Yashwant singh-
ऐसे नाजुक मसलों को सेंसटिविटी के साथ हैंडल करना चाहिए. पर यूपी पुलिस न बदलेगी. अरे भाई प्रेम करना कोई जुर्म तो नहीं. पत्रकार होना कोई जुर्म तो नहीं. हां इंटर पास करने के बाद ही माइक आईडी खरीदकर खुद को पत्रकार घोषित कर देना तो गलत बात है. लेकिन ये मुद्दा दूसरा है.
मुद्दा ये है कि क्या इस लड़के से जिस अंदाज में पूछताछ की जा रही है, वह सही है? मुद्दा ये भी है कि थाने में आरोपी युवा पत्रकार से पूछताछ के लिए एक अन्य पत्रकार सुरेश मिश्रा को क्यों अधिकृत किया पुलिस ने?
सवाल ये भी है कि आखिर इस बेइज्जती वाले अंदाज में पूछताछ का वीडियो क्यों बनाया जा रहा है? इसका मकसद क्या है?
पूछताछ करने वाला पत्रकार मीडिया की परिभाषा पर लेक्चर झाड़ रहा है और खुद केंद्र सरकार का प्रवक्ता बन असली नकली मीडिया में फरक बता रहा है. वह यूट्यूब चैनल के रजिस्टर्ड होने न होने की बातें कह रहा है. इसके जरिए वह खुद अपनी अज्ञानता और मूर्खता ही प्रकट कर रहा है.
एक सिंपल सा मामला ये दिख रहा है. लड़के लड़की प्रेम करते थे. साथ निकल लिए. लड़की के घर वालों ने कंप्लेन कर दी. मामला पुलिस तक गया. दोनों बरामद हुए. ऐसे में दोनों को समझा बुझा कर घर भेज देना चाहिए था. पर यहां पुलिस वाले इस नौजवान प्रेमी पत्रकार से इंट्रोगेशन के लिए एक उम्रदराज पत्रकार सुरेश मिश्रा को तलाश लाते हैं. पत्रकार महोदय पूछताछ करते हुए खुद ही पुलिस वाले बन जाते हैं. प्रकांड विद्वान बनकर प्रचंड मूर्खतापूर्ण ज्ञान बघारने लगते हैं. साथ ही युवक को बेइज्जत करने के लिए इसका वीडियो भी बनवाने लगते हैं.
असंवेदनशीलता की हद है!
बहरों के बाजार में आप चाहें जितना भी चिल्ला लें, कौन सुनने वाला है!
ये प्रकरण यूपी के औरैया जिले का है.
इस वीडियो से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं. प्रेम करने जैसे मामले में पुलिस इस तरीके से एक युवक से कैसे पूछताछ की जा सकती है? पुलिस वाले इस किशोर उम्र दिखने वाले युवक पत्रकार से बेइज्जती भरी पूछताछ को फोन से रिकार्ड क्यों करवा रहे हैं? पूछताछ के दौरान मीडिया वाला आदमी असली नकली मीडिया को लेकर प्रवचन दे रहा है, आखिर जब उसे खुद ही नहीं कुछ पता तो वह होता कौन है मीडिया की परिभाषा तय करने वाला?
अगर आप इन सवालों से सहमत हैं तो इस वीडियो को जरूर शेयर करें ताकि इस युवक को न्याय मिल सके. प्रेम करना कोई अपराध तो नहीं!
भड़ास के पास जो खबर औरैया से आई है, वो इस प्रकार है-
ज्ञात हो कि औरैया जिले में एक युवा पत्रकार पर नाबालिग लड़की भगाने का आरोप लगा. कोतवाली पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए थाने में बुलाया. युवा पत्रकार के हाथ मे एक चैनल की माईक आईडी और दूसरे हाथ में चैनल का आईकार्ड लेकर कोतवाली में घुसा तो एकबारगी पुलिस वाले भी सहम गए. पुलिस ने जब उस युवा पत्रकार से बात की तो वह अपनी बात को गोलमोल तरीके से बताने लगा. पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पत्रकार सारी बातें बताने लगा. औरैया पुलिस ने उस युवा पत्रकार की माईक आईडी व आईडी कार्ड की सही जांच करवाने के लिये दोनों चीजें जमा करवा ली है.
दरअसल औरैया नगर की रहने वाली एक महिला ने औरैया कोतवाली में लिखित शिकायत देकर बताया था कि उसकी नाबालिग लड़की को एक पत्रकार बहला फुसला कर भगा ले गया है. इस पर पुलिस ने लड़की को बरामद कर युवा पत्रकार को पूछताछ के लिए थाने बुलाया. थाने में मौजूद एक पत्रकार सुरेश मिश्रा खुद पुलिस वाला बन गया और उस युवा पत्रकार से पूछताछ करने लगा. बाद में पुलिस ने युवा पत्रकार को थाने में बंद कर दिया.
इस प्रकरण पर पूछताछ करने वाले पत्रकार सुरेश मिश्रा का पक्ष ये है-
अपने आप को पत्रकार बताने वाले उक्त लड़के की कहानी सुन लीजिए। लड़की की बुआ और भाई थाने में आकर फूट फूट कर रो रहे थे और कह रहे थे कि पत्रकारिता की धौंस दिखाकर उक्त युवक उसकी 14 वर्षीय बहन को फोन से बुलाकर ले जाता है । लड़की अभी बहुत छोटी है और उसको अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं। कथित पत्रकार उल्टी धौंस भी देता है। जब उक्त लड़का थाने में आया तो माइक आईडी और कार्ड के साथ पूरी धौंस में घुसा। पत्रकारिता की पूरी हनक दिखाते हुए कहने लगा कि मैं पत्रकार हूँ और लड़की मेरे साथ अपनी इच्छा से आती है तो उसमें दूसरे को क्या दिक्कत।
प्यार करना कोई अपराध नहीं, किन्तु एक 14 वर्षीय बच्ची को घर से बाहर ले जाना मुझे गलत लगा। इसके बाद घर की इज्जत की दुहाई देकर उसके परिजनों द्वारा फूट फूट कर रोना मुझे क्रोधित कर दिया। मैं समझता हूं कि पत्रकार समाज में एक आदर्श माना जाता है। उसके गलत कृत्य से पूरी विरादरी बदनाम होती है। मैं समझता हूं कि उस समय यदि आप स्वयं उपस्थित होते तो आपको भी उसके कृत्य पर बुरा लगता। क्या मैं उसके इस कृत्य का समर्थन करता?