कई न्यूज़ चैनलों और अख़बारों में वरिष्ठ पद पर रहे पत्रकार पंकज श्रीवास्तव के बारे में खबर आ रही है कि वो कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पंकज ने बीच में मीडिया विजिल डॉट काम नामक website का संचालन भी किया था जो बाद में कई विवादों का कारण बनी। वे आम आदमी पार्टी के साथ भी जुड़े हुए थे। पढ़िए कुछ पत्रकार साथियों की टिप्पणियाँ-
शिव दास-
मीडियाविजिल के संस्थापक, मालिक और संपादक डॉ. पंकज श्रीवास्तव आज अधिकारिक रूप से कांग्रेसी हो गए।
अभिषेक श्रीवास्तव-
मीडियाविजिल मैंने 2020 के मार्च में जब छोड़ा था तो निजी अफ़सोसों से इतर एक सामान्य संतोष इस बात का था कि चलो कुछ अच्छा खड़ा किया, बाकी भाई साहब संभाल लेंगे लेकिन ये क्या? आम आदमी पार्टी के बाद अब कांग्रेस की नौकरी? नसीमुद्दीन सिद्दीकी के मातहत? खैर! जैसे उनके दिन फिरें…
अमलेन्दु उपाध्याय-
मोदी जी के आने के बाद कई धांसू पत्रकार बेरोजगार हो गए, लेकिन अच्छी बात यह है कि कांग्रेस ने उनमें सो कईयों को रोजगार दे दिया। कुछ को बाकायदा मोटी तनख्वाह पर अपना प्रवक्ता बना दिया, अब वो रोज टीवी डिबेट में एंकरों और भाजपा प्रवक्ताओं की गालियां खाकर नमक का फर्ज अदा कर रहे हैं। कुछ जो अन्ना आंदोलन में कांग्रेस के भ्रष्टाचार को उघाड़कर मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ माहौल बना रहे थे, वो अब कांग्रेस के सहयोग से क्रांतिकारी बने हुए हैं और अपने यूट्यूब चैनल खोलकर मोदी जी के खिलाफ कैम्पेन चला रहे हैं।
इधर ताजा खबर यह है कि अन्ना आंदोलन के दौरान केजरीवाल की ट्रोल आर्मी प्रमुख रहे पत्रकार डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने विधिवत् कांग्रेस की नौकरी ज्वाइन कर ली है। चर्चा यह है कि उन्हें मोटी तनख्वाह पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी का सहायक बनाया गया है। पंकज जी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से ऐन पहले केजरीवाल की खबरें न दिखाए जाने पर अंबानी के चैनल से बगावत कर दी थी। अन्ना आंदोलन के दौरान कांग्रेसियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाए थे।
नौकरी करना बुरी बात नहीं है, पंकज जी पहले अंबानी के नौकर थे, अब नसीमुद्दीन के, पेट पालने के लिए नौकरी तो करेंगे ही, गुरुद्वारे में लंगर तो नहीं खाएंगे। लेकिन कांग्रेसियों की दरिद्रता देखिए उन्हें नौकरी देने के लिए भी केजरीवाल के नौकर ही मिले। ऐसे ही कांग्रेस यूपी में 403 में से 404 सीटें लाएगी।
बहरहाल पंकज जी को नई नौकरी मुबारक, कम से कम अब पत्रकारिता पर भाषण तो नहीं झाड़ेंगे और मीडिया विजिल चलाने के लिए चंदा नहीं मांगेंगे।…और आखिरी बात.. पत्रकारों से तमीज से पेश आएंगे क्योंकि अब नसीमुद्दीन के मातहत हैं, पत्रकार नहीं।
सत्येंद्र पीएस-
कॉमरेड पंकज श्रीवास्तव के कांग्रेस पदाधिकारी बनने से वो भी जल भुन रहे हैं जो फ्री में कांग्रेस के हरकारा बने हुए थे। शायद उनको कांग्रेस ने भाव नहीं दिया और अब वह जलन में राहुल गांधी के खिलाफ अभियान चलाएंगे।
खैर…
कांग्रेस में तमाम कॉमरेड शामिल हुए हैं। कुछ तो ऐसे थे जो जर्जरात कम्युनिस्ट ब्राह्मण थे और अब वह पंडित जवाहरलाल नेहरू का स्तुतिगान कर रहे हैं कि वही सबसे बड़े कम्युनिस्ट थे।
युवाओं को इससे सीख लेना चाहिए। और अवधी वाले रफीक शादानी के शब्दों में कहें तो…
समय कै समझौ यार इशारा
उल्लू हौ,
तुमहू मारौ हाथ करारा
उल्लू हौ।