पहले नेता भ्रष्ट हुए. फिर नेताओं ने भ्रष्ट अफसरों को करीब रखकर उन्हें प्रमोट करना और उनके जरिए कमाना शुरू किया. इसके बाद भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट अफसर ने मीडिया को भ्रष्ट कर अपने भ्रष्टाचार की पोल को खुलने से रोका, साथ ही भ्रष्टाचार के गठजोड़ को बड़ा किया. ये साबित तथ्य हैं. इसीलिए कहा जाता है कि मीडिया कोई अलग थलग भ्रष्ट नहीं है बल्कि इसे दो भ्रष्ट स्तंभों ने भ्रष्ट करने में अहम भूमिका निभाई है. देश में जब तक राजनीति अच्छी नहीं होगी, राजनीति नहीं सुधरेगी तब तक मीडिया का सुधरना मुश्किल है. इसी का ताजा उदाहरण है एक नेता द्वारा मीडिया वालों को रिश्वत देने का.
बीजू जनता दल के सांसद पिनाकी मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें लिफाफे में प्रत्येक पत्रकार को दो-दो सौ रुपये बांटे गए. कई पत्रकारों ने रुपये देने का या कम रुपये देने का विरोध किया और फिर मच गया हंगामा. घटना ओडिशा के पुरी की है. संसद की स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष और बीजू जनता दल के सांसद पिनाकी मिश्रा ने पुरी में पत्रकारों को बुलाया था. आयोजकों की ओर से पत्रकारों को 200 रुपए वाले लिफाफे बांटे गए. मामला गरमाने के बाद शहर के कई पत्रकारों ने सांसद मिश्रा और विधायक महेश्वर मोहंती के खिलाफ रिश्वत देने की शिकायत दर्ज कराई है.
यूको बैंक द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए सांसद मिश्रा मंगलवार को पुरी पहुंचे थे. वे यहां केंद्र सरकार द्वारा कराए जा रहे कामों को निरीक्षण करने और कुछ और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद वे यूको बैंक द्वारा स्थानीय मेयफेयर होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने पहुंचे. जब वे पत्रकारों के बीच पहुंचे, उनसे आयोजकों द्वारा 200 रुपए के लिफाफे बांटे जाने की शिकायत की. वहां मौजूद एक लोकल टीवी चैनल के पत्रकार जीत पटनायक ने बताया कि ‘जैसे ही हमें नोटपैड के रुपए के लिफाफे दिए गए, हम सभी ने आपत्ति दर्ज कराई. अपने मन की खबरें छपवाने के लिए आयोजकों द्वारा किया गया यह कृत्य बहुत निंदनीय है. हम सभी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का बायकॉट किया.’ इसके बाद कुछ पत्रकारों ने स्थानीय सी-बीच पुलिस स्टेशन में सांसद और विधायक के खिलाफ ‘रिश्वत’ दिए जाने का मामला दर्ज कराया.
पुरी में पत्रकारों को रिश्वत दिए जाने का मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. यूको बैंक ने यहां भी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और पत्रकारों को 300 रुपए वाले लिफाफे दिए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में तकरीबन 40 पत्रकार मौजूद थे. हालांकि इनमें से किसी के द्वारा भी पैसे वापस किए जाने की जानकारी नहीं मिली है.
हंगामे के बाद सांसद मिश्रा, जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे, ने कहा कि ‘पत्रकारों को रिश्वत देने की कोशिश नहीं की गई. बैंक पत्रकारों को ऐसे आयोजनों के एवज में यात्रा भत्ता देता है. यह सामान्य है. यह पहले से तयशुदा नहीं था. पत्रकारों को 200 रुपए दिए जाना शर्मनाक है. मैं ऐसी किसी एफआईआर की चिंता नहीं करता, मुझे पता है इनसे कैसे निपटा जाता है.’ मिश्रा ने यह भी कहा कि ‘यह विवाद उनके विरोधियों की साजिश है, जो पुरी में बीजू जनता दल की साख गिराना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि 53 पत्रकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया था, जिसमें से महज 15 ने पैसे लौटाए. बाकियों ने भी कोई शिकायत नहीं की.’
purushottam asnora
November 15, 2014 at 10:06 am
53 mai se ydi 15 ne bhi rupye loutaye to manna chahiye imandari jinda hai. neta k liye yaise ptrakar kisi paltu janwar ls adhik nhi hain jo unks tukrou par palta hai.sansad mishra our mla par bhrashtachar nirodhi kanun k tahat karywahi honi chahiyea
santosh singh
November 21, 2014 at 3:48 pm
is trah ke press confrperence media ko jana hinahi chahia.ager asa hua to camra me kaid kar ke is tarah ke mamla ko cort me le jana chahia.