मैंने एक जून 2013 को ‘खबर मन्त्र’ में चाईबासा के लिए ब्यूरो हेड के रूप में नियुक्त किया गया था. अगस्त 2014 तक देर से ही सही, वेतन मिलता रहा. सितम्बर 2014 से वेतन मिलना बंद हो गया. मार्च 2015 में कंपनी ने सेटलमेंट कर हिसाब चुकता कर दिया तथा सेटलमेंट सर्टिफिकेट भी दिया, जिससे लगा कि मालिक के मन में खोट नहीं है. कुछ रिपोर्टरों को चके भी दिया गया. मुझे भी ३६४१६२ का चेक मिला. एकाउंट में फंड नहीं होने के कारण बार बार कहा जाता रहा कि कुछ दिन इंतजार करें, पेमेंट कर देंगे.
चेक का समय ख़त्म होने तक भी बैंक खाता में फंड नहीं रहने के कारण चेक बाउंस हो गया. कंपनी ने रुपया देने से इनकार कर दिया. मैंने और सिमडेगा के रिपोर्टर शंभू नाथ राठौर ने कोर्ट में केस कर रखा है. इधर अप्रैल २०१५ से अबतक का वेतन भी नहीं मिला. रुपये मांगने पर मुझे ब्यूरो हेड के पद से हटाकर जमशेदपुर में ब्यूरो के सहयोगी के रूप में काम करने का फरमान जारी कर दिया गया. अपनी मांग कंपनी के समक्ष मेल से रख दिया है. पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यहाँ यह बता दूँ कि खबर मन्त्र ने 18 ब्यूरो ऑफिस खोलकर ब्यूरो हेड नियुक्त कर रखा है, पर 13 महीने से न तो ब्यूरो हेड को वेतन मिल रहा है, न ही किसी रिपोर्टर को मानदेय। जो लोग पत्रकारिता के साथ दूसरा व्यापार करते हैं, उसके लिए लिए तो चिंता की बात नहीं है, लेकिन जिनका पेशा मात्र पत्रकारिता है उनकी स्थिति की कल्पना की जा सकती है. मैं भी पूरी तरह पत्रकारिता पर ही निर्भर रहा हूँ.
प्रमोद कुमार
चाइबासा
mukesh
October 13, 2015 at 2:34 am
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