दिनांक 19/03/2021
प्रति
श्री सत्येन्द्र कुशवाहा
मैनेजिंग डायरेक्टर
प्राइम टीवी इंडिया
शालीमार बिल्डिंग, लखनऊ
विषय : दिनांक 18 मार्च 2021 को प्राइम टीवी इंडिया संस्थान से प्राप्त हुए पत्र के सन्दर्भ में.
महोदय
मैं ……….. आपके संस्थान में विगत दो से माह बतौर एंकर एवं रिपोर्टर कार्यरत हूँ. मुझे कल आपकी ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ जो अंग्रेजी भाषा में था. मै विनम्रता पूर्वक कहना चाहूंगी कि पत्र में लिखी गयी अंग्रेजी भाषा इतनी अटपटी है कि पत्र का उद्देश्य तक समझ पाना कठिन है.
मैं अपने ज्ञान से जो थोड़ा बहुत समझ पाई वो यही था कि मुझे संस्थान से निकाला जा रहा है. वैसे आपके पत्र में लिखी भाषा कुछ इस प्रकार है “in case this organization make you suspend or terminate your work from here“ महोदय इन पंक्तियों से ये आशय निकाल पाना अति कठिन है कि मुझे “suspend” किया जा रहा है या फिर “terminate”. मैं विनम्रता पूर्वक आपको ये बताना चाहती हूँ कि “Suspension is a temporary separation from work, while termination or discharge means permanent dismissal.” यद्यपि इसी पत्र में लिखित वाक्य “ We took this decision to hire you and giving you one week time period. After seeing your such irresponsibility and non dedication towards the organization” के भी आशय को समझ पाना मुश्किल है.
सब कुछ के उपरांत यदि इस पत्र को Termination या suspension कुछ भी मान लिया जाय तो आपने इस पत्र में जो कुछ भी मेरे बारे में लिखा वो बेहद आपत्तिजनक एवं झूठ है. मैं इसलिए भी इस पत्र का विरोध करती हूँ क्योंकि किसी भी नए संस्थान में joining के लिए जब ये पत्र देखा जाएगा तो मेरे बारे में गलत धारणा बनेगी.
अतः महोदय अनुरोध है कि मेरे suspension या termination का सही कारण लिखते हुए मुझे पत्र दें.
वैसे महोदय यदि आप सही कारण स्मरण ना कर पा रहे हों तो मैं आपके स्मृति पटल पर सच्चाई उकेरना चाहती हूँ.
महोदय मुझे आपके संस्थान में साक्षात्कार एवं biodata देने के उपरांत बतौर एंकर एवं रिपोर्टर नियुक्त किया गया. मैं अपना काम संस्थान के प्रति समर्पित हो कर कर रही थी. किन्तु यहाँ के माहौल में ऋषभ श्रीवास्तव सर की प्रताड़ना कूट कूट कर भरी हुयी थी.
यहाँ मैं पत्रकारिता करने आयी थी लेकिन मुझ पर बड़ी बड़ी शख्शियत से धन उगाही का दबाव बनाया जाने लगा. मुझे समझ में नही आ रहा था कि मैं इस माहौल में कैसे नौकरी करूँ. मुझसे कहा गया पंचायत चुनाव आ रहे हैं. पैसे वाले लोगो को खोजो जो पंचायती चुनाव लड़ रहे हों और उनसे पैसे लेकर आओ.
मेरे मना करने पर तरह तरह मुझे मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी.
मुझे महाराज आनंद गिरी के इंटरव्यू प्रोग्राम के लिए भेजा गया. इंटरव्यू के बाद मुझ पर दबाव डाल कर पैसे मांगने के लिए कहा गया. बहुत मजबूरी में मैंने ऐसा किया भी. इसके बाद राज्य सभा सांसद RK Singh का इंटरव्यू लाइन अप हुआ. मुझे रात को 11 बजे फ़ोन करके कहा जा रहा है कि वहाँ से तुम्हें पैसे भी लाने होंगे. मेरे मना कर देने पर मुझे बुरा भला कहा गया और बार बार ऑफ स्क्रीन कर देने की धमकी दी गयी.
यहाँ काम करने की शर्त पत्रकारिता की योग्यता नहीं बल्कि धन उगाही की क्षमता है. मैं ये मानसिक दबाव बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. तब मैंने पूरी बात अपने पापा को बतायी. मेरे पापा ने तुरंत उसी रात ऋषभ श्रीवास्तव सर से बात कर बहुत कड़े तरीके से धन उगाही कराए जाने की भर्त्सना की. साथ ही उन्होंने कहा कि आप हमारे बच्चे से पत्रकारिता के बजाय जो धन उगाही का काम करा रहे हैं वो गलत है. जरुरत पड़ने पर मैं इस कारनामे की शिकायत भी करूँगा.
