Vishal Maheshwari : गायत्री परिवार प्रमुख डॉक्टर प्रणव पंडया के खिलाफ एक युवती ने बलात्कार का आरोप लगाया है, इस मामले में अब उत्तराखंड पुलिस जाँच करेगी। जाहिर है पुलिस इस प्रकरण की जाँच के लिए दोनों पक्षों को बुलाएगी, उनकी बात सुनेगी, पुलिस अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए दोनों पक्षों से सवाल करेगी।
तो क्या लड़की पक्ष को सुनने मात्र से पुलिस दोषी हो जाती है, गायत्री परिवार की दुश्मन बन जाती है, लड़की पक्ष की समर्थक बन जाती है? या डॉक्टर प्रणब पंडया की समर्थक बन जाती है? नहीं न। बिलकुल नहीं।
लेकिन कुछ अति विशिष्ट लोगों और अंधश्रद्धा में लिप्त लोगों के मुताबिक जब मैं यही बात करता हूँ तो मै अपराधी हूँ, मै साजिश रच रहा हूँ, मै गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य का दुश्मन हूँ, मै मिशन विरोध हूँ।
मेरी फेसबुक वाल या व्हाटस्प तक मैंने हर जगह यही लिखा है कि इस मामले में जाँच हो, जो व्यक्ति दोषी है उस पर कार्रवाई हो। मैंने यहाँ तक लिखा है कि आरोप लगाने वाले लोगों ने अगर झूठ फैलाया है तो उनके खिलाफ जमकर लिखूंगा।
एक सज्जन एक्सक्लूसिव पत्रकार महोदय ने आरोप लगाने वाली युवती को लेकर झूठ फैलाया। उन्होंने पहले तो उसका चरित्रहनन किया, उसके बाद उसे विवाहित लिखा। यहाँ तक की एक दूसरी महिला, उसके पति और बेटी की तस्वीर को अख़बार में प्रकाशित किया। मैंने इसका विरोध किया, तमाम साक्ष्यों को उपलब्ध करवाया। जिसके बाद उन्होंने अपनी बेबसाईट में इसे हटाया। हालाँकि प्रकाशित हो चुके अखबार में कैसे एडिट होगा?
इस झूठ का पर्दाफाश होने की चिढ है न आपको?
मैं मैंनस्ट्रीम मीडिया का हिस्सा नहीं हूँ, लेकिन अपनी पत्रकारिता के कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए, मैंने दोनों पक्षों की बात को सोशल मीडिया में रखा है लेकिन मुझसे यह कहा गया है कि आप पीड़ित पक्ष के सम्पर्क में मत रहिए। मुझसे यह भी कहा गया है कि किसी पर आरोप लगा है तो इसकी चर्चा नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उसका व्यक्तिगत जीवन है।
यह काबिलेतारीफ़ है, मै इस पत्रकारिता के आगे वाकई नतमस्तक हूँ जिसके मुताबिक बस एक ही पक्ष की सुनिये और चुप रहिए। इस देश में बलात्कार, हत्या, चोरी, घोटाले हर अपराध का पहले आरोप ही लगता है, तमाम मीडिया आरोपों पर ही खबर को लिखती है तो आपके हिसाब से तो वो गलत हो गया न?
आपके इस मापदंड के हिसाब से तो पत्रकारिता को खत्म ही हो जाना चाहिए। कुछ बचा ही नहीं है अब।
मीडिया आरोपों पर खबर लिखती है, यह उसका काम है। उन आरोपों पर जांच करना पुलिस का काम है, उन आरोपों पर फैसला सुनाना अदालतों का काम है। उसके बाद बाकायदा उन खबरों को फ़ॉलोअप करना मीडिया का काम है। अगर मीडिया का कोई भी हिस्सा किसी आरोप पर फैसला सुना रहा है, तो सौ फीसद गलत है।
मैं अपने प्रोफेशन के मुताबिक ही काम कर रहा हूँ और हमेशा करता रहूँगा। मैंने इस मामले में कहीं भी किसी को दोषी नहीं ठहराया है, न ही यह मेरा अधिकारक्षेत्र है। आज मै दोनों में से किसी एक का पक्ष का समर्थन करूँ और कल वो गलत निकला तो सवाल मुझसे ही होगा न?
