गिरीश मालवीय-
पेटीएम का शेयर खरीदने वालों के दिल में होली जल रही है कुछ महीने पहले आईपीओ में 2150 रुपये में बिका शेयर 585 रुपये तक गिर चुका हैं मैक्वेरी कैपिटल सिक्योरिटीज का तो मानना है कि पेटीएम का शेयर अब 450 रुपये तक गिर सकता है.
कुछ महीने पहले पेटीएम आईपीओ इतिहास का सबसे बड़ा 18,800 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई थी. उस वक्त पेटीएम का मार्केट कैपिटाईजेशन 1,39,000 करोड़ रुपये था जो अब घटकर 38000 करोड़ रुपये के करीब आ चुका है. यानि आईपीओ लॉन्च होने के सेमय से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट कैपिटाईजेशन घट चुका है.
लगातार 8 सालों से पेटीएम नुकसान में है बढ़ते हुए डिजिटल ट्रांजेक्शन के बावजूद वित्त वर्ष 2021 में पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने 1701 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है। टेलिग्राफ इंडिया के मुताबिक ये लगातार आठवां साल है, जब कंपनी को नुकसान हुआ है।…….. उसके बावजूद उसे कैसे इतनी ऊंची लिस्टिंग दी गई यह राज शायद नोटबंदी मे कंपनी के ब्रांड एंबेसेडर बने मोदी ही बता सकते है !…..
अब ये सबको मालूम है कि भारतीय रिजर्व बैंक की एनुअल जांच में पाया गया कि कंपनी के सर्वर चाइना-बेस्ड फर्म के साथ जरूरी जानकारी शेयर कर रहे थे, जो इनडायरेक्टरी तौर से पेटीएम पेमेंट्स बैंक में हिस्सेदारी रखते हैं… ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, RBI ने 11 मार्च के एक आदेश में पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नए कस्टमर्स जोड़ने पर रोक लगा दी थी क्योंकि इसने अपने डेटा को विदेशी सर्वर तक जाने की इजाजत दी…..
2016 नवंबर मे हुई नोटबंदी के बाद हिंदी और अंग्रेजी के कई अखबारों में पहले पन्ने पर PAYTM ने प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ पूरे पेज का विज्ञापन छपवाया था इस विज्ञापन में पेटीएम ने नोटबंदी के लिए पीएम मोदी को बधाई देते हुए लिखा, ‘आजाद भारत की फाइनेंशियल हिस्ट्री में सबसे बड़ा कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया.’
लोग अब भी नही समझेंगे।
एक और कहानी।
क्या आपने भी रेलवे टिकट ऑनलाइन बुक की है। सबसे तेज ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए दो ही रास्ते है या तो आप आईआरसीटीसी की वेबसाइट/एप से बुक कराइए या पेटीएम से।
व्यवहार में देखा गया है कि आईआरसीटीसी की अपेक्षा पेटीएम से टिकट जल्दी बुक होते है बार बार रिफ्रेश भी नही करना पड़ता और लिंक फेल जैसी समस्या भी नही आती … रिफंड पॉलिसी भी बेहतर है ऐसी सुविधाओ के कारण ही पेटीएम रेलवे की खुद की संस्था आईआरसीटीसी से कही आगे निकल गया है।
लेकिन पेटीएम ही क्यो? क्या आपने कभी यह सोचा ? देश में पेटीएम और मोदी को राइज एक साथ हुआ मोदी सरकार ने ही अप्रैल 2015 में पेटीएम ने भारतीय रेलवे के साथ एक समझौता करवाया गया जिसमें पेमेंट वॉलेट टिकटिंग से संबंधित transactions के लिए स्वीकार्य किया गया।
इस समझौते से एक चाइनीज अधिपत्य वाली कंपनी बड़े पैमाने पर बिना स्पष्ट बैंकिंग लाइसेंस लिए भारत के नागरिकों के धन का आरहण और वितरणं करने का अधिकार दे दिया गया।
यह जिम्मेदारी रुपे को दी जानी चाहिए थी लेकिन देश में ही तैयार किये गए रुपे पेमेंट गेटवे को यह जिम्मेदारी नहीं दी गयी पेमेंट गेटवे वह माध्यम है जो इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर में बैंकों की मदद करता है। हम विश्व के चौथे ऐसे देश है जिसके पास अपना खुद का पेमेंट गेटवे है रुपे को 2014 से पहले ही तैयार कर लिया गया था, सरकार चाहती तो इसे कैशलेस अर्थव्यवस्था में लोगो को सुविधा देने के सबसे बड़े टूल के रूप में प्रयोग ला सकती थी पर सरकार एक चाइनीज अधिपत्य वाली कंपनी पेटीएम पर भरोसा दिखाया, जब आरोग्य सेतु जैसा ऐप बनाया जा सकता है तो रेलवे टिकट की बिक्री के लिए को upi ऐप्प क्यो नही डेवलप किया गया !
