सूर्या समाचार से खुद को निकाले जाने के घंटों बाद ट्विटर पर पुण्य प्रसून बाजपेयी ने केवल एक लाइन लिखा है, ‘250 करोड़ की डील, जय हिंद!’ अब लोग इसके तरह तरह के आशय निकाल रहे हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि इतने रुपये की डील होने के बाद प्रबंधन ने पुण्य की टीम को चैनल से निकालने का फरमान सुनाया.
कुछ अन्य का कहना है कि ‘जय हिंद’ सूर्या पर पुण्य के शो का नाम था. शायद वे 250 करोड़ की डील पर कोई शो करने वाले हैं. पर जब चैनल पर ऐसा कोई शो नहीं प्रसारित हुआ तो लोगों ने माना कि पुण्य का इशारा एक तरह से चैनल प्रबंधन की तरफ है कि उन्हें व उनकी टीम को हटाने की ये कीमत चैनल प्रबंधन को आफर की गई है जिसे चैनल मालिकों ने कुबूल कर लिया है. फिलहाल जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं. ट्विटर पर लोग किसिम किसिम की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
एक अन्य जानकारी के मुताबिक पुण्य और उनकी टीम को जब सूर्या समाचार प्रबंधन की तरफ से हटाए जाने का मेल गया तो उसके बाद सभी लोगों ने काम न करने और लाइव न होने का फैसला लिया. इसके बाद से चैनल रिकार्डेड मोड में चला गया है. चैनल से जिन लोगों को निकाला गया है उन्हें तीन महीने की सेलरी भी नहीं दी जा रही है. सबसे बड़ा पेंच यही फंसा है.
चैनल से हटाए गए लोगों का कहना है कि अगर उन्हें तीन महीने की सेलरी नहीं दी गई तो वे चैनल का बैंड बजा देंगे. इन लोगों का दावा है कि उनके पास प्रिया गोल्ड बिस्किट के मालिक के सारे स्याह-सफेद के दस्तावेज आ चुके हैं. जानकारी मिली है कि इनकम टैक्स विभाग ने सूर्या समाचार चैनल के मालिक को 33 करोड़ रुपये के एक ट्रांजैक्शन को लेकर नोटिस भेज दिया था. इस नोटिस को एक तरह से दबाव डालने के शुरुआत के रूप में देखा गया. इसी के बाद चैनल प्रबंधन घुटनों के बल बैठ गया.
manish
March 20, 2019 at 8:30 pm
such derogated Hindi writer you have hired,even 8th class failed student can write better then this.There is urdru mixed in this articular.I want to know what is the meaning of FARMAN.can ask your Devbandi to split the word and let us know meaning of FAR+MAN.
Hire me I can write pure HINDI If you have not been paid by WAHABI
विश्वास व्यास
March 21, 2019 at 12:17 am
सब चैनल अपने प्रबंधन के आगे नत मस्तक है बस आज देश मे कोई भी सच्चा पत्रकार जिसने किसी की सरकार गिराई हो वही होगा बाकी सभी नकीली फ़र्ज़ी की तरह ही है अधिमान्यता का पट्टा पहने सिर्फ सरकारी सुविधाओं का उपयोग करते है बिके हुए ईमान से की तरह केवल 97% लोग जबकि 3% अच्छे भी है जो जदोजहद करते है ।