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दैनिक भास्कर वाराणसी के सहायक संपादक प्रवीण राय को 8 माह से नहीं मिला वेतन

वेतन न मिलने पर प्रवीण राय का वाराणसी संस्करण के सम्पादक को लिखे गये पत्र की छाया प्रति

प्रवीण राय ने कहा कि वेतन नही मिला तो मजीठिया आयोग का खटखटायेगे दरवाजा

नोएडा। दैनिक भास्कर उत्तर प्रदेश के प्रबन्धक विवादों का प्रयाय बन गये हैं। आये दिन प्रबन्धकों के कारण कोई न कोई विवाद सामने आता रहता है। ताजा मामला दैनिक भास्कर वाराणसी संस्करण में नोएडा मुख्यालय प्रबन्धन द्वारा नियुक्त किये गये सहायक सम्पादक प्रवीण राय का वेतन से जुड़ा है।

पिछले आठ माह से प्रवीण राय को वेतन नहीं मिला है। अखबार के मुद्रक प्रकाशक ललन मिश्रा ने श्री राय का वेतन साठ हजार रूपये प्रतिमाह तय किया था। श्री राय जब भी नोएडा फोन करके अपने वेतन का तकाजा करते तो उन्हें यह कहकर टरका दिया जाता था कि अभी संस्थान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए बहुत जल्द उनका वेतन एक साथ दे दिया जायेगा।

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श्री राय ने दैनिक भास्कर वाराणसी संस्करण के सम्पादक डा0 वरूण उपाध्याय को पत्र लिखकर इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप करने की मांग की है। यदि नोएडा मुख्यालय से उनका वेतन तुरन्त बहाल नहीं किया गया तो उन्हे मजबूरन मजीठिया वेतन आयोग के तहत कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

दैनिक भास्कर उत्तर प्रदेश संस्करण को 20 साल की लीज पर मनुश्री क्रिएशन्स प्राइवेट लिमिटेड ने लिया हुआ है। इस कम्पनी के संरक्षक यूफलेक्स के चेयरमेन अशोक चतुर्वेदी हैं। अखबार चलाने की जिम्मेदारी पिछले लगभग दो वर्षों से दीपक द्विवेदी और ललन मिश्रा को सौंपी हुई है। दोनों आपस में रिश्तेदार हैं।

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बताया जाता है कि दीपक द्विवेदी ने अपने एक भाई को भी लखनउ संस्करण में मोटी सैलरी पर बतौर रिपोर्टर रखा हुआ है। चर्चा तो यह भी है कि दीपक द्वारा अपने घरेलू नौकरों की सैलरी भी अखबार के खाते से निकाली जा रही है। लखनउ में जिस मकान में भास्कर का आफिस चल रहा है वह आवासीय है। फिर भी गैर कानूनी ढंग से इस मकान का किराया भी अखबार से वसूला जा रहा है।

जो भी कर्मचारी इनका विरोध करता है उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। लखनऊ और नोएडा में भास्कर की प्रतियां भी प्रतिकात्मक ही छप रही है। लखनऊ नोयडा में सम्पादकीय विभाग में नाम मात्र के कर्मचारी बचे हैं। इस समय कम्प्यूटर आपरेटर ही अखबार निकाल रहे हैं। पिछले छः महीने में दर्जनों लोग संस्थान को छोड़ चुके हैं।

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एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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