रेलवे के टिकट बिक्री में रोज करोडो नहीं अरबो का ट्रासिक्शन होता है और जहाँ तक मुझे जानकारी है कि रेलवे अपना पैसा लेने में यदि एक दिन की भी देरी करेगी तो इस पेमेंट गेटवे मे पड़े पैसे का ब्याज ही करोडो रूपए हो जाएगा जिसका इस्तेमाल कर यह चाइनीज अधिपत्य वाली यह कपनी सीधे चीन को फायदा पुहचायेगी
पेटीएम को ऐसे एक्सक्लूसिव राइट्स दिए जाने पर वित्तीय सुरक्षा से संबंधित कुछ विशेषज्ञों ने इस पर लगातार सवाल खड़े किए कि यदि paytm इतने बड़े लेवल पर काम कर रहा है तो भारत में लेन-देन संबंधित आर्थिक जानकारियां अलीबाबा तक बहुत आसानी से पहुंच सकती हैं.
कल वही हुआ जिसका डर था RBI की एनुअल जांच में पाया गया कि कंपनी के सर्वर चाइना-बेस्ड फर्म के साथ जरूरी जानकारी शेयर कर रहे थे, जो इनडायरेक्टरी तौर से पेटीएम पेमेंट्स बैंक में हिस्सेदारी रखते हैं।आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 11 मार्च को नए ग्राहकों को लेने से इसलिए रोक दिया था क्योंकि उसने भारत के नियमों के उल्लंघन में डेटा को विदेशों में सर्वरों में फ्लो करने की अनुमति दी थी और अपने ग्राहकों को ठीक से सत्यापित नहीं किया था।
मीडिया में इस पुरे घोटाले को दबाने हेतु ही एक फालतू सी मूवी कश्मीर फाइल्स विवाद को उभारा गया, ताकि असलियत पर लोगो का ध्यान न जाए।
योगेश गर्ग-
Paytm की लूट बदस्तूर जारी है, इस कम्पनी में 89 % Retail share invester फंसे हुए है। सेबी ने इसके 2150 रुपए की कीमत आंककर IPO की अनुमति दी तब से यह 65% गिर चुका है।
कोई भी स्याना प्रमोटर है ही नही , FII या mutual Fund वाला भी ज्यादा इसमें फंसा नही केवल आम जनता के अलावा।
जब से वो NSE में हिमालय के बाबा से ज्ञान लेने वाली महिला का घोटाला सामने आया है निश्चित ही इस paytm के IPO में भी घोटाला हुआ है। जनता के पैसे की संगठित लूट हुई है।
Subhash Maurya
March 18, 2022 at 5:16 pm
Paytm की लूट बदस्तूर जारी है, इस कम्पनी में 89 % Retail share invester फंसे हुए है। योगेश जी आपकी बात तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है। सच ये है कि 2 लाख रुपये से कम निवेश करने वाले निवेशकों की हिस्सेदारी 3.49% है। 2 लाख से ज्यादा के निवेश करने वाले रिटेल निवेशकों का हिस्सा 9.46% है। विजय शेखर शर्मा की हिस्सेदारी 8.9% है। पेटीएम में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी विदेशी , खासकर चीनी कंपनियों की है। सबसे बड़ी हिस्सेदारी अलीबाबा ग्रुप की Antfin (Netherlands) Holding B.V. 24.9% है। आप पूरी हिस्सेदारी यहां देख सकते हैं।
https://www.bseindia.com/corporates/shpPublicShareholder.aspx?scripcd=543396&qtrid=112.00&QtrName=December%202021
Bharat Singh Rawat
March 20, 2022 at 11:39 am
73% गिरने के बाद ही पेटीएम आपको शानदार रिटर्न देगा अब आप इस पर निवेश कर सकते हैं या अपने निवेश को बनाए रख सकते हैं 6 महीने पूरे होने वाले हैं इस इश्यू को उसके बाद कंपनी राइट इश्यू के जरिए अपनी शेरों को सस्ते में खरीदेगी आप स्वयं इसका आकलन करें या खबर झूठी हो सकती है सोच समझकर यह अपना धन लगाएं मैंने अपना निवेश इसी आधार पर किया है अब देखो क्या होता है समय बताएगा
Bharat Singh Rawat
March 20, 2022 at 11:35 am
73% गिरने के बाद ही पेटीएम आपको शानदार रिटर्न देगा अब आप इस पर निवेश कर सकते हैं या अपने निवेश को बनाए रख सकते हैं 6 महीने पूरे होने वाले हैं इस इश्यू को उसके बाद कंपनी राइट इश्यू के जरिए अपनी शेरों को सस्ते में खरीदेगी आप स्वयं इसका आकलन करें या खबर झूठी हो सकती है सोच समझकर यह अपना धन लगाएं मैंने अपना निवेश इसी आधार पर किया है अब देखो क्या होता है समय बताएगा