प्रभात डबराल-
अपने नज़दीकी लोगों के अनुभवों के आधार पर कह रहा हूँ, ओमीक्रॉन को हल्के में मत लीजिये..
ये सही है कि ये फेफड़ों को नहीं पकड़ता, साँस लेने में दिक़्क़त नहीं होती, शायद जानलेवा भी नहीं है. लेकिन ये बेसिक फ़्लू की तरह हार्मलेस भी नहीं है-ज़्यादातर मामलों में शरीर तोड़ दे रहा है.
ये भी ध्यान रहे कि अभी ओमिक्रान के दूरगामी असर का वैज्ञानिक आकलन नहीं हो पाया है इसलिए सावधानी बहुत ज़रूरी है.
फिर कह रहा हूँ कि ये फ़्लू की तरह नुक़सानरहित नहीं है.
डाक्टर या वैज्ञानिक तो नहीं हूँ लेकिन ओमिक्रोन कि चपेट में आए कई नज़दीकी लोगों(जिनमें मेरे बेटा/ बेटी भी शामिल हैं) से बातचीत के बाद कह रहा हूँ कि इसे साधारण जुकाम ना समझा जाए. ये शरीर पर जुकाम से कहीं ज़्यादा असर डालता है.
और फैलता इतनी तेज़ी से है कि आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब कहाँ और किससे आ गया.
इसलिए दूसरी वेव से भी ज़्यादा सावधानी ज़रूरी है…
राजेश मित्तल-
ओमिक्रॉन से घबराएं नहीं।
ज्यादातर मरीज 4-5 दिनों के अंदर घर पर ही ठीक हो रहे हैं।
ओमिक्रॉन वाला कोरोना वायरस हमारी नाक और सांस नली के ऊपरी हिस्से में ही रहता है, इसीलिए ज्यादा संक्रामक भी है। डेल्टा वाला तो हमारे फेफड़ों में डेरा जमाकर उन्हें खराब कर देता था। इसीलिए ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती थी। ओमिक्रॉन वाले में इसकी नौबत नहीं आती।
ओमिक्रॉन जितनी तेजी से फैल रहा है, उतनी ही तेजी से नीचे भी आएगा।
उम्मीद है कि 10-15 दिनों के बाद इस तीसरी लहर का भी पीक आ जाएगा और फिर नए मामलों की संख्या कम होती जाएगी। यानी तकलीफ इसी महीने तक रहेगी। फरवरी के आखिर तक इसका खेल खत्म हो जाएगा। मार्च में लगभग सामान्य ज़िंदगी शुरू हो जाएगी।
लेकिन अलर्ट रहें।
कोरोना का नया इंफेक्शन सबको हो सकता है, चाहे किसी ने वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई हों।
जिसने दोनों डोज ली हैं, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके सबसे कम आसार हैं।
जिसने एक डोज ली है, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके कुछ ज्यादा आसार हैं।
जिसने एक भी डोज नहीं ली है, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके सबसे ज्यादा आसार हैं।
जिसकी उम्र 60 साल से ऊपर है और साथ में कोई गंभीर बीमारी है, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके सबसे ज्यादा आसार हैं, चाहे वैक्सीन लगवाया हो या न लगवाया हो।
ओमिक्रॉन या कोरोना से बचे रहने के 8 तरीके हैंः
- वैक्सीन लगवाना
- घर में दूसरे लोगों को आने का न्योता न देना
- घर से बाहर हर वक्त मास्क लगाकर रखना
- घर से बाहर बंद जगहों पर जाने से बचना
- खुले में भी भीड़ वाली जगहों पर न जाना
- हमारे आसपास जो भी बाहरी शख्स आए, यह मानकर चलना कि उसे कोरोना है और उससे कम-से-कम 2 मीटर (करीब 6 फुट) की दूरी बनाकर रखना
- बाहर से आने पर और खाने से पहले हाथों को साबुन-पानी या हैंड सैनिटाइजर से साफ करना
- किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों का अभी कुछ दिन तक घर से बाहर न निकलना।