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पानी के झगड़े को पत्रकारिता का झगड़ा बनाया!

इलाहाबाद : दी पायनियर न्यूज़ पेपर इलाहाबाद के ब्यूरो चीफ और शहर के वरिष्ठतम पत्रकार अभिलाष नारायण और उनकी पत्नी ने पानी की आपूर्ति को लेकर अपने मकान मालिक के भाई स्टूडियो संचालक राजीव वार्ष्णेय और उसकी पत्नी गीता से मारपीट की। मारपीट में दोनों पक्षों को चोट आई। राजीव वार्ष्णेय के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। उनका कपड़ा फाड़ दिया गया। वार्ष्णेय की पत्नी के चेहरे पर नाख़ून से कुरेदे जाने के जख्म हैं. पुलिस ने दोनों का मेडिकल भी कराया है. अभिलाष नारायण, उनकी पत्नी का मेडिकल नहीं हुआ है.

<p>इलाहाबाद : दी पायनियर न्यूज़ पेपर इलाहाबाद के ब्यूरो चीफ और शहर के वरिष्ठतम पत्रकार अभिलाष नारायण और उनकी पत्नी ने पानी की आपूर्ति को लेकर अपने मकान मालिक के भाई स्टूडियो संचालक राजीव वार्ष्णेय और उसकी पत्नी गीता से मारपीट की। मारपीट में दोनों पक्षों को चोट आई। राजीव वार्ष्णेय के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। उनका कपड़ा फाड़ दिया गया। वार्ष्णेय की पत्नी के चेहरे पर नाख़ून से कुरेदे जाने के जख्म हैं. पुलिस ने दोनों का मेडिकल भी कराया है. अभिलाष नारायण, उनकी पत्नी का मेडिकल नहीं हुआ है.</p>

इलाहाबाद : दी पायनियर न्यूज़ पेपर इलाहाबाद के ब्यूरो चीफ और शहर के वरिष्ठतम पत्रकार अभिलाष नारायण और उनकी पत्नी ने पानी की आपूर्ति को लेकर अपने मकान मालिक के भाई स्टूडियो संचालक राजीव वार्ष्णेय और उसकी पत्नी गीता से मारपीट की। मारपीट में दोनों पक्षों को चोट आई। राजीव वार्ष्णेय के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। उनका कपड़ा फाड़ दिया गया। वार्ष्णेय की पत्नी के चेहरे पर नाख़ून से कुरेदे जाने के जख्म हैं. पुलिस ने दोनों का मेडिकल भी कराया है. अभिलाष नारायण, उनकी पत्नी का मेडिकल नहीं हुआ है.

घटना 28 / 29 मार्च की रात 9 से 10 बजे के बीच की है. पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गयी और समझौता कराकर घर भेज दिया. लेकिन इलाहाबाद न्यूज़ रिपोर्टर्स क्लब के अध्यक्ष अशोक चतुर्वेदी, जो किसी अख़बार में लम्बे समय से नहीं हैं, ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया.  भाजपा नेताओं से दबाव बनवाकर न केवल एफआईआर दर्ज करा दिया बल्कि राजीव वार्ष्णेय को हिरासत में लेने पर मजबूर कर दिया. दूसरी और इलाहाबाद के प्रेस फोटोग्राफरों ने राजीव वार्ष्णेय का पक्ष लिया और पुलिस को राजीव वार्ष्णेय की एफआईआर दर्ज करनी पड़ी. साथ ही उन्हें छोड़ना पड़ा. यह पूरा प्रकरण मकान के लान में हुआ.

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बताया जा रहा है कि इलाहाबाद न्यूज़ रिपोर्टर्स क्लब फर्जी पत्रकारों की संस्था बनकर रह गया है जो पत्रकार वार्ता के नाम पर पैसा वसूली करता है और गिफ्ट बटोरने में लगा रहता है. इसके पहले सहारा की एक पत्रकार द्वारा घर कब्जा करने के मामले में भी इलाहाबाद न्यूज़ रिपोर्टर्स क्लब उसकी तरफ से कूदा था और प्रशासन पर दबाव बनाया था. पर हकीकत खुलने पर सहारा की महिला पत्रकार को घर खाली करना पड़ा था. आरोप है कि क्लब के कथित पदाधिकारी पत्रकारों का नेता होने के नाम पर प्रशासन को ब्लैकमेल करते हैं.

द्वारा-
मुमताज अहमद
पूर्व यूनिट हेड
राष्ट्रीय सहारा, इलाहाबाद

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मूल खबर…

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0 Comments

  1. Amarjit Singh

    March 30, 2017 at 1:05 pm

    15 सालों से कोई सदस्य नहीँ बनाया और
    सेवानिवृत पत्रकारों ,और वकीलों का अड्डा है अल्लाहाबाद निव्स रिपोटर्स क्लब ऐसा अजूबा सिर्फ इलाहाबाद में ही है।

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