मैं आप पार्टी की समर्थक नहीं हूँ पर,
केजरीवाल के गंगा स्नान करने, त्रिपुंड लगाने पर जिन राष्ट्रवाद के ठेकेदारों को बड़ा ऐतराज़ है वे यह बताएं कि इन हिन्दू कर्मकाण्डो को करने के लिए कितने गोधरा काण्ड और कितने गुजरात काण्ड कराने पड़ते हैं?? कितनी हत्याओं से दामन दागदार करना होता है ?? कितने पीड़ितों की आह लेनी पड़ती है?
मैं आप पार्टी की समर्थक नहीं हूँ,
पर जिस तरह केजरीवाल ने शेर को चुनौती देने का साहस किया है वह प्रशंसनीय है। शेर को उसकी सही जगह जंगल या चिड़ियाघर में छोड़ने वाला कोई तो चाहिए। शेर का कबीर की नगरी में यूं खुलेआम घूमना जनता के लिए घातक है।
कवि और सोशल एक्टिविस्ट संध्या नवोदिता के फेसबुक वॉल से साभार।