आसाराम पर बलात्कार का आरोप लगा तो उसके समर्थकों ने आसाराम का खुलकर समर्थन किया था लेकिन आरोप साबित हुए और आज वो जेल है।
दिल्ली के सरबजीत पर जसलीन कौर नाम की लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, तमाम लोगों ने खुलकर जसलीन कौर का समर्थन लेकिन आरोप झूठे साबित हुए। सरबजीत बाइज्जत बरी हुआ।
आप अपनी श्रद्धा और अंधश्रद्धानुसार दोनों में से किसी का समर्थन कीजिए, मै नहीं करूँगा। कल से जगह जगह मेरा नाम मेंशन किया जा रहा है, मुझे देख लेने की धमकी दी जा रही है, मुझे इनबॉक्स में कहा गया है कि तेरी हिस्ट्री निकाल रहे हैं।
शाबास, सब कर लीजिए। मैं खौफ में नहीं जीता। जिन्दगी से कोई मोह नहीं है। कल मेरे साथ कुछ भी होता है तो यहाँ उल्लेखित एक एक शख्स जिम्मेदार माना जाए।
बाकी मेरी जिन्दगी में कुछ लोग ही खास है, उन्हें दिल से तबज्जो देता हूँ, अब से तुम यहाँ बिल्कुल भी इम्पोर्टेन्ट नहीं हो। अपनी सलाह, मशविरा अपने पास ही रखो। अपना हित और अहित भलीभांति समझता हूँ। मै जितना लिख चुका हूँ, यहीं रहेगा। आप भागते रहिए, छुपते रहिए और छुपाते रहिए।
पत्रकार विशाल माहेश्वरी की एफबी वॉल से.
इसे भी पढें-
शक्ति सिंह
July 10, 2020 at 10:38 pm
यह प्रणव पाण्डया शुरू का घटिया इनसान है. इसने अपने गुरू की बेटी से ही बलात्कार किया था. जब मामला सामने आया तो इसने शादी करने की इच्छा जतायी.
मजबूर गुरू श्री राम शर्मा आचार्य ने अपनी बेटी की शादी इसके साथ कर दी. इकलौती बेटी होने के कारण उनके मरने के बाद यह ट्रस्ट का मलिक बन बैठा. इसने राम रहीम की तरह सैकड़ों कुत्ते पाल रखे हैं. कई सही बात कहेगा तो ये भौंकने लगते हैं.
Bhavi
July 11, 2020 at 9:19 pm
Mr shakti singh unke 2 ladke he mritunjay ji or ek dusre soch samajh kar aarop lagao. Itni nafrat laate kaha se ho. Bina tathya aisa likhna aapki soch bata raha he
Bhavi
July 11, 2020 at 10:05 am
Kanoon apna kaam karega lekin aap khud to nyayadhish nahi he. Aap is mudde ko lekar itne agressive kyu he ye samajh nahi aa raha. Yu lag raha he ki jaise aapki koi vyaktigat dushmani he
शक्ति सिंह
July 11, 2020 at 2:37 pm
मैं इसलिये एग्रेसिव हूं कि विकास दुबे जैसे लोग तो खुली किताब हैं, जिसको पुलिस ने दंड दे दिया. लेकिन प्रणव (कन्या राशि) पाण्डया जैसे लोग जो धर्म का चोला पहनकर बलात्कार करते हैं और फिर धर्म की चादर ओढ़ लेते हैं इनको पुलिस भी जाकर कार्यवाही के बजाय सैल्यूट करती है.
भावी जी आप बलात्कारी की क्यों पैरवी कर रहे हैं समझ से परे है. वैसे आप बतायें कि यह प्रणव पाण्डया अपने सगे गुरू की बेटी ( बहन होती है) बलात्कार किया था या नहीं. और फिर क्या इसकी शादी श्री राम शर्मा आचार्य की बेटी से हुआ था या नहीं ? यह सच सच बतायें.
वैसे ऐसे लोगों की जगह जेल ही होती है. पाप का घड़ा फूटेगा. जरूर फूटेगा. दुनिया में जिसने भी न्याय मांगा है उसे मिला है. भले ही आज नहीं कल मिला हो. जो भी बलात्कार पीड़िता है उसे भी जरूर न्याय मिलेगा.
Bhavi
July 14, 2020 at 2:54 pm
Aap ke statement ki maine screen shot le liya he. Kewal aap he jo itni ghatiya bhasha ka upyog kar rahe he. Abhi aarop laga he vo bhi 10 saal baad. Kanoon apna kaam karega lekin aap ke bayan se to ye lag raha ki saabit ho gaya he or aapne faisala suna diya he. 2011 me maine rajasthan se jaakar 10 din reporting ki thi haridwar isliye mera manna he ki ek baar jaanch hone de or court ka faisala aane de
Bhavi
July 14, 2020 at 2:57 pm
Aapke hisab se kanya raashi vaale log adharmi or papi hote he. Bada ajib tark diye ho
Bhavi
July 21, 2020 at 10:33 pm
Shakti singh ji aapka contact number dijiye
Mohit
August 25, 2021 at 1:26 pm
Satyamev Jayate ho Gaya na tera much Kala samvad data ji.