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पत्रिका ग्रुप ने अपने कई पत्रकारों को सम्मानित किया

जयपुर। प्रतिवर्ष होने वाली पंडित झाबरमल्ल स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन रविवार सुबह 10.30 बजे राजस्थान पत्रिका के के सरगढ़ कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर पत्रिका की ओर से सृजनात्मक साहित्य व पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर पत्रिका समूह के प्रधान संपाधक गुलाब कोठारी ने लोकतंत्र में मीडिया के घटते प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनावों के समय मीडिया को सिर-आंखों पर चढ़ा लेते हैं लेकिन इसके बाद वह उन्हें बोझ लगने लगता है। जनता के लिए बना लोकतंत्र अब सरकार के लिए हो गया है। सरकारें मीडिया को दबंगई दिखाने लगी हैं।

<p>जयपुर। प्रतिवर्ष होने वाली पंडित झाबरमल्ल स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन रविवार सुबह 10.30 बजे राजस्थान पत्रिका के के सरगढ़ कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर पत्रिका की ओर से सृजनात्मक साहित्य व पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर पत्रिका समूह के प्रधान संपाधक गुलाब कोठारी ने लोकतंत्र में मीडिया के घटते प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनावों के समय मीडिया को सिर-आंखों पर चढ़ा लेते हैं लेकिन इसके बाद वह उन्हें बोझ लगने लगता है। जनता के लिए बना लोकतंत्र अब सरकार के लिए हो गया है। सरकारें मीडिया को दबंगई दिखाने लगी हैं।</p>

जयपुर। प्रतिवर्ष होने वाली पंडित झाबरमल्ल स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन रविवार सुबह 10.30 बजे राजस्थान पत्रिका के के सरगढ़ कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर पत्रिका की ओर से सृजनात्मक साहित्य व पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर पत्रिका समूह के प्रधान संपाधक गुलाब कोठारी ने लोकतंत्र में मीडिया के घटते प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनावों के समय मीडिया को सिर-आंखों पर चढ़ा लेते हैं लेकिन इसके बाद वह उन्हें बोझ लगने लगता है। जनता के लिए बना लोकतंत्र अब सरकार के लिए हो गया है। सरकारें मीडिया को दबंगई दिखाने लगी हैं।

उन्होंने कहा कि जिस पार्टी को जितना बहुमत मिलता है वह उतना ही अहंकार दिखाती है। मोदीजी ने भी सरकार बनने के बाद अपने साथियों को मीडिया से दूरी बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जनता सरकार का पेट पालती है लेकिन उसे अपना काम कराने के लिए रिश्वत भी देना पड़ता है। हम उनको सत्ता में ला रहे है लेकिन घूस भी दे रहे हैं। ऎसा होने का क्या कारण है। इसका जवाब मीडिया को देना होगा। आज हम जो बोते हैं उसका फल खुद ही खाना चाहते हैं, यह कैसे संभव है। ऎसा होने पर तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और तानाशाही आ जाएगी। इस अवसर पर पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखते हुए खबरें देने और साहस से सच का साथ देने वाले “कलम के सिपाहियों” को उनको पुरस्कृत किया गया।

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सर्वश्रेष्ठ स्पेशल कवरेज – संदीप उपाध्याय
सर्वश्रेष्ठ ओपीनियन – लोकेन्द्र चौहान
सर्वश्रेष्ठ एक्सक्लूजिव न्यूज – विकास जैन
सर्वश्रेष्ठ मानवीय स्टोरी – भरतपुर ब्यूरो
सर्वश्रेष्ठ शाखा अभियान – सूरत
सर्वश्रेष्ठ भागीदारी अवार्ड – जयपुर
सर्वश्रेष्ठ ब्यूरो अभियान – जितेन्द्र सारण
सर्वश्रेष्ठ फोटो -हाबूलाल शर्मा
सर्वश्रेष्ठ कार्टून – सुधाकर सोनी
सर्वश्रेष्ठ ग्राफिक्स – अभिषेक शर्मा

सृजनात्मक साहित्य पुरस्कारों के तहत इस साल कहानी में प्रथम पुरस्कार जयपुर के कथाकार प्रबोध कुमार गोविल, दूसरा पुरस्कार राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और कविता में प्रथम पुरस्कार उज्जैन के हेमंत देवलेकर तथा दूसरा पुरस्कार विनोद पदरज को दिया गया।

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0 Comments

  1. varu

    January 5, 2015 at 5:27 am

    k shragarh nahi keshargarh hai

  2. ram

    January 5, 2015 at 6:35 am

    ये साला हरामखोर गुलबकोठरी साला कद जयपुर झाबरमल व्याख्या माला मैं उपदेहस दे रहा रहा था की पेड न्यूज़ पत्रकारिता के लिए कलंक हैं अरे सेल गद्दार नालायक चोर भृष्ट अय्याश दोगले कर्मचारियों का खून चूसने वाले जैन धरम के कलंकित जियो मत जीने दो के अनुयाई अपने आप को जैन कहने वालेदी.डी. लिट के उपाधि को करिध कर अपने आप को समनती करवाने वाले डा. गद्दार गुलाब कोठारी साले अपने ग्रहवान मैं झांककर देख चोर अपने कर्मचारियों का करोडो खा गया फिर भी शर्म नहीं आती नालायक अगर जरा भी शर्म बची हो तो जिनकी दिनरात मेहनत और खून पसीने के कमाई पर जो ऐश कर रहा है सेल क्यों इनका हक़ मार कर अपने आप को बहुत बड़ा पत्रकार बनता हैं बरना चुल्लू भर पानी मैं डूब के मर जा कुत्ते साला दो कोडी का सड़क छाप आदमी साला लोगो से लिखवाकर अपने नाम से अपनी दुकान चलकर बहुत बड़ा लेखक बनता कभी एक भी दोहा भी लिखा रसिया कहीं का साला डिन रात नारी के सपने देखता रहना ऐयाश है हरामखोर साले आज सुप्रीम कोर्ट मैं तेरा भविष्य लिखा जाएगा

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