गिरीश मालवीय-
पेंडोरा पेपर्स पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है। बिके हुए मीडिया ने 2016 में आए पनामा पेपर्स के मामले को भी ऐसे ही दबा दिया था जबकि इस खुलासे ने कई देशों की सरकार बदल दी थी।
इस बार भी पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री इमरान के नजदीकियों की पेंडोरा पेपर में उपस्थिति को तो हेडलाइन बनाया जा रहा है लेकिन मोदी के नजदीकी अनिल अम्बानी, गौतम अडानी के भाई शांतिलाल अडानी, नीरव मोदी ओर किरण मजूमदार शॉ से संबंधित खुलासे पर कोई विश्लेषण नहीं है। सिर्फ सचिन तेंदुलकर को हेडलाइन बनाया जा रहा है।
कमाल की बात यह है मुकेश अम्बानी के भाई अनिल अम्बानी भारतीय कोर्ट के सामने कहते हैं कि वो दीवालिया हो गए हैं लेकिन इस खुलासे में पता चला है कि इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अनिल अंबानी और उनके प्रतिनिधियों की जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और साइप्रस में 18 ऑफशोर कंपनियां हैं।
यह सभी कंपनियां 2007 से 2010 के बीच बनी हैं, जिनमें से 7 कंपनियों ने कर्ज लिया और 1.3 बिलियन डॉलर (9648 करोड़ रुपये से ज्यादा) का निवेश किया।
यानी साफ साफ मनी लांड्रिंग की जा रही है कोई और देश होता तो अब तक अनिल अम्बानी जेल की रोटियां तोड़ रहे होते।
सबसे चौकाने वाला नाम बायोकॉन की किरन मजूमदार शॉ का है। इसमें बताया गया है कि किरण मजूदमदार शाह के पति ने इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में प्रतिबंधित किए जा चुके एक व्यक्ति की मदद से एक ट्रस्ट की मदद से गड़बड़ी की है।
दरअसल इसी साल जुलाई में सेबी ने एलेर्गो कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड और इसके सबसे ज्यादा शेयरधारक कुनाल अशोक कश्यप पर अगले एक साल तक शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने से रोक लगा दी थी. कुनाल पर गलत तरीके से साढ़े तीन साल में 12 फीसद के ब्याज के साथ 24.68 लाख रुपये कमाने के बाद यह कार्रवाई की गई थी।
इसके अलावा बायोकॉन लिमिटेड के शेयरों में अंदरूनी व्यापार के लिए भी प्रत्येक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. उस समय सेबी को यह जानकारी नहीं थी कि कुनाल कश्यप जुलाई 2015 में मॉरिशस में बनी ग्लेनटेक इंटरनेशनल द्वारा बनाए गए डीनस्टोन ट्रस्ट के सेटलर हैं.
ग्लेनटेक के 99 फीसद शेयर मैक्कलुम मार्शल शॉ के पास हैं और इस कंपनी के पास बायोकॉन के शेयर हैं. बता दें कि मैक्कलुम मार्शल शॉ एक ब्रिटिश सिटिजन हैं और 7630 करोड़ की बायोटेक्नोलॉजी इंटरप्राइज बायोकॉन लिमिटेट की एग्जक्यूटिव चेयरपर्सन किरन मजूमदार शॉ के पति हैं.
नीरव मोदी की कहानी तो खासी दिलचस्प है उस पर एक अलग से पोस्ट लिखनी होगी।
कहा जा रहा है कि पैंडोरा पेपर्स में पांच भारतीय राजनेताओं के नाम भी आए हैं, लेकिन उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, यानी पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त।