मध्य प्रदेश के न्यूज पोर्टल ‘एमपी ब्रेकिंग न्यूज’ ने अपने यहां कार्यरत महिला कर्मचारियों को महीने में 2 दिन की पीरियड लीव देने का निर्णय लिया है।
एमपी ब्रेकिंग न्यूज के सम्पादक गौरव शर्मा कहते हैं कि महिलाओं के लिए पीरियड लीव संस्था में लागू कराने के लिए हमारे न्यूज पोर्टल के मुख्य सम्पादक वीरेंद्र कुमार शर्मा, सीईओ श्रुति कुशवाहा और मेरे बीच मात्र पांच मिनट का डिस्कशन हुआ जिसके बाद हमने इसे लागू कर दिया। आज के दौर में कोई भी व्यक्ति ऐसा नही होगा जो महिलाओं की इन दो-तीन दिन होने वाली असहनीय तकलीफ को नहीं देखता। इसी महीने से हमने इस अवकाश को शुरू कर दिया है और हम उम्मीद करते हैं कि ये और जगह भी लागू हो।
पोर्टल की सीईओ श्रुति कुशवाहा इस बारे में कहती हैं कि दुनियाभर में पीरियड लीव को लेकर मुहिम छिड़ी हुई है। लेकिन हम तो अब भी उसी मानसिकता से संघर्ष कर रहे हैं जहां अक्सर ये माना जाता है कि महिलाओं को नौकरी पर रखो तो वो कभी मैटरनिटी लीव पर चली जाएंगी, कभी चाइल्ड केयर लीव पर। इसे लेकर कितने जोक्स क्रेक किये जाते हैं, मज़ाक बनाया जाता है, बेहूदा कमेंट किये जाते हैं। ऐसे में पीरियड लीव की बात पर संवेदनशीलता की उम्मीद करना बेमानी ही लगता है।
दुनियाभर में पीरियड लीव/ मेंस्ट्रुअल लीव को लेकर मुहिम छिड़ी हुई है। स्पेन इसे लागू करने वाला पहला यूरोपियन देश बन गया है। लेकिन भारत में अब भी इस मुद्दे पर कोई जागरूकता नहीं है। हालांकि बिहार में ये व्यवस्था लागू है, लेकिन बाकि राज्यों में इसे लेकर अब तक शायद विचार ही नहीं किया गया। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में जरूर इस तरह की सुविधाएं मिलती हैं और प्रायवेट सेक्टर में भी कुछ स्थानों पर कंपनियों में इसपर पॉलिसी है। लेकिन अधिकांश स्थानों पर नील बटे सन्नाटा है।
MPBreaking News मध्य प्रदेश में ही नहीं संभवतः भारत में पहला मीडिया संस्थान होगा जहां फीमेल स्टाफ के लिए महीने में 2 दिन की पीरियड लीव का नियम लागू किया गया है। 6 जून 2022 को इस बारे में निर्णय लिया गया और लागू भी कर दिया गया। ये जून माह से ही अप्लाई हो रहा है।
ध्यान देने वाली बात है कि संस्थान में साल 2020 से ही work from home व्यवस्था लागू है और कुछ महिला सदस्य तो ऐसी हैं जिनसे मैनेजमेंट कभी आमने सामने मिला ही नहीं। केवल फोनो/ऑनलाइन इंटरव्यू हुआ और उन्होने अपने अपने घर से काम करना शुरू कर दिया। यहां हर सदस्य विशेषकर महिला सदस्यों के लिए बेहद अनुकूल और सुरक्षित माहौल है और एडिटोरियल टीम में तो महिलाओं की संख्या पुरूषों से अधिक है। मैनेजमेंट की कोशिश रहती है कि सभी एक परिवार की तरह रहें तथा काम के लिए हमेशा सकारात्मक माहौल बना रहे।