इस घटना के बाद ऋषभ सर घबरा गए. अपने बुरे कर्मों पर पर्दा डालने के लिए मेरे उपर तरह तरह के लांछन लगाने लगे. ऋषभ सर को डर था कि उनके कारनामों का पर्दाफ़ाश एवं शिकायत हो सकती है. अब ऋषभ सर तथ्यों में हेर फेर करने के लिए मेरे बारे में गलत अफवाह फैलाने लगे. मुझे ऑफिस में पहली बार बहुत अच्छे तरीके से बात करते हुए कहा कि आज तुम घर जाओ, कल से ऑफिस आना, फिर तुम मन लगा कर काम करना, अब तुमको कोई पैसे लाने के लिए कोई नहीं बोलेगा. जब अगले दिन गयी तो पूरे न्यूज़ रूम में मेरे लिए बायकाट जैसा माहौल था जो कि मुझे हताश करने के लिए रचा गया था ताकि इससे मैं खुद ही परेशान हो कर संस्थान छोड़ दूं और ऋषभ सर के कारनामों पर कोई बात ना हो सके, तभी अचानक मुझे “suspension or termination” लैटर दे दिया गया.
इस पत्र में लिखे हर तथ्य को पढ़ कर आश्चर्य चकित रह गयी. जिस तरह के झूठे आरोप मुझ पर गढ़े गए वो मेरे लिए अपमानजनक है.
मेरे लिए आपने शब्द इस्तेमाल किया “You Should be shameful” तो श्री मान शर्म तो आपको आनी चाहिए कि आप अपने महिला पत्रकारों को धन उगाही के लिए इस्तेमाल करते हैं . ऐसा ना करने पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं और विरोध करने पर झूठे आरोप लगाते हुए निष्काषित कर देते हैं.
आपने मेरे आने जाने के समय पर प्रश्नचिह्न लगाया है तो महोदय मैं बता दूं कि कृपया एक बार आप अपने संस्थान का रजिस्टर चेक कर लीजिये. आपका ये आरोप बेबुनियाद पाया जायेगा. वैसे जानकारी के लिए बता दूं कि इस संस्थान के लिए मैंने सुबह से शाम तक लगातार पूरे परिश्रम और समर्पण से लग कर काम किया है. रिपोर्टिंग के लिए रात दिन एक करके काम किया है और अगले दिन बिना सोये बिना विश्राम किये ऑफिस भी पहुची हूँ. तबीयत खराब रहने की अवस्था में भी मैं ऑफिस आई हूँ सिर्फ अपने काम को पूरा करने के लिए. जबकि बेवज़ह सैलरी काटने में भी आप अग्रणी रहे हैं. अभी तो मैं उसकी बात ही नहीं कर रही हूँ.
आपने पत्र में लिखा मैं सही तरीके से बात नहीं करती तो इसका मतलब अगर मैं पैसे मांगने से मना करती हूँ तो मैं सही तरीके से बात नहीं करती! आपका ये मापदंड दुखद है.
आपने मेरे लिए unloyal शब्द इस्तेमाल किया. मतलब अगर मैं आपके कहने से सबसे पैसे वसलू लूं तो ही मैं loyal हूँ. दुखद है ये मापदंड.
महोदय अंततः अनुरोध है कृपया मेरे suspension या termination लैटर पर सही सही कारण लिख कर दें. वैसे मैं भी पत्रकारिता के नाम पर वसूली का धंधा करने वाले संस्थान के साथ कार्य करने की इच्छुक नहीं हूँ.
पुनः आग्रह करती हूँ कृपया सही कारण के साथ मुझे suspension या टर्मिनेशन लैटर दें.
धन्यवाद
(महिला एंकर के अनुरोध पर उनका नाम नहीं प्रकाशित किया जा रहा है.)
मूल खबर-
राजकुमार सिंह
March 20, 2021 at 11:20 pm
पहली बात ये कोई चैनल नहीं है, इसे शगुन चैनल के लाइसेंस लीज पर लेकर आने वाला ही इससे अलग हो गया था शुरू में ही, इसे लाने वाले अपने आपको डॉक्टर बताते है तो कोई एंटीक का काम करने वाला बताता है, ज्ञानी वैसे ही जैसे फ्रेंचाइजी देने वाले चैनलों की लाखों रुपए खर्च कर (बिना पत्रकारिता की पढ़ाई किए, बिना फील्ड में गए) ब्यूरो का लेटर लेकर ज्ञानी हो जाते है।
कोई अगर सही से जानता है तो ये जानता है एयरटेल पर ये चैनल किस नम्बर पर कितने दिन दिखा?? और बीच बीच मे शगुन टीवी का लोगो भी आ जाता था।
इसे पोर्टल कहे तो अच्छा है, और चलाने वाले परम् ज्ञानी असल पत्रकार इस ऑफ़िस से दूरी बनाए रहे बेहतर रहेगा न ये कभी आया था आन एयर न आएगा आज धीरे धीरे 4 साल हो रहे।