एनडीटीवी समूह के प्रति मोदी सरकार की तिरछी नजर के प्रमाण गाहे बगाहे सामने आ ही जाते हैं. नई खबर ये है कि प्रणय रॉय और राधिका रॉय को मुंबई एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है. दोनों मुंबई से नैरोबी के लिए उड़ान भरने वाले थे. प्रणय एवं राधिका सीबीआई एवं प्रवर्तन निदेशलाय की जांच का सामना कर रहे हैं. इस घटनाक्रम का खुलासा खुद एनडीटीवी समूह ने किया है. ट्विटर पर एनडीटीवी के हैंडल से लगातार तीन ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि एनडीटीवी के फाउंडर्स प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय को देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है.
ट्वीट में इस आदेश को मूलभूत अधिकारों को उल्लंघन बताया गया है. ट्वीट के जरिए जानकारी दी गई है कि प्रणय और राधिका विेदेश जाने वाले थे और इनके पास 16 अगस्त की वापसी का टिकट भी है. फिर भी दो साल पहले सीबीआई द्वारा दर्ज एक केस का हवाला देते हुए उन्हें देश से बाहर जाने से रोक दिया गया.
ट्वीट में कहा गया है कि सरकार इस तरह की पाबंदी लगाकर यह संदेश दे रही है कि जो मीडिया घराना उसके अनुकूल नहीं चलेगा, उसके साथ ऐसा ही बर्ताव किया जाए.
पढ़ें ट्वीट…
NDTV @ndtv
Complete subversion of media freedom in action against NDTV founders“In a complete subversion of basic rights, NDTV founders Radhika and Prannoy Roy were today prevented from leaving the country. Both journalists had tickets to return to India on the 15th, just a week later. They have been stopped from traveling abroad on the basis of a fake and wholly unsubstantiated corruption case initiated by the CBI that was filed two years ago and in which Radhika and Prannoy Roy have been fully cooperating. Today’s action is, along with events like raids on media owners, a warning to the media to fall in line- or else..
इस पूरे मामले में एनडीटीवी समूह ने अपनी वेबसाइट पर जिस खबर का प्रकाशन किया है, वह इस प्रकार है-
एनडीटीवी के संस्थापकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई मीडिया की आज़ादी का पूरी तरह उल्लंघन
बुनियादी अधिकारों का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए और मीडिया को लगातार शर्मनाक ढंग से ये चेतावनी देते हुए कि पूरी तरह दंडवत होने से कम उन्हें कुछ भी मंज़ूर नहीं है, एनडीटीवी के संस्थापकों राधिका और प्रणय रॉय को आज देश से बाहर जाने से रोक दिया गया. उन्हें एक सप्ताह बाहर रहना था और 15 तारीख़ को उनकी वापसी का टिकट था. उनको एक ऐसे फ़र्ज़ी और बेबुनियाद भ्रष्टाचार के मामले को आधार बना कर रोका गया है जो सीबीआई ने दो साल पहले उनकी कंपनी आरआरपीआर द्वारा आईसीआईसीआई बैंक से लिए गए एक लोन को लेकर दर्ज किया था जो समय से पहले सूद समेत पूरी तरह वापस कर दिया गया था. इस मामले को एनडीटीवी के संस्थापकों और उनकी कंपनी द्वारा दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी गई जहां ये मामला दो साल से लंबित है. इस मामले में राधिका और प्रणय रॉय पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और वे लगातार देश से बाहर आते-जाते रहे हैं तो ये संकेत देना हास्यास्पद है कि उनका बाहर जाना ख़तरनाक हो सकता है. अधिकारियों ने आज की कार्रवाई के बारे में न अदालत को जानकारी दी जहां ये मामला लंबित है, न राय दंपति को. मीडिया मालिकों पर छापों के साथ ये भी मीडिया को एक चेतावनी है कि वो उनके पीछे चले या नतीजा भुगते.
प्रकाश खातरकर
August 10, 2019 at 7:33 pm
सरकार जान बूझकर एन डी टी वी की स्वतंत्र पत्रकारिता पर लगाम लगाना चाह रही है।