वाराणसी: गोदौलिया पुलिस ने एक वरिष्ठ पत्रकार समेत दो पत्रकारों पर बीती शाम बुरी तरह लाठियां बरसायीं। यह पुलिसवाले बुरी तरह घायल एक महिला को पैदल जाने पर मजबूर कर रहे थे। पत्रकारों ने जब इस पर ऐतराज किया तो पुलिसवालों ने भद्दी गालियां देते हुए इन पत्रकारों को जमकर पीट दिया। उधर इस हादसे पर वाराणसी के पत्रकार खासे नाराज हैं।
पूरे मामले को समझने के लिए पहले घटना-स्थल के चौराहे को समझना पड़ेगा। यह गोदौलिया चौराहा है, जहां से दशाश्वपमेध घाट तक जाने वाली सड़क जाती है। धार्मिक आस्था की राजधानी समझी जाने वाली इस सड़क से गंगा नदी और विश्वनाथ मन्दिर तक का रास्ता है। जाहिर है कि सुबह भोर से लेकर देर रात तक इस सड़क पर जबर्दस्त आवागमन होता रहता है। इस इलाके में यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने इस चौराहे से भीतर जाने वाली सड़क पर हर तरह के वाहनों का प्रतिबन्ध लगा रखा है। इनमें रिक्शे तक भी शामिल हैं। लेकिन यही प्रतिबन्ध यहां के पुलिसवालों की कमाई का बेमिसाल और अथाह जरिया बन चुका है। इस सड़क पर क्या रिक्शा और क्या टैक्सी, मनचाही वसूली करके खुलेआम घूमते देखे जा सकते हैं। अनुमान के अनुसार इन वाहनों से रोजाना करीब बीस हजार रूपयों की अवैध पुलिसवालों की जेब में वसूली होती है। इसमें थानाध्यक्ष, क्षेत्राधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक तक की जेब गरम होती रहती है। इतनी भारी वसूली के चलते इस इलाके के पुलिसवाले अब बदतमीज और आक्रामक होते जा रहे हैं। अक्सर यहां के दूकानदारों या रिक्शावालों ही नहीं, आम आदमी तक को सरेआम लठिया दिया जाता है।
रविवार की शाम यहां यही तो हुआ था। हुआ यह कि दशाश्वमेध घाट के प्रमुख वरिष्ठ नागरिक और प्रमुख तीर्थ पुरोहित पण्डित कन्हैया त्रिपाठी जी की पत्नी अनीता त्रिपाठी का पैर टूट गया था। घरवाले उन्हें लेकर गुरूधाम क्षेत्र के पास के एक अस्पताल ले गये जहां एक्सरे के बाद पता चला कि उनके पैर में फ्रैक्चर है। अनीता त्रिपाठी का बेटा संदीप त्रिपाठी यहां के प्रमुख अखबार जन संदेश टाइम्स में रिपोर्टर है। संदीप के साथ उनका छोटा भाई अरूण त्रिपाठी भी था। डॉक्टरों ने उनको प्लास्टर चढ़ा करके घर जाने की सलाह दे दी। उनके घरवाले घायल अनीता त्रिपाठी को कार से लेकर वापस घर लौटने के लिए दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़े, लेकिन गोदौलिया चौराहे पर मौजूद पुलिसवालों ने लपक कर अपनी लाठी कार पर फेंक कर मारी। अचकचाये ड्राइवर ने कार को फौरन रोका, लेकिन बिना पूरी बात समझे हुए एक सिपाही ने ड्राइवर की कालर पकड़ा और भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए उसे ताबड़तोड़ तमाचे रसीद कर दिया।
कार में अपनी मां के साथ बैठे अरूण और संदीप ने इस पुलिसवाले की हरकत पर ऐतराज करते हुए बताया कि उनकी मां का पैर टूट गया है और वे चल नहीं सकती हैं। इसी बीच सिपाही का एक साथी भी मौके पर पहुंच गया और वह भी गालियां देने लगा। संदीप त्रिपाठी ने अपना परिचय देते हुए मां को घर जाने की इजाजत देने के लिए अनुनय-विनय करना चाहा, तो पुलिसवाले और भड़क गये और लाठियां चला दीं। काशी पत्रकार क्लब के अध्यक्ष अत्रि भरद्वाज बताते हैं कि इन पुलिसवालों ने इन भाइयों को जमकर पीटा। स्थानीय निवासियों और दूकानदारों ने इसी बीच जनसंदेश टाइम्स दफ्तर में मुख्य रिपोर्टर और दशाश्वयमेध घाट क्षेत्र के निवासी राजनाथ तिवारी को फोन इस घटना की सूचना दे दी। राजनाथ तिवारी वाराणसी की पत्रकारिता में खासी हैसियत रखते हैं। काशी पत्रकार संघ के महासचिव आर रंगप्पा के अनुसार राजनाथ तिवारी जब अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे तो इन पुलिसवालों ने उन्हें भी पीट दिया।
इस घटना की सूचना पाकर जब क्षेत्रीय पुलिस थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे, लेकिन बताते हैं कि एसओ भी इन सिपाहियों के सामने घुग्घू-बंदर की तरह मुंह लटकाये रखे। बाद में क्षेत्राधिकारी भी पहुंचे और बोले कि इस मामले को निपटा दूंगा, आप लोग गुस्सा थूक दीजिए।
अब खबर है कि इस हादसे की शिकायत करने के लिए पत्रकारों की टोली वाराणसी के बड़े दारोगा यानी एसएसपी के पास जाने की तैयारी कर रही है।
कुमार सौवीर की रिपोर्ट। लेखक यूपी के वरिष्ठ और बेबाक पत्रकार हैं, उनसे संपर्क 09415302520 के जरिए किया जा सकता है।