उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार चुनावी अधिसूचना खत्म होने के बाद पत्रकारों के परिजनों को पीजीआई एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों में मुफ्त इलाज की सुविधा दे सकती है। राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त समिति के सचिव शिव शरण सिंह की पहल पर सरकार चुनाव खत्म होने के बाद इस पर सकारात्मक निर्णय ले सकती है। मुख्यालय के मान्यता प्राप्त पत्रकार लंबे समय से परिजनों के लिये भी पीजीआई में मुफ्त इलाज की मांग करते आ रहे हैं। फिलहाल केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही पीजीआई में मुफ्त इलाज की सुविधा मिली हुई है।
दरअसल, राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त समिति के एक वर्ष पूर्ण होने पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सचिव शिव शरण सिंह ने विगत 15 अप्रैल को समिति की बैठक बुलाई थी, जिसमें आवास समेत पत्रकारों के परिजनों को भी मुफ्त इलाज कराये जाने की बात उठी। इसके अलावा भी पत्रकारों की कई समस्याओं पर चर्चा हुई। इस संदर्भ में शिव शरण सिंह एवं अजय श्रीवास्तव द्वारा एक हस्ताक्षरित पत्र अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया।
अवनीश अवस्थी ने मान्यता समिति द्वारा 15 अपैल को दिये गये पत्र सूचना निदेशक शिशिर को अग्रसारित करते हुए इस संदर्भ में आख्या मांगी थी। इस संदर्भ में शिशिर ने 14 मई को अपर मुख्य सचिव सूचना को दी गई अपनी आख्या में बताया है कि अब तक केवल पत्रकारों को ही पीजीआई में मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है, और शासन चाहे तो पीजीआई एवं अन्य समकक्ष संस्थानों के ओपीडी में सांसदों एवं विधायकों की भांति पत्रकारों के परिजनों एवं आश्रितों को भी निशुल्क चिकित्सा दिये जाने पर विचार किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि पत्रकारों के परिजनों को निशुल्क इलाज को लेकर मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार भी समिति की मांग से सहमत हैं। मृत्युंजय कुमार पत्रकारिता पृष्ठभूमि से आते हैं, लिहाजा उम्मीद जताई जा रही है कि चुनावी अधिसूचना खत्म होने के बाद वह यह बात मुख्यमंत्री तक पहुंचायेंगे। फिलहाल कागजी घोड़े दौड़ने शुरू हो चुके हैं, और उम्मीद है कि बाकी की प्रक्रिया पर भी चुनाव बाद सकारात्मक निर्णय लिया जायेगा। शासन की तरफ से हो रही इस पहल से पत्रकारों में खुशी है।
अनिल सिंह की रिपोर्ट.
naseem
May 17, 2019 at 10:35 am
योगी जी अब पत्रकारों को लॉलीपॉप देने से भी कुछ फायदा नहीं 🙂