सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत सरकारी विज्ञापनों की निगरानी के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन कर दिया है. कमिटी में थानवी के अलावा शैलेश कुमार और जगतीत सिंह देसवाल को सदस्य बनाया गया है. पिछले साल 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को छोड़कर बाकी सबके फोटो का सरकारी विज्ञापनों में इस्तेमाल रोक दिया था तो कितना हाहाकार मचा था. केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, असम, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले को बदलने की अपील की थी.
केंद्र और राज्यों की अपील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में अपने आदेश में बदलाव करते हुए केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्यों के मंत्रियों के फोटो का सरकारी विज्ञापनों में इस्तेमाल की इजाजत दे दी थी. लेकिन कोर्ट ने 13 मई, 2015 के बाकी तमाम आदेश और निर्देश को कायम रखा था. उन आदेशों में एक निर्देश ये था कि सरकारी विज्ञापनों की निगरानी के लिए सरकार तीन ऐसे लोगों की कमिटी बनाएगी जिनकी तटस्थता और निष्पक्षता पर कोई सवाल न हो.
उसी आदेश का पालन करते हुए दिल्ली सरकार ने ओम थानवी की अध्यक्षता में एक कमिटी बना दी है जो दिल्ली सरकार के विज्ञापनों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के हिसाब से ओके करेगी. दिल्ली सरकार द्वारा जारी कमिटी गठन आदेश में लिखा गया है कि ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्र सरकार के आग्रह पर किया जा रहा है. दिल्ली सरकार के ही सूचना और प्रचार निदेशालय के विशेष निदेशक को इस कमिटी का पदेन सदस्य सचिव बनाया गया है जो कमिटी के दैनिक कामकाज में मदद करेंगे.
Purushottam Sharma
July 21, 2016 at 4:03 pm
निष्पक्ष तो ये पहले भी नहीं थे अब तो भगवन ही मालिक है। बस ईश्वर पर ही भरोसा है।
Anjan Singh
July 26, 2016 at 6:34 am
अगर ओम थानवी निष्पक्ष है तो पक्ष की परिभाषा कोई तो बता दे रे बाबा। घनघोर कलयुग।
yashwant singh bafna
July 26, 2016 at 11:05 am
good move, Om ji has a good name in the field of media .