विजय सिंह-
अमर उजाला के सोनभद्र कार्यालय में क्राइम सम्वाददाता प्रदीप चौबे के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है. एक वकील ने प्रदीप पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है. महिला एडवोकेट ने सीसीटीवी फुटेज और काल रिकाडिंर्ग सुबूत के साथ पुलिस अधीक्षक को दिया था. पुलिस अधीक्षक ने शिकायत का परीक्षण कराया और केस दर्ज करने का आदेश दे दिया.
प्रदीप चौबे कोतवाली और पुलिस के बहुत बड़े दलाल हैं. इनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज नहीं करना चाहती थी. बताया जाता है कि प्रदीप चौबे शिकायतकर्ता के घर गए और उनके साथ एक सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर भी गया. ये लोग तीन लाख रुपए देकर केस वापस लेने का दबाव डाल रहे थे. एडवोकेट आसमा ने इन सब बातों का वीडियो और आडियो बनाकर एसपी को दे दिया. इसके बाद एसपी ने केस दर्ज करने का आदेश दिया.
बताया जाता है कि प्रदीप चौबे के शहर में पांच मकान हैं. चार हजार रुपये महीना सेलरी पाना वाला करोड़ो का मालिक बन गया है. संपादक, ब्यूरो प्रभारी और पुलिस प्रदीप को बचाना चाहते थे. जिला अस्पताल के सामने इन्होंने तीन मंजिला आलीशान घर बनाया है. यह पुलिस की दलाली करते हैं. इनकी वाइफ जिला अस्पताल में नर्स हैं. क्राइम संवाददाता के नाते इनकी पुलिस में पकड़ है. यह कुछ अधिवक्ताओं के साथ मिलकर पहले पुलिस में केस दर्ज कराते हैं फिर समझौता कराते हैं.
इनकी ब्लैकमेलिंग से तंग आकर गोपाल जायसवाल व्यापारी के पिता ने कुआ में कूद कर जान दे दी थी. इसकी लगातार शिकायत भेजी जाती है. इसको बनारस का संपादक और जो भी जिला सम्वादाता होता है, वह बचा लेता है. यह नमक तेल से लेकर हर सुविधा सबको मुहैया करा देता है. कार्यालय के लोग भी इनसे नाराज रहते हैं. इससे पीड़ित लोग पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाते हैं तो उसे डांटकर भगा दिया जाता है. इनके शिकार लोग कई शिकायत कर चुके हैं पर कोई कार्रवाई नहीं होती. अब एक महिला अधिवक्ता जब मय सुबूत सामने आई तो इस पर केस दर्ज हुआ है.
देखें एफआईआर में क्या कुछ लिखा हुआ है…
सोनभद्र से विजय सिंह की रिपोर्ट. संपर्क- vijaysinghsonbhadra90@gmail.com