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मजीठिया से बचने के लिए राजस्थान पत्रिका भी साइन करा रहा घोषणा-पत्र (देखें प्रारूप)

मजीठिया से बचने के लिए राजस्थान पत्रिका भी अपने कर्मचारियों से घोषणा-पत्र साइन करा रहा है। कर्मचारियों से घोषणा करायी जा रही है कि वे अपने हित और कंपनी की उन्नती के लिए मजीठिया वेज बोर्ड द्वारा लागू की गई सिफारिशों के तहत दिए गए ‘मौजूदा वेतन संरचना को बनाए रखने’ के विकल्प का प्रयोग करना चाहते हैं। कंपनी की वाह-वाही करते हुए इसमें लिखा गया है कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों का ध्यान परिवार के सदस्यों की भांति रखा जाता है। मजीठिया से बचने के इस चोर रास्ते के लिए कर्मचारियों द्वारा दी गयी सहमति कितनी स्वतंत्र होगी इसका सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

<p>मजीठिया से बचने के लिए राजस्थान पत्रिका भी अपने कर्मचारियों से घोषणा-पत्र साइन करा रहा है। कर्मचारियों से घोषणा करायी जा रही है कि वे अपने हित और कंपनी की उन्नती के लिए मजीठिया वेज बोर्ड द्वारा लागू की गई सिफारिशों के तहत दिए गए 'मौजूदा वेतन संरचना को बनाए रखने' के विकल्प का प्रयोग करना चाहते हैं। कंपनी की वाह-वाही करते हुए इसमें लिखा गया है कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों का ध्यान परिवार के सदस्यों की भांति रखा जाता है। मजीठिया से बचने के इस चोर रास्ते के लिए कर्मचारियों द्वारा दी गयी सहमति कितनी स्वतंत्र होगी इसका सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है।</p>

मजीठिया से बचने के लिए राजस्थान पत्रिका भी अपने कर्मचारियों से घोषणा-पत्र साइन करा रहा है। कर्मचारियों से घोषणा करायी जा रही है कि वे अपने हित और कंपनी की उन्नती के लिए मजीठिया वेज बोर्ड द्वारा लागू की गई सिफारिशों के तहत दिए गए ‘मौजूदा वेतन संरचना को बनाए रखने’ के विकल्प का प्रयोग करना चाहते हैं। कंपनी की वाह-वाही करते हुए इसमें लिखा गया है कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों का ध्यान परिवार के सदस्यों की भांति रखा जाता है। मजीठिया से बचने के इस चोर रास्ते के लिए कर्मचारियों द्वारा दी गयी सहमति कितनी स्वतंत्र होगी इसका सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

Patrika Bond

 

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भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित।

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0 Comments

  1. lachar karmi

    July 7, 2014 at 10:57 am

    me to yah chahta hu ki jitne bhi akhbarone ise lagu nahi kiya unhe cort of contempt ke madhyam se sabhi ko jel bhej kar subrato roai jesa sabak sikhana chahie…

  2. nikhil

    July 8, 2014 at 7:15 am

    Mr.Gulag kothar ab aap kya kahna hi aapke updeshyon,emandari Adarsh Geeta ke updehs ka jeeta jagta namuna samne aa gaya.

  3. kamta prasad

    July 9, 2014 at 8:05 am

    साथियों, सुप्रीम का कोई एक वकील पकड़िये। उसे 100-200 नामों की सूची दीजिए। वह इस सूची को जगजाहिर नहीं करेगा। और आपकी ओर से भेजेगा लीगल नोटिस, फिर करेगा अदालत की तौहीन का मुकदमा। बस सिंपल। आपमें से किसी का भी नाम सामने नहीं आएगा। नौकरी सलामत रहेगी।
    पर कोर्ट का खर्च तो मिल-बांटकर उठाना ही पड़ेगा। कोई अगर सीरियर हो तो बताए, रा्स्ता दिखाने को मैं तैयार हूं।

  4. shailendra tiwari

    July 15, 2014 at 3:00 pm

    napunsak arun chouhan ne bhi sign karaye hai. malikon ke talua chattkar sekdo logo ki baddua le raha hai.

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