प्रभात खबर, पटना से खबर है कि सम्पादक सचिन शर्मा के जाने के बाद एडिटोरियल से आनंद मिश्र, अनुपम कुमारी, पुष्य मित्र, राजेश सिंह, अमितेश्वर पांडे और सुजीत श्रीवास्तव प्रभात खबर छोड़ गए. इन इस्तीफों के पीछे किसे ज़िम्मेदार माना जा सकता है. इसको लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं.
फिलहाल तो पटना में हर रिपोर्टर और डेस्क इंचार्ज एक शख्स से त्रस्त है जिसका नाम है अजय कुमार. ये महोदय सभी पर पर्सनल कमेंट करते फिरते हैं जिससे यहां काम करने वालों में नाराजगी है. यही वजह है कि लोग लगातार इस्तीफा देकर जा रहे हैं.
अपडेट- उपरोक्त न्यूज़ पर अनुपम कुमारी ने फेसबुक पर जो प्रतिक्रिया दी है, वो इस प्रकार है-
bhadas4media पर एक रिपोर्ट ‘प्रभात खबर, पटना को छोड़कर लोग क्यों जा रहे हैं’ शीर्षक से प्रकाशित हुई, जिसमें मेरे नाम का भी उल्लेख है। मैं साफ कर देना चाहती हूं कि इस आर्टिकल में जिस वजह को बाकी लोगों के साथ मेरे भी प्रभात खबर छोड़ने के लिए आधार बताया गया है, मेरे मामले में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मैंने स्वेच्छा से और व्यक्तिगत कारणों की वजह से ब्रेक लिया है। साथ ही मेरा यही मानना है कि यह आर्टिकल किसी एक व्यक्ति ने अपनी बात कहने के लिए बाकी लोगों के नाम का जबरन उल्लेख करते हुए लिखा है। साथ ही यह पूरी तरह से प्रायोजित भी नजर आ रहा है। bhadas4media जैसे प्लेटफाॅर्म को इस तरह का कोई भी आर्टिकल प्रकाशित करने से पहले इसकी सत्यता की जांच अवश्य कर लेनी चाहिए। साथ ही किसी के भी नाम का उल्लेख बिना उसकी सहमति लिये नहीं किया जाना चाहिए।
Anupam Kumari
June 7, 2019 at 6:18 pm
बाकी का मुझे नहीं मालूम, मगर मैंने स्वेच्छा से और व्यक्तिगत वजह से छोड़ा है न कि उस वजह से जो इस आर्टिकल में लिखा गया है।
Anupam Kumari
June 7, 2019 at 10:48 pm
शुक्रिया मेरी बात को जस-का-तस यहां रखने के लिए। यह आपके प्लेटफॉर्म के प्रति पाठकों के विश्वास को और बढ़ाएगा।
Rajesh Ranjan
June 10, 2019 at 12:27 pm
अजय कुमार जी काफी सुलझे व्यक्ति हैं। वो किसी पर पर्सनल कमेंट कर ही नहीं सकते। फर्जी खबर है ये। जिसने लिखा है उसे कुछ आता ही नहीं होगा, और अब पटना एडिशन में काम हो रहा है। जिन्हें काम नहीं आता, वे तो भागेंगे ही।
अविरल कुमार
June 10, 2019 at 6:47 pm
बिना सत्यता की जांच किए, ऐसी खबर प्रकाशित ही नहीं करनी चाहिए। अजय कुमार पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, एकदम गलत हैं। कम से कम उनसे बात कर लेनी चाहिए थी।
आशुतोष अनत
July 8, 2019 at 10:18 pm
सत्यता की जांच किए बिना इस तरह की खबर पोस्ट नहीं करनी चाहिए। अजय जी अच्छे संपादक और बेहतर इनसान हैं।
कुणाल प्रताप सिंह
September 1, 2019 at 2:03 am
आज के जमाने मे संपादको का जो स्तर रह गया है, वो किसी से छिपा नही हैं। लेकिन इस विपरीत समय मे अजय कुमार एक नजीर हैं। वो टीम भावना से कम करनेवाले व सबको लेकर चलनेवाले व्यक्ति हैं। अजय कुमार जैसे संपादक हिंदी अखबारों में अब शायद ही मिले। ऐसे में यशवंत जी आपसे निवेदन है कि फर्जी व निजी हित नहीं सधने पर आरोप लगनेवाले लोगों के आरोप को छापने की बजाय सच्चाई की पड़ताल कर लें।