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यूएनआई चेयरमैन प्रफुल्ल कुमार माहेश्वरी के खिलाफ विजिलेंस जांच, ब्लैकमनी को ह्वाइट करने के आरोप में भी फंसे

समाचार एजेंसी यूएनआई घोटाला प्रकरण में यूएनआई बोर्ड के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार माहेश्वरी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है. प्रफुल्ल माहेश्वरी पर तीन हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. विजिलेंस ने जिन मुद्दों को जांच के दायरे में रखा है उनमें प्रफुल्ल माहेश्वरी द्वारा एनबी प्लांटेशन के नाम पर किया घोटाला प्रमुख है. क्या प्रफुल्ल माहेश्वरी कुछ बड़े बिल्डर और रिएल स्टेट की कंपनियों की ब्लैक मनी को व्हाइट करने के धंधे में भी शामिल है? इस विषय पर भी जांच हो सकती है.

<p>समाचार एजेंसी यूएनआई घोटाला प्रकरण में यूएनआई बोर्ड के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार माहेश्वरी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है. प्रफुल्ल माहेश्वरी पर तीन हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. विजिलेंस ने जिन मुद्दों को जांच के दायरे में रखा है उनमें प्रफुल्ल माहेश्वरी द्वारा एनबी प्लांटेशन के नाम पर किया घोटाला प्रमुख है. क्या प्रफुल्ल माहेश्वरी कुछ बड़े बिल्डर और रिएल स्टेट की कंपनियों की ब्लैक मनी को व्हाइट करने के धंधे में भी शामिल है? इस विषय पर भी जांच हो सकती है.</p>

समाचार एजेंसी यूएनआई घोटाला प्रकरण में यूएनआई बोर्ड के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार माहेश्वरी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है. प्रफुल्ल माहेश्वरी पर तीन हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. विजिलेंस ने जिन मुद्दों को जांच के दायरे में रखा है उनमें प्रफुल्ल माहेश्वरी द्वारा एनबी प्लांटेशन के नाम पर किया घोटाला प्रमुख है. क्या प्रफुल्ल माहेश्वरी कुछ बड़े बिल्डर और रिएल स्टेट की कंपनियों की ब्लैक मनी को व्हाइट करने के धंधे में भी शामिल है? इस विषय पर भी जांच हो सकती है.

इस समय मोदी सरकार काले धन के पर्दाफाश पर जोर दे रही है. यह माना जा रहा है कि प्रफुल्ल माहेश्वरी पर अब संकट के बादल गहरा रहे हैं. प्रफुल्ल माहेश्वरी के खिलाफ ब्लैक बनी को व्हाइट करने के कुछ दस्तावेजी सुबूत भी हैं. प्रफुल्ल माहेश्वरी अब इस प्रकरण को येन-केन निपटाना चाहते हैं लेकिन परिस्थितियां दिन ब दिन गंभीर होती जा रही हैं. प्रफुल्ल माहेश्वरी ने किसी विश्वास त्रिपाठी नाम के गैर पत्रकार को यूएनआई का डायरेक्टर नियुक्त किया है. ऐसी भी जानकारी है कि विश्वास त्रिपाठी से क्रमश: 50  लाख, 15 लाख और 10 लाख रुपये भी लिए गए थे. प्रफुल्ल माहेश्वरी ने इसके अलावा यूएनआई के पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारियों का पीएफ का पैसा भी हड़प लिया है. पीएफ अधिकारियों ने इस संबंध में प्रफुल्ल माहेश्वरी के खिलाफ मुकदमा  भी पंजीकृत करवाया है.

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भड़ास के एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) राजीव शर्मा की रिपोर्ट. संपर्क: 09968329365

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0 Comments

  1. HARI PRASAD

    November 21, 2014 at 7:03 pm

    YE EK MAHA THAG HE.ENBEE PLANTATION KE NAAM PAR APNE HI AKHVAR NAVABHARAT KE PATHAKO SE 200 KAROD RUPYA THAG KAR YAH JABALPUR HIGH COURT KA GALAT ISTEMAL KAR LOGO KO CHUNA LAGAYA HAI .EK WAKIL KO NAAM KE BASTE RECIVER BANAYA HAI . LEKIN COURT KE NAAM PAR IN LOG CBI JANCH SE BACHE HUYE HAI . JABALPUR ME 16 VARSH SE YAH MAMLE KO DABAKAR RAKHA GAYA HAI

  2. HARI PRASAD

    November 21, 2014 at 7:04 pm

    is maha thag maheswari evm iska beta sandeep maheswari ko cbi ke hawale kijiye

  3. gullu

    November 26, 2014 at 5:41 am

    MAHESHWARI KE SATH UNI KE EMPLOYEE OR UNION KE BANDE OR ACCOUNTS DEPARTMENT KE LOG BHI MILLE HUE HAIN, INHONE SIRF PF KAA PESA H NAHI SOICITY KAA 2 CRORE RS KHHA GAYE HAIN.. MAHESHWARI KE SATH SATH UNI KE EMPLOYEE KI BI CBI ENQURI HONI CHAHYE OR UN KE ACCOUNT SEAL KAR DENE CHAHYE..

  4. karam

    November 26, 2014 at 5:56 am

    yeh sb bewakoof

  5. ranjan

    November 28, 2014 at 6:59 am

    There is a cotiere surrounding Maheshwari which has been exploiting the employees. The newsmen must be aware that one person committed suicide. REcently some persons were abruptly transferred. Women were the special target. There are some letchers also in the cotiere. They have not at all been concerned of the functioning of the uni and try and make it a national agency. but they have been using it for making money. National Women Commission and Human Rights Commission must intervene. Even the working journalist can sou matto take up0 the matter and ask them to stop indiscriminate action, Will journalists rise?

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