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सुख-दुख

ये पत्रकार हैं या चाटुकार (देखें तस्वीरें)

ये दो तस्वीरें हिमाचल प्रदेश के जिला उना जिले की है. यहां के पत्रकारों की चाटुकारिता का नमूना हैं ये तस्वीरें. चाटुकारिता में ये पत्रकार इतने घिर गए कि इन लोगों को अपने पेशे की गरिमा का तनिक खयाल ही नहीं रहा. आखिर कैसे इनसे उम्मीद की जाएगी कि ये निष्पक्ष पत्रकारिता का धर्म निभाएंगे. सत्ता के चरणों में लोटने को आतुर इन पत्रकारों की करनी पर कलम के सच्चे सिपाहियों का सिर शर्म से झुक गया है.

ये दो तस्वीरें हिमाचल प्रदेश के जिला उना जिले की है. यहां के पत्रकारों की चाटुकारिता का नमूना हैं ये तस्वीरें. चाटुकारिता में ये पत्रकार इतने घिर गए कि इन लोगों को अपने पेशे की गरिमा का तनिक खयाल ही नहीं रहा. आखिर कैसे इनसे उम्मीद की जाएगी कि ये निष्पक्ष पत्रकारिता का धर्म निभाएंगे. सत्ता के चरणों में लोटने को आतुर इन पत्रकारों की करनी पर कलम के सच्चे सिपाहियों का सिर शर्म से झुक गया है.

पहली तस्वीर में पत्रकार लोग किस तरीके से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ फोटो खिंचा रहे हैं, इसे आप देख सकते हैं. दूसरी तस्वीर में यही पत्रकार लोग हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ के साथ चरणों में लोटकर तस्वीर खिंचा रहे हैं. इन तस्वीरों को देखने के बाद पत्रकारिता के बारे में कुछ भी कहने की जरूरत है क्या? पत्रकारिता का क्षेत्र दोहरी मार से जूझ रहा है. संपादकों को कर्पोरेट ने शिखंडी और नपुंसक बना दिया है तो स्ट्रिंगरों-रिपोर्टरों को सत्ता ने अपनी मलाई चटाकर अपने चरणों में लोटने को मजबूर कर दिया है. ऐसे में सच्ची पत्रकारिता कौन करेगा और कराएगा?

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एक पत्रकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर आधारित.

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0 Comments

  1. आशुतोष

    October 24, 2014 at 4:16 pm

    इन मे सभी चाटू कार है संभव नहीं

  2. anurag

    October 19, 2014 at 10:16 am

    चार चूतियों की तस्वीरें डालकर पत्रकारिता पर सवाल खड़ा करना चूतियापा है।

  3. rajiv bhanot

    October 19, 2014 at 1:16 pm

    esa nahi hai yeh galat dala gya hai patrkar ka apman sehan nahi hoga

  4. SANDEEP VERMA

    October 19, 2014 at 1:30 pm

    ऐसे पत्रकार पत्रकारिता को बदनाम करके रख दिए हैं.कई बार तो लोग कहते हैं की पत्रकार से कोई खबर छपवानी हो तो एक दारु की बोतल या १०० रूपए दे दो काम हो जायेगा

  5. Amit Sharma

    October 19, 2014 at 1:51 pm

    ऊना के पत्रकार निष्पक्ष और ईमानदार है । इस तरह सभी पत्रकारों को इस श्रेणी में रखना तर्कसंगत नहीं है

  6. Gaurav

    October 19, 2014 at 3:52 pm

    ऊना के पत्रकारों की पूरे प्रदेश में एक अलग पहचान बनाई है
    सभी को एक श्रेणी में रखना तर्कसंगत नहीं है

  7. जितेंदर गुप्ता

    October 21, 2014 at 2:14 am

    ek machhli jab saare taalab ko ganda kar sakti hai, to chaar nahi balki 8 hain…aur Una Press Reporters ko aise logon aur achhe Reporters ke madhay gap rakhna hoga…aur jag jahir karna hoga…

  8. sanjeev sharma

    October 21, 2014 at 4:11 pm

    अबे दलालो, क्यूँ पत्रकारिता को बदनाम कर रहे हो, शर्म करो, हमे तो इज़्ज़त से जीने दो

  9. Rajendra Prasad

    October 22, 2014 at 6:04 am

    यही वजह है कि खाटी पत्रकारिता करने वाले परेशान किए जाते है ज्यादातर पत्रकार दलाली में सम्मलित पाये गये है ऐसे में निष्पक्ष पत्रकारिता करने वालों के लिए लोग जान के दुश्मन तो बनेगें ही!! लेकिन कोर्इ बात नहीं है अपनी-अपनी सोच है और अपना-अपना तरीका है पत्रकारिता करने के लिए। राजेन्द्र प्रसाद, सम्पादक, प्रहरी मिमांसा समाचार पत्र लखनऊ

  10. azamgarh

    October 23, 2014 at 2:04 am

    चार चूतियों की तस्वीरें डालकर पत्रकारिता पर सवाल खड़ा करना चूतियापा है।

  11. alok

    October 23, 2014 at 3:02 am

    Jin patrakaro ki photo chapi hai unko to hum kos rahe hai par jin patrakaron ke comment me abuses ka istamal kia hai kya wo bhi ek suljhe huae patrakar hai yeh unki virith mansikta ka soochak hai

  12. नीरज

    June 14, 2015 at 4:58 pm

    ईएसआई प्त्कारो को अपना भाई कहते हुए श्रम आती है\

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