एक पत्रकार दो पैकट लेकर रफू चक्कर हो गया। जिसे उसके साथी ढूढने में लगे रहे।
मवाना से एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा भेजी गयी रिर्पोट।