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सुख-दुख

‘आप’ की प्री-प्लांड स्क्रिप्ट थी गजेंद्र का पेड़ पर चढ़ना और फंदे से लटकना!

Abhai Srivastava : गजेंद्र की चिट्ठी की आख़िरी लाइन, ‘कोई मुझे बताओ, मैं घर कैसे जाऊंगा?’ जाहिर है कि ये सुसाइड नोट नहीं। मीडिया क्लिप में साफ सुनाई पड़ रहा है कि जब कुमार विश्वास भाषण दे रहा था तब आवाज़ आई, ‘लटक गया’, फिर विश्वास हाथ के इशारे जैसे कह रहा है कि ‘लटक गया है, स्क्रिप्ट के अनुसार नाटक पूरा हुआ’.  भाइयों AAP ने एक व्यक्ति की हत्या की है। ये भी ध्यान देने की बात है कि गजेंद्र के घर में 2 भतीजियों की आज शादी है, इसका मतलब उसके घर में ऐसा आर्थिक संकट नहीं जैसा प्रोजेक्ट हुआ है। भाई, ये बहुत बड़ी साज़िश है।

<p>Abhai Srivastava : गजेंद्र की चिट्ठी की आख़िरी लाइन, ‘कोई मुझे बताओ, मैं घर कैसे जाऊंगा?’ जाहिर है कि ये सुसाइड नोट नहीं। मीडिया क्लिप में साफ सुनाई पड़ रहा है कि जब कुमार विश्वास भाषण दे रहा था तब आवाज़ आई, ‘लटक गया’, फिर विश्वास हाथ के इशारे जैसे कह रहा है कि ‘लटक गया है, स्क्रिप्ट के अनुसार नाटक पूरा हुआ’.  भाइयों AAP ने एक व्यक्ति की हत्या की है। ये भी ध्यान देने की बात है कि गजेंद्र के घर में 2 भतीजियों की आज शादी है, इसका मतलब उसके घर में ऐसा आर्थिक संकट नहीं जैसा प्रोजेक्ट हुआ है। भाई, ये बहुत बड़ी साज़िश है।</p>

Abhai Srivastava : गजेंद्र की चिट्ठी की आख़िरी लाइन, ‘कोई मुझे बताओ, मैं घर कैसे जाऊंगा?’ जाहिर है कि ये सुसाइड नोट नहीं। मीडिया क्लिप में साफ सुनाई पड़ रहा है कि जब कुमार विश्वास भाषण दे रहा था तब आवाज़ आई, ‘लटक गया’, फिर विश्वास हाथ के इशारे जैसे कह रहा है कि ‘लटक गया है, स्क्रिप्ट के अनुसार नाटक पूरा हुआ’.  भाइयों AAP ने एक व्यक्ति की हत्या की है। ये भी ध्यान देने की बात है कि गजेंद्र के घर में 2 भतीजियों की आज शादी है, इसका मतलब उसके घर में ऐसा आर्थिक संकट नहीं जैसा प्रोजेक्ट हुआ है। भाई, ये बहुत बड़ी साज़िश है।

Deepak Sharma : केजरीवाल के ग्रह ठीक नही लग रहे. जिस दिल्ली पुलिस को महामहिम कोस रहे थे उस दिल्ली पुलिस के पास ही अब किसान आत्महत्या की जांच है. पुलिस लाइव घटना के सारे विडियो और उस वक़्त मंच पर बैठे नेताओं के द्वारा कारवाई का पूरा ब्यौरा इकठा कर रही है. कुछ पुलिसवालों पर विभागीय कारवाई के बाद पुलिस अब आप के नेताओं से पूछताछ करेगी.

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Dr Praveen Tiwari : अभी किसान आत्महत्या पर बहस में आप के राघव चढ्ढा भी थे। क्यूंकि मैं अपनी वॉल को बहुत साफ सुथरा रखता हूं इसीलिए बहुत माफी के साथ कहना चाहूंगा कि अच्छा वक्ता होने के बावजूद आज वो आशूतोष, कुमार विश्वास और संजय सिंह के ‘हगे’ को समेट नहीं पाए। छी छी… धिक्कार है .. सब पर जो भी वहां मौजूद था और जो भी इस पर सियासत कर रहा है। चाहे पुलिस हो, चाहे मीडिया.. पर आप तो सबकी बाप निकली इस नंगई में.. भाईसाब कोई राजनैतिक दल के समर्थक कृपया इस बहस में मुझसे यहां मत उलझिएगा आपके पापा लोगों की औकात देख ली है थोड़ी देर पहले….

Vivek Singh : मुझे पता था कि बेशर्मी का ये काम आम आदमी पार्टी संजय सिंह से ही करवाएगी। आखिर इतनी मोटी बुद्धि और किसी की हो भी नहीं सकती है। किसान के फांसी पर लटकने के बावजूद रैली चलने के सवाल पर संजय सिंह बयान दे रहे हैं क‌ि याद करिए पटना की रैली में बम ब्लास्ट हो रहा था और नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे थे। मतलब क‌ि आप को दूसरी भाजपा और कांग्रेस बनने के ल‌िए ही राजनीति में आए हैं। कुछ तो शर्म करो, अब आप उन्हीं का उदाहरण दोगे।

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पत्रकार अभय श्रीवास्तव, दीपक शर्मा, डा. प्रवीण तिवारी और विवेक सिंह के फेसबुक वॉल से.

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गजेन्द्र चुनाव लड़ चुका था, सैकड़ों वीआईपियों को साफा बांध चुका था, आत्महत्या की कोई वजह न थी…

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0 Comments

  1. navin

    April 23, 2015 at 2:34 am

    तू धन्य है चूतिये

    Zee news के अनुसार AAP रैली में किसान आत्महत्या करेगा तो AAP को फायदा होगा , ऐसा AAP नेताओ ने सोचा

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