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मजीठिया से खौफ खाए जागरण प्रबंधन ने फिर शुरू कराया हस्ताक्षर अभियान

कर्मचारी की ज्वाइनिंग डेट व हस्ताक्षर स्कैन कराकर कम्प्यूटर फार्म भराने का जारी हुआ फरमान… मेसर्स जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों से फिर से हस्ताक्षर कराने का कार्य शुरू कर दिया है। किन्तु इस बार सादे कागज पर न होकर कम्प्यूटर में सारी डिटेल भराई जा रही है। दिनांक १९ / ८ / २०१६ व २० / ८ / २०१६ को यह हस्ताक्षर अभियान वाराणसी व इलाहाबाद से शुरू कराया गया। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि संपादकीय विभाग से यह अभियान शुरू किया गया। कर्मचारी इस हस्ताक्षर अभियान से सहमे हुए हैं। उनको यह लग रहा है कि शायद जागरण फिर कोई जालसाजी करने वाला है।

<p>कर्मचारी की ज्वाइनिंग डेट व हस्ताक्षर स्कैन कराकर कम्प्यूटर फार्म भराने का जारी हुआ फरमान... मेसर्स जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों से फिर से हस्ताक्षर कराने का कार्य शुरू कर दिया है। किन्तु इस बार सादे कागज पर न होकर कम्प्यूटर में सारी डिटेल भराई जा रही है। दिनांक १९ / ८ / २०१६ व २० / ८ / २०१६ को यह हस्ताक्षर अभियान वाराणसी व इलाहाबाद से शुरू कराया गया। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि संपादकीय विभाग से यह अभियान शुरू किया गया। कर्मचारी इस हस्ताक्षर अभियान से सहमे हुए हैं। उनको यह लग रहा है कि शायद जागरण फिर कोई जालसाजी करने वाला है।</p>

कर्मचारी की ज्वाइनिंग डेट व हस्ताक्षर स्कैन कराकर कम्प्यूटर फार्म भराने का जारी हुआ फरमान… मेसर्स जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों से फिर से हस्ताक्षर कराने का कार्य शुरू कर दिया है। किन्तु इस बार सादे कागज पर न होकर कम्प्यूटर में सारी डिटेल भराई जा रही है। दिनांक १९ / ८ / २०१६ व २० / ८ / २०१६ को यह हस्ताक्षर अभियान वाराणसी व इलाहाबाद से शुरू कराया गया। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि संपादकीय विभाग से यह अभियान शुरू किया गया। कर्मचारी इस हस्ताक्षर अभियान से सहमे हुए हैं। उनको यह लग रहा है कि शायद जागरण फिर कोई जालसाजी करने वाला है।

बताया जाता है कि हस्ताक्षर कराने के संबंध में सलाह / जानकारी श्रम विभाग के किसी अधिकारी ने जागरण को दी है। अभी तक जागरण के अभिलेख में न तो किसी कर्मचारी की ज्वाइनिंग डेट रहती थी और न ही किसी कर्मचारी से नियुक्ति से संबंधित फार्म भराया जाता था। अगर समय रहते कर्मचारी नहीं चेते तो मजीठिया वेज बोर्ड से संबंधित २० जे की भांति फिर वही रोना हो जाएगा। इससे यह कहा जा सकता है कि कर्मचारी पहले हस्ताक्षर कराये जाने वाले फार्म को अच्छी तरह पढ़कर ही उसपर हस्ताक्षर करें नहीं तो धोख़ा होने से रोका नहीं जा सकता और अगर जरूरत न हो तो हस्ताक्षर न करें।

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एक पत्रकार द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट पर आधारित.

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0 Comments

  1. अरुण श्रीवास्तव

    August 23, 2016 at 7:58 am

    जागरण अपना कर्मचारियों से दस्तखत करा रहा है और ले कर भी दे रहे हैं। अब जब ले यानी हम सब कर्मचारियों दस्तखत कर देंगे तो कोर्ट-कचहरी क्पा करेगा। हम सब पढ़ लिखकर यह गलती करेंगे तो हम ही बल्कि आने वाले साथी भोगेंगे। साथियों जरूरत है सावधान कहना की।

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