जब उम्मीदें हांफने लगे, सपने चीख चीख कर आपको सोने न दें तभी होती है क्रांति, आकाशवाणी में पूरी ज़िन्दगी दे चुके कैज़ुअल एनाउंसर को जिस तरह से अंडरटेकिंग और रिव्यु के जाल में फंसा कर निकाला गया और निकाला जा रहा है, उसके विरोध में पिछले साल 3 और 4 अगस्त 2015 को दो दिवसीय धरना प्रदर्शन जंतर मंतर पर आयोजित किया गया था, उम्मीद थी कुछ अच्छा होगा या आकाशवाणी महानिदेशालय या प्रसार भारती कोई रास्ता इन कैज़ुअल एनाउंसर के लिए निकालेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, बल्कि आकाशवाणी का व्यवहार कैज़ुअल एनाउंसर के प्रति और नफ़रत भरा तथा बदले की दुर्भावना से भर गया।
कोई उम्मीद नहीं दिखाई देने पर, भारत के सभी कैज़ुअल एनाउंसर 1 अगस्त 2016 से जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं। कला को समर्पित ये उद्घोषक सरस्वती पुत्र कहे जाते हैं, लेकिन आज इनकी दशा अत्यन्त सोचनीय और भयावह हो चुकी है, आशा है आप सभी का साथ मिलेगा तो यकीनन हमें इन्साफ भी मिलेगा और अधिकार भी।
लोकसभा में कल शिमला के सांसद श्री वीरेंद्र कश्यप जी ने आकाशवाणी में लंबे समय से काम कर रहे कैज़ुअल एनाउंसर के नियमितीकरण पर सवाल पूछा. धन्यवाद सांसद महोदय. आपने हमारी जायज़ मांग को संसद में उठाया… देखें वीडियो…
https://www.youtube.com/watch?v=Fe5BDMPIorY
अशोक अनुराग
मेरी आवाज़ ही पहचान है
आकाशवाणी
दिल्ली
[email protected]
Kashinath Matale
July 28, 2016 at 10:16 am
Jay Ho.
Haq Pane Ki Ladhai Ladhane walo ki Jay Ho.
Congratulation to all the casual employees of Akashwani who are ready to fight for their legal justice.
Satya Mev Jayayate
United We Stand !!!
Divided We Fall !!!